भारी बारिश से जलाशयों में बढ़ा जलस्तर,टूटा 10 साल का रिकॉर्ड

14 Oct 2022
0 mins read
भारी बारिश से जलाशयों में बढ़ा जलस्तर फोटो- indiawaterportal
भारी बारिश से जलाशयों में बढ़ा जलस्तर फोटो- indiawaterportal

केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) ने गुरुवार को अपनी ताजा रिपोर्ट में कहा कि देश के 143 प्रमुख जलाशयों में औसत जल स्तर सालाना 8% और पिछले 10 वर्षों के औसत से 17% अधिक है।

भारत मौसम विज्ञान विभाग के आंकड़ों के अनुसार, प्रमुख जलाशयों में उच्च जल स्तर 1 अक्टूबर से 13 अक्टूबर तक 'मानसून के बाद' के मौसम के दौरान 90% अधिक वर्षा होने के कारण  हुआ है। इस महीने उत्तर पश्चिमी क्षेत्र में सामान्य से 366% अधिक बारिश हुई है। रबी की फसलों की बुवाई मे उच्च जल स्तर कृषि भूमि को सिंचाई करने में मदद कर सकता है । वही वर्त्तमान में देश में लगभग 48% कृषि भूमि सिंचित होती है।

सीडब्ल्यूसी द्वारा जिन 143 जलाशयों के जल स्तर की निगरानी की जाती है, उनमें से 112 पश्चिम, मध्य और दक्षिणी क्षेत्रों में स्थित हैं, जहां दक्षिण-पश्चिम मानसून के मौसम (जून-सितंबर) में सामान्य से अधिक वर्षा हुई है। जलाशयों में 159 बिलियन क्यूबिक मीटर (बीसीएम) पानी भरा हुआ है, जो उनकी संयुक्त क्षमता का 90% है। नवीनतम सीडब्ल्यूसी के गाइडलाइन के अनुसार, एक साल पहले जलाशयों में उपलब्ध पानी 146 बीसीएम था, और पिछले 10 वर्षों का औसत 136 बीसीएम था।

जलाशयों का वर्तमान जल स्तर पिछले वर्ष की इसी अवधि के संग्रहण का 108 प्रतिशत और पिछले 10 वर्षों के औसत संग्रहण का 117 प्रतिशत था।जलाशयों में बढ़ा हुआ जल का स्तर नहर प्रणालियों के माध्यम से सिंचाई की आवश्यकता को पूरा करने में मदद करती है। इन जलाशयों में से 46 जल विद्युत सयंत्रो से  60 मेगावाट से अधिक  बिजली पैदा की जाती है  ।  

जल स्तर में क्षेत्रीय भिन्नताओं के अनुसार, मध्य क्षेत्र के 26 जलाशयों  में  उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ और दक्षिणी क्षेत्र के 39 जलाशयों में आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु में पिछले साल और औसतम पिछले 10 वर्षों की तुलना मे इस बार अधिक बारिश हुई है । पूर्वी क्षेत्र - झारखंड, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा, नागालैंड और बिहार में 21 जलाशयों का जल स्तर एक साल पहले की तुलना में अधिक बढ़ा है, लेकिन वर्तमान जल स्तर पिछले 10 वर्षों के औसत से कम है।

पश्चिमी क्षेत्र के 46 जलाशयों - गुजरात और महाराष्ट्र - में जल स्तर अब पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में अधिक बढ़ा है, साथ ही साथ पिछले दशक के औसत संग्रहण भी है। इसी तरह, उत्तरी क्षेत्र, हिमाचल प्रदेश, पंजाब और राजस्थान के 10 जलाशयों में पिछले साल और पिछले 10 साल के औसत की तुलना में वर्तमान में अधिक पानी है।

जून-सितंबर के मौसम में भारत की मानसून वर्षा सामान्य से 6.5% अधिक थी, क्योंकि मध्य और दक्षिणी क्षेत्रों में अत्यधिक वर्षा पूर्वी और उत्तरी राज्यों में घाटे की भरपाई करती है। मौसम विभाग ने गुरुवार को कहा कि दक्षिण-पश्चिम मानसून अभी भी वापसी के चरण में है।

इस महीने उत्तर और मध्य क्षेत्रों में अत्यधिक वर्षा ने खरीफ फसलों को विशेष रूप से उत्तर प्रदेश में प्रभावित किया है।

Posted by
Get the latest news on water, straight to your inbox
Subscribe Now
Continue reading