ग़ैर सरकारी संगठनों के प्रबंधन में रोजगार के अवसर

23 Nov 2009
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एनजीओज या ग़ैर सरकारी संगठन स्थानीय, राष्ट्रीय या अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर स्थापित गैर लाभ कमाने वाले स्वैच्छिक समूह हैं। वे समाज की विभिन्न समस्याओं के हल तथा विकास के लिए विभिन्न तरह के कार्य करते हैं। ये संगठन सरकारी या निजी क्षेत्र की फर्मों से जुड़े हैं। वे महिला अधिकारिता, बालिका, लिंग भेद संबंधी मुद्दों, शिक्षा, प्रदूषण, झुग्गी-झोंपड़ियों के निवासियों, स्वास्थ्य, शहरी विकास, मानवाधिकारों तथा कम सुविधा प्राप्त लोगों आदि से संबंधित विभिन्न सामाजिक मुद्दों से जुड़े कार्य करते हैं।

ग़ैर-सरकारी संगठन लोगों की चिंताओं और मामलों को सरकार तथा नीति निर्धारकों तक पहुंचाते हैं। गैर लाभ कमाने वाला, स्वैच्छिक, सेवा-उन्मुख/ विकासोन्मुख संगठन या तो सदस्यों के लाभ के लिए ;जमीनी स्तर का संगठन अथवा समाज के अन्य सदस्यों के लाभ के लिए कार्य करता है। यह एक निजी व्यक्तियों का संगठन होता है जो कुछेक मौलिक सामाजिक सिद्वान्तों में विश्वास रखता है तथा जो उन समुदायों के विकास के लिए काम करता है जिसके लिए वे सेवारत हैं। एक स्वतंत्रा, लोकतांत्रिक, ग़ैर-सम्प्रदायवादी व्यक्तियों का संगठन आर्थिक और/या सामाजिक रूप से पिछड़े समूहों के सशक्तिकरण के लिए महत्वपूर्ण योगदान कर सकता है। गैर-लाभ क्षेत्र मुख्य पाठ्यक्रम से ज्यादा दूर नहीं है- जिसके बारे में मैं यहां पर बात कर रहा हूं? यहां तक कि नब्बे के दशक के अंत में भी, गैर-लाभ के क्षेत्र ने सदैव ज्यादातर अन्य प्रमुख व्यवसायों की द्वितीय कमानी की भूमिका निभाई। परिणामस्वरूप, गैर-लाभ विषय क्षेत्रों में पाठ्यक्रमों का विकास भी पिछड़ गया। लेकिन अब स्थिति पूर्णतया भिन्न है। सरकारी नीतियों, वर्तमान गैर-सरकारी संगठनों के कार्यों तथा मीडिया ने गैर-लाभ प्रबंधन को मुख्य कॅरिअर विकल्प के रूप में आगे लाने के वास्ते बहुत कुछ करना है।

भारत में ग़ैर-लाभ प्रबंधन में स्नातक कार्यक्रम


गैर-लाभ क्षेत्र में सेवा के लिए मौलिक योग्यताएं अपेक्षित नहीं हैं। आप कुछ न कुछ योगदान कर सकते हैं, भले ही आप किसी भी क्षेत्र में योग्यताएं रखते हैं। उदाहरण के तौर पर यदि आप एक वकील हैं तो शोषित वर्गों को मुफ्त कानूनी सेवाएं प्रदान कर सकते हैं। लेकिन यदि आप इसमें रोजगार के बारे में सोच रहे हैं तो आपके पास इससे संबंधित डिग्रियां होनी चाहिए। आदर्शतः समाज कल्याण में डिग्री (एमएसडब्ल्यू), ग्रामीण प्रबंधन में डिग्री या समाज विज्ञानों में कोई भी डिग्री इस क्षेत्र में आपके लिए मजबूत आधार साबित हो सकती है।

गैर-सरकारी संगठन में रोजगार के लिए अपेक्षित योग्यता सामाजिक क्षेत्र में प्रवेश के वास्ते कोई विशेष शैक्षणिक योग्यता अपेक्षित नहीं है। लेकिन समाज कल्याण में मास्टर डिग्री (एमएसडब्ल्यू), समाज विज्ञानों या ग्रामीण प्रबंध् में कोई भी मास्टर डिग्री गैर-सरकारी संगठनों में अच्छे रोजगार की प्राप्ति की दिशा में आपके लिए लाभदायक साबित हो सकती है। समाज कार्य से संबंधित पाठ्यक्रम हैं : बीएसडब्ल्यू या समाज कल्याण में बीए या समाज कल्याण में एमए। यदि छात्र आगे अध्ययन जारी रखना चाहते हैं तो एम.फिल या पी.एच.डी. कार्यक्रम के लिए पढ़ाई कर सकते हैं। डिप्लोमा और डिग्री पाठ्यक्रम भारत में कई विश्वविद्यालयों तथा संस्थानों द्वारा संचालित किए जाते हैं। इनमें से कुछेक हैं : भारतीय समाज कल्याण एवं व्यवसाय प्रबंधन संस्थान, कोलकाता, टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेस, मुंबई, दिल्ली विश्वविद्यालय, राजस्थान विश्वविद्यालय, जामिया मिल्लिया विश्वविद्यालय आदि।

