गंगा के अस्तित्व को लेकर लड़ी जा रही लड़ाई

25 May 2019
0 mins read
ganga pollution
ganga pollution

रमन मैग्सेसे पुरस्कार से सम्मानित जल पुरुष राजेन्द्र सिंह के नेतृत्व में बद्रीनाथ धाम के माणा गांव से निकली गंगा अविरल यात्रा संदेश के रुद्रप्रयाग जिला मुख्यालय पहुंचने पर स्थानीय जनता ने जोरदार स्वागत किया। इस मौके पर आयोजित कार्यक्रम में कई लोगों को सम्मानित करते हुए वक्ताओं ने अपने विचार रखे। कार्यक्रम में जल पुरुष राजेन्द्र सिंह ने कहा कि यात्रा का मुख्य उद्देश्य आम जनता को गंगा के प्रति जागरूक करना है। आज के समय में प्रयोगों को बचाने की आवश्यकता है। धीरे-धीरे गंगा का अस्तित्व समाप्त होता जा रहा है। हमें अपनी गंगा मां को बचाना होगा। गंगा की पवित्रता बची रहेगी, तभी हम लोग भी जीवित रह सकते हैं।

जल पुरुष राजेन्द्र सिंह ने कहा कि मोदी सरकार को गंगा की अविरलता को सुनिश्चित करना होगा। बांधों के निर्माण पर रोक लगाना जरूरी है। प्रदेश और केन्द्र की सरकार को जल बिरादरी संगठन की बात को सुनना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि नर, नारी और नदी के संरक्षण के लिए ठोस प्रयास करने की जरूरत है। यदि हम नदी के संरक्षण के लिए सजग नहीं हुए, तो इसके भविष्य में और भी गंभीर परिणाम सामने आएंगे। 

वर्ष 2011 में रमन मैग्सेसे पुरस्कार से सम्मानित जल पुरूष राजेन्द्र सिंह ने उत्तराखंड में बड़े बांधों के निर्माण को पर्यावरणीय व मानवीय दृष्टिकोण से अनुचित बताया। उन्होंने देवभूमि के पंच प्रयागों के संरक्षण के लिए राज्य व केन्द्र सरकार से नीति बनाने की मांग की। इस मौके पर उन्होंने लोगों को नदी, पर्यावरण संरक्षण की शपथ दिलाई। उन्होंने कार्यक्रम में मौजूद रुद्रप्रयाग के विधायक भरत सिंह चौधरी से आग्रह किया कि वे इस विषय पर स्वयं प्रस्ताव बनाकर आगामी विधानसभा सत्र में सरकार को प्रस्तुत करें।

विधायक चौधरी ने कहा कि मानवीय व पर्यावरणीय मूल्यों की सुरक्षा के लिए वे हरसंभव प्रयास करेंगे। उन्होंने मानव जीवन में नदियों के महत्व पर भी चर्चा की। गंगा की अविरलता व निर्मलता के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। केन्द्र सरकार भी गंगा की स्वच्छता के लिए संकल्पित है। इस दिशा में सरकार काम कर रही है। सरकार अब नदियों पर बांध बनाने के बजाय सोलर ऊर्जा के क्षेत्र में ज्यादा काम कर रही है। गंगा अविरल यात्रा संदेश की प्रदेश संयोजक बीना चौधरी ने कहा कि 21वीं सदी में हमें सोच-समझकर विकास को बढ़ावा देना चाहिए।

भौतिक संसाधनों को जुटाने में जिस तरह से जल, जंगल और जमीन को नुकसान पहुंचाया जा रहा है, वह सुखद नहीं है। नीर, नारी और नदी के संरक्षण के लिए वृहद कार्य करने की जरूरत है। इन तीनों का मानव जीवन में महत्वपूर्ण स्थान है। हम सबकी जिम्मेदारी है कि इन्हें अपने प्रवाह में रहने दें। उन्होंने कहा कि अध्यात्म, पर्यावरण, विज्ञान और विकास में आपसी तालमेल बहुत जरूरी है। उन्होंने देवभूमि उत्तराखंड बदरीनाथ, केदारनाथ धाम सहित विष्णुप्रयाग, नंदप्रयाग, कर्णप्रयाग, रुद्रप्रयाग और देवप्रयाग संगम को सुरक्षित व संरक्षित रखने के लिए शासन स्तर पर कानून बनाने पर जोर दिया।

गंगा अविरल यात्रा पहुंची देवप्रयाग

जल बिरादरी संगठन की सात दिवसीय गंगा अविरल यात्रा जल पुरुष राजेन्द्र सिंह की अगुवाई में देवप्रयाग तीर्थ पहुंच गई। जहां भागीरथी अलकनंदा संगम स्थल पर अब की बार, गंगा की अविरल धार की शपथ लेते जल बिरादरी कार्यकर्ताओं ने कहा कि क्षेत्र में प्रस्तावित बांध परियोजनाओं केा किसी कीमत पर नहीं बनने दिया जाएगा। इसके लिए सड़कों पर उतरकर जन आंदोलन किया जाएगा। जल बिरादरी के राष्टीय संयोजक व रमन मैग्सेसे पुरस्कार विजेता राजेन्द्र सिंह ने कहा कि जहां दो नदिया मिलती है। उसके बाद उस जल में विशेष गुण पैदा हो जाते हैं। अलकनंदा में छह प्रयाग बनते है जिससे गंगा विशेष औषधीय गुण युक्त हो जाती है। सरकार बांध निर्माण कर गंगा के इस विशेष गुण को खत्म करने में जुटी है।

जल पुरुष राजेन्द्र सिंह ने कहा कि वह बांध विरोधी नहीं है। वह गंगा के विशेष गुणों को खत्म करने के विरोध में है। उन्होंने कहा कि उनके द्वारा स्वयं जलविहीन क्षेत्रों में बांध बनाए गए हैं। गंगा तट व घाटों का झाड़ू लगाने से गंगा साफ नहीं होगी। इसके लिए वास्तविक प्रयास करना होगा। राजेन्द्र सिंह ने कहा कि उन्होंने जल को ऊपर की ओर पहुंचाने की तकनीके के करीब 11,800 बांध अभी तक बनाए हैं। उत्तराखंड में बनने वाले बांधों से यहां के मिनरल भी नष्ट हो रहे हैं। बांधों से यहां के प्रयागों की हत्या हो रही है। जल बिरादरी की प्रदेश संयोजक बीना चौधरी ने कहा कि देवप्रयाग संगम को कोटली भेल जल विद्युत परियोजना में डुबाने का प्रयास किया जा रहा है। गंगा की अविरलता व निर्मलता के लिए जल बिरादरी बड़े स्तर पर आंदोलन करेगी।

Posted by
Attachment
Get the latest news on water, straight to your inbox
Subscribe Now
Continue reading