दिल्ली जल बोर्ड से लड़ रहे हैं शंभू सिंह
2 September 2011


नई दिल्ली। सिटीजन जर्नलिस्ट शंभू सिंह दिल्ली में ताहिरपुर के कुष्ठ आश्रम में रहते हैं। इस बस्ती में रोजाना पानी आता नहीं है और जब आता है तो मुंह चिढ़ाता है। जो पानी दिल्ली जल बोर्ड यहां सप्लाई कर रहा है वो बेहद गंदा है। कुष्ठ आश्रम के आसपास की 15 हजार की आबादी पिछले दो महीनों से जिस पानी का इस्तेमाल रोजमर्रा के कामों में कर रही है वो जहर से कम नहीं है, लेकिन मजबूरी ऐसी है कि जान-बूझकर इस जहर के घूंट को पीना पड़ रहा है।

शंभू सिंह ने खराब पानी की सप्लाई के बारे में जल बोर्ड के ऑफिस में पता किया, तो कयास लगाकर उन्हें बताया गया कि पाइपलाइन में कहीं फाल्ट हो गया है जिसकी वजह से किसी नाले का गंदा पानी, पीने के पानी के साथ मिलकर लोगों तक पहुंच रहा है। इन लोगों ने कई बार अधिकारियों से फाल्ट सुधारने की गुजारिश की। उन्हें आश्वासन तो दे दिए गए लेकिन कार्रवाई कुछ भी नहीं की गई।

शंभू सिंह ने अपने इलाके की समस्या सुलझाने के लिए हस्ताक्षर अभियान चलाया। वे जल्द ही दिल्ली जल बोर्ड के बड़े अधिकारियों को ये हस्ताक्षर सौंपेंगे। शंभू इलाके के असिस्टेंट इंजीनियर से मिलने भी गए, लेकिन वो उनसे मिलने तक को तैयार नहीं है। अफसरों का रवैया चाहे कुछ भी हो लेकिन शंभू ने ठान ली है कि वो किसी भी कीमत पर लोगों को साफ पानी मुहैया कराकर ही मानेंगे।
 

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