भारत में भूजल प्रदूषण की दशा

8 Jun 2020
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भारत में भूजल प्रदूषण की दशा
भारत में भूजल प्रदूषण की दशा

इंसान के जीवित रहने के लिए पानी कितना जरूरी है, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है, कि एक व्यक्ति के शरीर में लगभग 70 प्रतिशत जल होता है, तो वहीं कई जीवों के शरीर में लगभग 90 प्रतिशत जल होता है। जिस प्रकार मशीन को चलाने के लिए ईंधन की आश्वयकता होती है। ईंधन की मात्रा कम होने या गुणवत्ता खराब होने पर मशीन या तो खराब हो जाती है या बंद पड़ जाती है, उसी प्रकार का कार्य इंसान के शरीर में जल करता है। कम जल पीने पर डिहाइड्रेशन होता है और कई बीमारियां लग जाती हैं, तो वहीं जल की गुणवत्ता खराब होने से भी विभिन्न घातक बीमारियों की चपेट में इंसान आ जाता है। दूषित जल से कैंसर तक हो सकता है, लेकिन भारत में साफ पानी के अभाव का मुद्दा गहराता जा रहा है। जल प्रदूषण के कारण होने वाली बीमारियों के चलते देश में हर साल 6 लाख से ज्यादा लोगों की मौत होती है, लेकिन ये समस्या कम होने की बजाए और बढ़ती जा रही है। कई स्थानों पर तो लोगों को बूंद बूंद पानी के लिए मोहताज होना पड़ रहा है। भारत में भूजल प्रदूषण की स्थिति का अंदाजा जलशक्ति मंत्रालय के आंकड़ों से आसानी से लगाया जा सकता है। 

जलशक्ति मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार भूजल में फ्लोराइड, नाइट्रेट, आर्सेनिक, आयरन, क्रोमियम, लेड, कैडमियम और लवणता अधिकतम निर्धारित मात्रा से अधिक है। इन सभी प्रदूषकों की अधिक मात्रा स्वास्थ्य के लिए काफी नुकानदायक है। क्योंकि फ्लोराइड हड्डियों और दांतों को कमजोर कर देता है। इससे हड्डियां मुड़ने लगती हैं। जोड़ों में दर्द रहता और थाइराइड की ग्रंथियों को ये क्षति पहुंचाता है। नाइट्रेट से मेथेमोग्लोबिनेमिया की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। इस अवस्था में खून से शरीर को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिल पाता है। आयरन की कमी से दिल, लीवर और पेनक्रियाज को नुकसान पहुंचता है। आयरन की मात्रा बढ़ने से मधुमेह होने का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। आर्सेनिक की मात्रा का बढ़ना भी काफी खतरनाक होता है। आर्सेनिक की अधिक मात्रा से त्वचा रोग, आंखों के रोग, कैंसर, फेंफड़ों और किडनी से संबंधित आदि बीमारियों के होने का खतरा रहता है। 

क्रोमियम की मात्रा बढ़ने से पेट में अल्सर, कैंसर, किडनी और लीवर की गंभीर बीमारिया हो सकती हैं। लेड की मात्रा बढ़ने से दिमाग का विकास कम हो जाता है और तंत्रिका तंत्र कमजोर पड़ने लगता है। कैडमियम की अधिकता बढ़ने से लीवर का नुकसान पहुंचता है। गुर्दे खराब होने लगते हैं और शरीर में ऐंठन और खबराहट महसूस होने लगती है। लवणता बढ़ने से ब्लड प्रेशर बढ़ता है। इसलिए देश में पानी जैसे जैसे पानी प्रदूषित हो रहा है, उसी के कारण ये बीमारियां भी तेजी से बढ़ रही हैं। जलशक्ति मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार भूजल प्रदूषण की राज्यवार स्थिति नीचे दी गई है। इन आंकड़ों में जम्मू कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश के रूप में शामिल किया गया है। 

फ्लोराइड

भारत के 23 राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के 370 जिलोें के भूजल में फ्लोराइड की मात्रा 1.5 मिलीग्राम प्रति लीटर से अधिक है। इनमें मध्यप्रदेश के सबसे ज्यादा 43 जिले शामिल हैं, जबकि उत्तर प्रदेश के 34, राजस्थान के 33, कर्नाटक के 30, ओडिशा के 26, तमिलनाडु के 25, गुजरात के 22, हरियाणा के 21, छत्तीगढ़ के 19, पंजाब के 19, महाराष्ट्र के 17, बिहार के 13, आंध्र प्रदेश के 12, झारखंड के 12, तेलंगाना के 10, असम के 9, पश्चिम बंगाल के 8, दिल्ली के 7, केरल के पांच, जम्मू और कश्मीर के 2, मणिपुर, मेघालय और नागालैंड का एक-एक जिला शामिल है।