भारत में गैर-सरकारी संगठन क्षेत्र का देश भर में व्यापक रूप से विस्तार हुआ है। यह क्षेत्र विशेष रूप से दूरदराज के और ग्रामीण क्षेत्रों में छाया हुआ है।

भारत में विभिन्न प्रकार के गैर-सरकारी संगठन हैं, जैसे कि स्वैच्छिक संगठन, जमीनी स्तर के संगठन, सामाजिक संस्थाएं, निजी स्वैच्छिक संगठन, परिवर्ती सामाजिक आंदोलन संगठन तथा स्वयं सहायता समूह (एसएसजी)/भारत में कुछेक महत्वपूर्ण गैर-सरकारी संगठन हैं -बाल कल्याण और आप (सीआरवाई), रेडक्रास सोसाइटी, केअर, राष्ट्रीय जन सहयोग एवं बाल विकास संस्थान (एनआईपीसीसीडी). कुछेक लोकप्रिय एनजीओज् हैं विश्व वन्यजीव कोष, ब्रैड फॉर दि वर्ल्ड, यूनिसेफ, डब्ल्यूएचओ, युनेस्को, एमनेस्टी आदि।यदि आप किसी ऐसे गैर-लाभ क्षेत्र के लिए काम करना चाहते हैं जो शोध् से जुड़े कार्य कर रहा है तो आपके पास संबंधित क्षेत्र में डॉक्टरल डिग्री अथवा कम से कम स्नातकोत्तर योग्यता होनी चाहिए। (यदि आप किसी पर्यावरणीय एनजीओ से जुड़ी शोध् परियोजना में काम कर रहे हैं तो आपके पास पर्यावरणीय विज्ञान में मास्टर डिग्री होनी चाहिए)।

सामान्यतः XIIवीं श्रेणी के बाद समाज विज्ञान विषय क्षेत्र से कोई एक विषय को चुन लिया जाना चाहिए और इसके बाद एमएसडब्ल्यू में मास्टर्स या समाज कार्य में एमए की डिग्री हासिल कर लेना उचित रहेगा। ऐसे पाठ्यक्रम संचालित करने वाले कुछेक जाने माने संस्थान निम्नानुसार हैं :

टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेस, मुंबई, जेविअर इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेस, रांची तथा ग्रामीण प्रबंधन संस्थान, आणंद। पर्यावरणीय और वानिकी प्रबंधन में भी कुछेक संस्थानों द्वारा डिग्री कार्यक्रम संचालित किए जाते हैं (भारतीय वन प्रबंध् संस्थान, भोपाल)। आप कुछ विशिष्ट क्षेत्रों में, जैसे कि श्रव्य विकलांगता या शारीरिक विकलांगता आदि में डिप्लोमा भी प्राप्त कर सकते हैं। कुछ संस्थानों की सूची नीचे दी गई है तथा उनके पते भी दिए गए हैं :-

राष्ट्रीय श्रव्य विकलांग संस्थान, बान्द्रा रिक्लेमेशन, बांद्रा (प.), मुंबई-400050।
भारतीय पुनर्वास परिषद, विष्णु दिगम्बर मार्ग, नई दिल्ली-110002 द्वारा फिजियोथेरेपी, आक्यूपेशनल थेरेपी तथा मानसिक विकलांगता में पाठ्यक्रम कटक, कोलकाता और सिकंदराबाद में संचालित किए जाते हैं।
मानसिक विकलांगता से संबंधित पाठ्यक्रम में डिप्लोमा विभिन्न राज्यों में राष्ट्रीय मानसिक विकलांगता संस्थान, मनोविकास नगर, सिकंदराबाद-500009 द्वारा आयोजित किए जाते हैं।
ग्रामीण प्रबंध् में स्नातकोत्तर कार्यक्रम भारतीय ग्रामीण प्रबंध् संस्थान, आणंद द्वारा संचालित किए जाते हैं।
टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसिस, ट्राम्बे रोड, दिओनार, मुंबई-400088 द्वारा सामाजिक कार्य में एम.ए. पाठ्यक्रम संचालित किया जाता है।
जेविअर इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल सर्विस, पुरुलिया रोड, रांची-834001 द्वारा ग्रामीण विकास और सामाजिक कार्य में स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम संचालित किए जाते हैं।

