गंगा पुनर्जीवन चेतना केन्द्र स्थापना

गंगा की सेवा और सामुदायिक प्रबंधन सुनिश्चित करने हेतु बड़ी संख्या में गंगा योद्धाओं की जरूरत का अहसास हो रहा है। इस आवश्यकतापूर्ति में योगदान देने हेतु ‘गंगा पूनर्जीवन चेतना केन्द्र’, तरुण भारत संघ परिसर में 20 अगस्त को स्थापित किया जाएगा।

तरुण भारत संघ की कार्यकारिणी ने 3 जून की बैठक में तय किया था कि अब तरुण भारत संघ परिसर को गंगा योद्धाओं को प्रशिक्षित करने के लिए उपयोग किया जाएगा। यह संगठन महात्मा गांधी की विचारधारा में विश्वास रखता है। इसलिए गंगा के शोषक, प्रदूषक और कब्जाधारियों के विरुद्ध सत्याग्रह करेगा। इस सत्याग्रह में गंगा के लिए समर्पित सच्चे योद्धाओं की जरूरत है। ये योद्धा शांतिमय एवं अहिंसक तरीके से गंगा की अविरलता सुनिश्चित कराऐंगे।

भागीरथी की हत्या टिहरी बांध से हो गई थी। लेकिन इस बांध के ऊपर का 135 किलोमीटर का क्षेत्र अविरल प्रवाहित था। इसकी भी हत्या करने के लिए इसके उद्गम, गंगोत्री के पास भैरव घाटी, उसके 35 किलोमीटर नीचे लोहारी नागपाला, व उसके 30 किलोमीटर नीचे पाला मनेरी जल विद्युत परियोजना हेतु भागीरथी नदी को सुरंग व झील में कैद किया जा रहा था। तरुण भारत संघ के उपाध्यक्ष प्रो. जी. डी. अग्रवाल ने 2008 में आमरण अनशन शुरू करके इन्हें रद्द कराने का निर्णय 20 अगस्त 2009 में करवाया था। भारत के गंगा मंत्रीमंडलीय समूह ने इसी दिन उक्त तीनों बांधों को रद्द किया था।

अभी अलकनंदा और मंदाकिनी को बचाने के लिए प्रो. जी. डी. अग्रवाल जी और स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती जी ने 3 अन्य गंगा तपस्वियों के साथ गंगा तपस्या शुरू की थी। तपस्या के परिणाम स्वरुप अंतर मंत्रालय समूह गठित हुआ, जो जल्दी से ही अलकनंदा और मंदाकिनी के जीवन हेतु पर्यावरणीय प्रवाह और सुनिश्चित करने हेतु निर्णय लेगा।

गंगा की सेवा और सामुदायिक प्रबंधन सुनिश्चित करने हेतु बड़ी संख्या में गंगा योद्धाओं की जरूरत का अहसास हो रहा है। इस आवश्यकतापूर्ति में योगदान देने हेतु ‘गंगा पूनर्जीवन चेतना केन्द्र’, तरुण भारत संघ परिसर में 20 अगस्त को स्थापित किया जाएगा। इस केन्द्र में तत्काल प्रभाव से, (1) गंगा सेवक, (2) गंगा कर्मी, (3) गंगा प्रबंधक, (4) गंगा ऋषी और (5) गंगा नायक, पांच तरह के प्रशिक्षण चलेंगे। गंगा सेवक 7 दिन ,गंगा कर्मी 15 दिन ,गंगा प्रबंधक 20 दिन ,गंगा ऋषी 3 दिन ,गंगा नायक 5 दिन के प्रशिक्षण होंगे। इन प्रशिक्षणों में भाग लेने वाले इच्छुक प्रशिक्षणार्थियों द्वारा आवेदन पत्र प्राप्त करने की शुरूवात हो चुकी है। इच्छुक प्रशिक्षणार्थी अपनी योग्यता-कुशलता एवं अपनी आकांशाओं के अनुरूप उक्त प्रशिक्षण के लिए आवेदन भेज सकते हैं। इस पाठ्यक्रम के संयोजन एवं प्रबंधन हेतु अभिनव अग्रवाल को नियुक्त किया गया है।

उक्त प्रशिक्षण निःशुल्क है एवं रहने खाने की निःशुल्क व्यवस्था है । स्वयं को आने जाने के किराया भाड़े कि व्यवस्था स्वयं को करनी पड़ेगी । कम से कम 20 प्रशिक्षणार्थी प्रत्येक कोर्स में पंजीकृत होने पर ही प्रशिक्षण शुरू होगा। इस प्रशिक्षण हेतु सरकार एवं अन्य संस्थाओं से कोई आर्थिक मदद नहीं ली गई है। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम राष्ट्रीय गंगा नदी बेसिन अथॉरिटी एवं गंगा के अंतर मंत्रालय समूह के सदस्य राजेन्द्र सिंह जी के नेतृत्व में चलेगा।

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