गंगा से जुड़ें: स्वामी आनंद स्वरूप

दिल्ली के हिमाचल भवन में तीन नवंबर को हुई विचार गोष्ठी में गंगा सेवा मिशन के अध्यक्ष स्वामी आनंद स्वरूप जी ने कहा कि गंगा से जुड़ें और इसकी सेवा करें। यह इसलिए जरूरी है कि गंगा करोड़ों लोगों के लिए जीवनदायिनी है। यदि इसकी पवित्रता से खिलवाड़ करेंगे तो यह जीवन रेखा ही समाप्त हो जाएगी। उन्होंने घोषणा की कि हरिद्वार से लेकर गंगा सागर तक सभी प्रमुख स्थानों पर एक एक घाट को गोद लेकर उसे संवारा जाएगा। स्वच्छता की दृष्टि से उसे मॉडल के रूप में विकसित किया जाएगा।

इस अवसर पर कानपुर से आए भौतिक विज्ञान के प्रोफेसर डॉक्टर मनोज मिश्र ने कहा कि बिजली उत्पादन के लिए जरूरी नहीं है कि नदियों पर बड़े-बड़े बांध बनाए जाएं। पूरी दुनिया में पानी से बननी वाली बिजली का प्रतिशत घटा है। अन्य विकल्पों में थोरियम से बड़े पैमाने पर बिजली का उत्पादन हो सकता है। इसका पर्याप्त भंडार भारत मंल हैं। देश में थोरियम के आयात की जरूरत भी नहीं है। अब देश में थोरियम आधारित रिएक्टर के निर्माण की जरूरत है। नीति निर्धारकों को नदियों पर बांध बनाकर बिजली उत्पादन की नीति त्यागनी होगी। उन्होंने कहा कि आंकड़े बताते हैं कि इस देश में जितना लाइन लॉस होता है, उससे कम मात्रा में पानी से बिजली का उत्पादन होता है।

लाइन लॉस पर अंकुश लगाकर हम इस कमी को पूरी कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि दुनिया में कई ऐसे देश हैं, जहां नदियां नहीं हैं। लेकिन, वहां बिजली बनती है। सौर उर्जा समेत बिजली उत्पादन के तमाम विकल्प हैं। इस पर गंभीरता से कार्य करने की जरूरत है। शिव कुमार जी ने गंगा की अविरलता के लिए लगातार कार्य करने और सरकार पर दबाव बनाने पर जोर दिया। इस अवसर पर गंगा सेवा मिशन के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष सुनील दत्त, महामंत्री राकेश चौधरी, विनोद जी आदि उपस्थित थे। विचार गोष्ठी गंगा सेवा मिशन, दिल्ली राज्य कमेटी के तत्वावधान में आयोजित की गई।

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