नाइट्रेट

देश के 23 राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के 423 जिलोें के भूजल में नाइट्रेट की मात्रा 45 मिलीग्राम प्रति लीटर से अधिक है। इसमें सबसे अधिक जिले (89 जिले) उत्तर प्रदेश के शामिल हैं, जबकि मध्य प्रदेश के 51, राजस्थान के 33, महाराष्ट्र के 30, कर्नाटक के 29, तमिलनाडु के 29, ओडिशा के 28, गुजरात के 24, हरियाणा के 21, पंजाब के 21, आंध्रे प्रदेश के 13, छत्तीसगढ़ के 12, झारखंड के 11, केरल के 11, बिहार के 10, तेलंगाना के 10, दिल्ली के 8, हिमाचल प्रदेश के 6, जम्मू और कश्मीर के 6, पश्चिम बंगाल के 5, उत्तराखंड के 4, दमन और दीव के 1 और पुडुचेरी के 1 जिले में भूजल में नाइट्रेट की मात्रा 45 मिलीग्राम प्रति लीटर से अधिक है। 

आर्सेनिक

21 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 152 जिलों में के भूजल में आर्सेनिक की मात्रा 0.01 मिलीग्राम प्रति लीटर से अधिक है। उत्तर प्रदेश के 28 जिलों के भूजल में आर्सेनिक निर्धारित मात्रा से अधिक है, जबकि बिहार के 22, असम के 19, हरियाणा के 15, गुजरात के 12, पंजाब के 10, तमिलनाडु के 9, पश्चिम बंगाल के 9, मध्य प्रदेश क 8, आंध्र प्रदेश के 3, जम्मू और कश्मीर के 3, दिल्ली, झारखंड, कर्नाटक और मणिपुर के दो-दो, छत्तीसगढ़, दमन और दीव, हिमाचल प्रदेश, ओडिशा, राजस्थान और तेलगांना के एक-एक जिले में आर्सेनिक की मात्रा भूजल में 0.01 मिलीग्राम प्रति लीटर से अधिक है।

आयरन

देश के 21 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 341 के भूजल में आयरन की मात्रा 1 मिलीग्राम प्रति लीटर से अधिक है। इनमें मध्य प्रदेश के 41 जिले शामिल हैं, जबकि राजस्थान के 33, ओडिशा के 30, कर्नाटक के 22, महाराष्ट्र के 20, बिहार के 19, असम के 18, छत्तीसगढ़ के 17, हरियाणा के 17, पश्चिम बंगाल के 16, उत्तर प्रदेश के 15, केरल के 14, गुजरात के 10, जम्मू और कश्मीर के 9, पंजाब के 9, तेलंगाना के 8, आंध्र प्रदेश के 7, झारखंड के 6, मेघालय के 6, उत्तराखंड के पांच, अरुणाचल प्रदेश के 4, मणिुपर के 4, त्रिपुरा के 4, अंडमान-निकोबार के 2, गोवा के 2, तमिलनाडु के दो और नागालैंड का एक जिला शामिल है। 

लवणता

देश के 18 राज्यों और संघ शासित प्रदेशों के 249 जिलों के भूजल में लवणता 3000 माइक्रो एमएचओएस प्रति सेंटीमीटर से अधिक इलेक्ट्रिकल कंडक्टिविटी पाई गई है। इनमें पुड्डुचेरी के 30 जिले शामिल हैं, जबकि झारखंड के 29, पंजाब के 28, मध्य प्रदेश के 25, गोवा के 21, गुजरात के 18, केरल के 18, नागालैंड के 17, तमिलनाडु के 13, अंडमान-निकोबार के 12, ओडिशा के 10, आंध्र प्रदेश के 8, दमन और दीव के 7, त्रिपुरा के 6, कर्नाटक के 4, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के एक-एक जिला शामिल हैं।

लेड

14 राज्यों के 92 जिलों के भूजल में लेड की मात्रा 0.01 मिलीग्राम प्रति लीटर से अधिक पाई गई है। इनमें महाराष्ट्र के 19 जिले, हरियाणा के 17, मध्य प्रदेश के 16, उत्तर प्रदेश के 10, पंजाब के 6, पश्चिम बंगाल के 6, दिल्ली के 3, जम्मू और कश्मीर के 3, राजस्थान के 3, तमिलनाडु के 3, केरल के 2, तेलंगाना के 2, छत्तीसगढ़ और झारखंड के एक-एक जिला शामिल है।

कैडमियम

देश के 9 राज्यों के 24 जिलों के भूजल में कैडमियम की मात्रा 0.003 मिलीग्राम प्रति लीटर से अधिक मिली है। इनमें पंजाब के 8 जिले, हरियाणा के 7, उत्तर प्रदेश के 2, पश्चिम बंगाल के 2, छत्तीसगढ़, दिल्ली, जम्मू-कश्मीर, तमिलनाडु और तेलंगाना का एक-एक जिला शामिल है।

क्रोमियम 

देश के 10 राज्यों के 29 जिलों के भूजल में क्रोमियम की मात्रा 0.05 मिलीग्राम प्रति लीटर से अधिक पाई गई है। इनमें पंजाब के 10 जिले, तमिलनाडु के 5, दिल्ली के 4, उत्तर प्रदेश के 3, पश्चिम बंगाल के 2, छत्तीसगढ़, हरियाणा, केरल, ओडिशा और तेलंगाना का एक-एक जिला शामिल है।


हिमांशु भट्ट (8057170025)

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