सामाजिक कार्यक्रम में एम.ए कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय द्वारा संचालित किया जाता है।

लखनऊ विश्वविद्यालय, लखनऊ द्वारा सामाजिक कार्य में एम.ए और डिप्लोमा संचालित किया जाता है।
एम.ए, देवी अहिल्या विश्वविद्यालय, इंदौर-452001 एम.ए, विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन-456010
एम.ए, काशी विद्यापीठ, वाराणसी-221002
लखनऊ विश्वविद्यालय, बादशाह बाग, लखनऊ-226007
एम.ए, एम.एस. डब्ल्यू., आगरा विश्वविद्यालय, आगरा
एम.ए, दिल्ली विश्वविद्यालय, दिल्ली-110007
एम.ए, जामिया मिल्लिया इस्लामिया, जामिया नगर, नई दिल्ली-110025
बी.ए, एम.ए, कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय, कुरुक्षेत्र-132119
बी.ए, पंजाबी विश्वविद्यालय, पटियाला-147002
एम.ए, राजस्थान विद्यापीठ, उदयपुर-313001
एम.ए, एम.एस.डब्ल्यू, गुजरात विद्यापीठ, अहमदाबाद-380014
बी.ए, शिवाजी विश्वविद्यालय, विद्यानगर, कोल्हापुर- 416004
एम.एस.डब्ल्यू, नागपुर विश्वविद्यालय, एमजी मार्ग, नागपुर- 440001
एम.ए, एम.एस, टाटा इंस्टीट्यूट ऑपफ सोशल साइंसिस, दिओनार, बंबई-400088
एम.एस.डब्ल्यू, बड़ौदा विश्वविद्यालय, बड़ौदरा-390002
बी.एस.डब्ल्यू, एम.एस.डब्ल्यू, अमरावती विश्वविद्यालय, निकट तपोवन, अमरावती 446002
बी.एस.डब्ल्यू एम.एस.डब्ल्यू, बंबई विश्वविद्यालय, एमजी रोड, पफोर्ट, मुंबई-400032
बी.एस.डब्ल्यू, एम.एस.डब्ल्यू, नागपुर विश्वविद्यालय, एमजी मार्ग, नागपुर- 440007
एम.एस.डब्ल्यू, पुणे विश्वविद्यालय, गणेशखिण्ड, पुणे-411007
बी.एस.डब्ल्यू, मराठवाड़ा विश्वविद्यालय, औरंगाबाद-431004
एमएसडब्ल्यू दक्षिणी क्षेत्र बी.ए, एम.ए, आन्ध्र विश्वविद्यालय, वाल्टेय- 530003 बी.ए, नागार्जुन विश्वविद्यालय, नागार्जुन नगर-522510
बी.ए, श्रीवेंकटेश्वर विश्वविद्यालय, तिरुपति-517502 एम.ए, श्री कृष्ण देवराय विश्वविद्यालय, तिरुपति- 517502
बी.ए एम.ए, कर्नाटक विश्वविद्यालय, पावटे नगर, धरवाड़- 580003
बी.ए, मैंगलोर विश्वविद्यालय, विश्वविद्यालय परिसर, मंगलागंगोत्री-574199
बी.ए, एम.ए, भारथीदासन पालकलाई पेरुन, तिरुचिरापल्ली- 620024
बी.ए, मद्रास विश्वविद्यालय, चेन्नै-600005
एम.ए-एम.एस.डब्ल्यू भरथियार विश्वविद्यालय, मारुथामलै रोड, कोयम्बत्तूर-641046
एम.ए, बी.एस.डब्ल्यू, उस्मानिया विश्वविद्यालय, हैदराबाद-500007
एम.एस.डब्ल्यू, श्री पद्मावती महिला विश्वविद्यालय, तिरुपति- 517502
एम.एस.डब्ल्यू, बंगलौर विश्वविद्यालय, ज्ञान भारती, बंगलौर 560056
एम.ए-सामाजिक कार्य, मदुरै कामराज विश्वविद्यालय पालकलई नगर, मदुरै-625021
एम.एस.डब्ल्यू, केरल विश्वविद्यालय, विश्वविद्यालय पो.आ., तिरुअनंतपुरम-695034
एम.एस.डब्ल्यू, विश्वविभारती, पो.आ. शांतिनिकेतन-731235 बीएसडब्ल्यू (ऑनर्स)
बी.एस.डब्ल्यू, उत्कल विश्वविद्यालय, पो.आवाणी विहार, भुवनेश्वर
(लेखक : शैक्षणिक सलाहकार हैं तथा वे इग्नू के साथ एक समन्वयक के रूप में भी कार्यरत हैं, और जम्मू-स्थित रीच इंडिया फाउण्डेशन नामक एक गैर-सरकारी संगठन संचालित कर रहे हैं)

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