गंगा को बचाने के लिए बनें कड़े कानून : स्वामी चिदानंद

गंगा नदी पर प्रदूषण फैलाने के लिए कानून बनना चाहिए। जब तक भय पैदा नहीं होता है शासन नहीं चलता है। इसीलिए गंगा में प्रदूषण दूर करने के लिए कड़े से कड़े कानून बनाकर गंगा विरोधियों में भय पैदा करने के साथ-साथ लोगों को जागरूक बनाना होगा। उन्होंने कहा कि जब टाइगर को मारने पर कड़े से कड़े कानून हैं। दंड का प्रावधान है तो गंगा को प्रदूषण से बचाने के लिए कड़े से कड़े कानून क्यों नहीं बन सकते हैं।

गंगा एक्शन परिवार के प्रमुख परमार्थ निकेतन के स्वामी चिदानंद मुनि ने कहा कि गंगा व पर्यावरण की रक्षा के लिए पर्यावरण पुलिस और गंगा थाने और पॉलीथीन चौकियां बनाई जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि गंगा यमुना समेत कई नदियों का उद्गम स्थल हिमालय है। इसीलिए हिमालय की रक्षा करना हम उत्तराखंडियों का परम कर्तव्य है। वे आज प्रेस क्लब में पत्रकारों से बात कर रहे थे। उन्होंने कहा कि गंगा की रक्षा के लिए जो गंगा थाने व पॉलीथीन चौकियां बने। गंगा में प्रदूषण फैलाने वाले के खिलाफ मुकदमा दर्ज हो।प्रदूषण फैलाने वालों को सश्रम कारावास की सजा मिले। उन्होंने कहा कि गंगा और उसकी सहायक नदियों में प्रदूषण फैलाने वालों पर मुकदमा चलाने के लिए गंगा न्यायालय बनाए जाए और उन पर मुकदमें की कार्रवाई तेजी से चलाई जाए ताकि गंगा पर प्रदूषण फैलाने वालों को कड़ी से कड़ी सजा दी जा सके।

उन्होंने कहा कि लोगों की हत्या करने वालों को मृत्युदंड या आजीवन कारावास दिया जाता है। एक सर्वे के मुताबिक बनारस में गंगा का पानी इतना ज्यादा प्रदूषित हो गया है कि बनारस में उसे पीकर हर एक मीनट में एक व्यक्ति की मौत हो जाती है। इसके लिए वे लोग जिम्मेदार हैं जो गंगाजल को प्रदूषित कर रहे हैं। ऐसे में गंगा को प्रदूषित करने वालों को कड़ी से कड़ी सजा देने का प्रावधान हमारे देश में होना चाहिए। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में कोटद्वार, रामनगर, हल्द्वानी, देहरादून, हरिद्वार पोटा साहिब के पास पर्यावरण पुलिस की तैनाती करनी चाहिए और गंगा थाने व पॉलीथीन चौकियां होनी चाहिए जो गंगा में पॉलीथीन डालने वालों के खिलाफ कार्रवाई करें। पॉलीथीन चौकियां उत्तराखंड की सीमाओं पर ही पॉलीथीन जब्त कर लें। गंगा नदी पर प्रदूषण फैलाने के लिए कानून बनना चाहिए। जब तक भय पैदा नहीं होता है शासन नहीं चलता है। इसीलिए गंगा में प्रदूषण दूर करने के लिए कड़े से कड़े कानून बनाकर गंगा विरोधियों में भय पैदा करने के साथ-साथ लोगों को जागरूक बनाना होगा। उन्होंने कहा कि जब टाइगर को मारने पर कड़े से कड़े कानून हैं। दंड का प्रावधान है तो गंगा को प्रदूषण से बचाने के लिए कड़े से कड़े कानून क्यों नहीं बन सकते हैं।

उन्होंने कहा कि महात्मा, मीडिया और महिलाएं गंगा को बचाने के लिए आगे आएं। उन्होंने बताया कि जून में गंगा एक्शन परिवार हरिद्वार में सघन वृक्षारोपण कार्यक्रम करेगा। और बरसात के बाद एक बड़ा सेमिनार हर की पैड़ी क्षेत्र में होगा। जिसमें हरिद्वार के तीर्थ पुरोहितों, समाजसेवियों, धर्म प्रेमी लोग, संतों मीडिया को एक मंच पर लाया जाएगा और सप्त सरोवर से लेकर हरकी पैड़ी तक गंगा को स्वच्छ रखने गंगा तट को सुंदर बनाने के लिए एक कार्य योजना बनाई जाएगी। दिवाली से पहले मुंबई में देश के फिल्म कलाकारों व अभिनेत्रियों को एक मंच पर लाकर गंगा एक्शन परिवार एक जन जागरण परिवार पूरे देश में चलाएगा।

परमार्थ निकेतन आश्रम के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वतीपरमार्थ निकेतन आश्रम के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वतीउन्होंने बताया कि गंगा एक्शन परिवार इलाहाबाद कुंभ-2013 में एक हजार धर्म गुरुओं को एक मंच पर एकत्र करेगा और गंगा सफाई अभियान शुरू करेगा। उन्होंने कहा कि गंगा में खनन व चुगान एक सीमा तक होना चाहिए। ताकि गंगा का प्रवाह अविरल बना रहे और उन्होंने राज्य सरकार से मांग की कि वह एक साफ सुथरी व स्पष्ट खनन नीति बनाए। जिस पर सख्ती से पालन हो। उन्होंने कहा कि गंगा व उसकी सहायक नदियों पर बिजली बनाने के जो प्रोजेक्ट बनाए जाए, वह ऐसे बने कि गंगा की अविरलता व निर्मलता बनी रहे।

उन्होंने शुभारंभ बैंकट हॉल में गंगा अवतरण दिवस के मौके पर कहा कि गंगा नदी को बचाने के लिए व तीर्थों की रक्षा के लिए तीर्थपुरोहित एक प्रहरी बनकर उभरे। तीर्थों की रक्षा का सबसे पहला दायित्व तीर्थ पुरोहितों का है। जागृति मिशन द्वारा आयोजित इस गोष्ठी में पर्यावरणविद् अरुण कुमार पानी बाबा ने कहा कि गंगा हमारी आस्था का प्रतीक है। परंतु ढाई सौ साल से हमारे संस्कार क्षीण हो रहे हैं। इसीलिए हमारी आस्था में कमी हो रही है। उन्होंने गंगा को विश्व की सबसे ऊंचे स्थान से बहने वाली ऊर्जावान नदी बताया। गोष्ठी में प्रो. बीडी जोशी, अटल शर्मा, राकेश मिश्रा कौशल, किशोर, ए.के.डगलस, रवि रंजन, राजेश रस्तोगी, पुरुषोत्तम शर्मा गांधीवादी, नरेश मोहन, अंशुल कुंज आदि ने विचार रखे।

Posted by
Get the latest news on water, straight to your inbox
Subscribe Now
Continue reading