बुंदेलखंड में बहुरेगी तालाबों की किस्मत

16 Jan 2010
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नई दिल्ली ।। केंद्र सरकार सूखे से बेहाल बुंदेलखंड में जल संचय के प्रचलित साधनों के पुनरोद्धार के लिए मदद देने को सहमत हो गई है। केंद्रीय ग्रामीण विकास राज्यमंत्री प्रदीप जैन आदित्य ने बताया कि उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के 21 जिलों के तालाबों, झीलों, कुओं, बावडि़यों आदि के रखरखाव और उन्हें वापस जल संचय के योग्य बनाने के लिए केंद्र सरकार की सहमति मिल गई है। बुंदेलखंड के लिए विशेष आर-आर-आर (रिपेयर, रेनोवेशन और रेस्टोरेशन) योजना लागू की जा रही है।

प्रदीप जैन ने बताया कि योजना के लागू होने पर झांसी, ललितपुर, जालौन, हमीरपुर, महोबा, चित्रकूट, बांदा, छतरपुर, दतिया, टीकमगढ़, सागर, पन्ना सहित बुंदेलखंड के सभी जिलों में चंदेल कालीन तालाबों बावड़ियों, कुओं, छोटे पोखरों, झीलों की मरम्मत और पुनरोद्धार के लिए केंद्र से 90 प्रतिशत राशि मिलेगी। राज्यों को केवल 10 प्रतिशत ही खर्च करना पड़ेगा। जैन ने कहा कि यह योजना ठीक से लागू होने पर बुंदेलखंड में पानी की समस्या हमेशा के लिए खत्म हो जाएगी।

जैन ने जल संसाधन विकास मंत्री पवन कुमार बंसल को विस्तार से बुंदेलखंड की समस्या बताई थी। झांसी से सांसद जैन ने बताया कि पांच-छह साल से बुंदेलखंड में अनियमित बारिश हो रही है। बुंदेलखंड में राजशाही के जमाने में पानी जमा करने के लिए बड़े-बड़े तालाब बनाए गए थे। बुंदेलखंड में तालाब और बावड़ियों के जरिये सदियों से पानी की समस्या का समाधान किया जाता रहा है। बंसल ने बताया कि 11वीं पंचवर्षीय योजना में उड़ीसा के कई जिलों में आर-आर-आर योजना लागू की गई है। इसमें राज्य सरकारों के प्रस्ताव मिलने के बाद बुंदेलखंड को भी शामिल किया जाएगा।
 

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