हिण्डन नदी सुधार हेतु प्रारम्भ हुई अनूठी पहल

10 Jul 2016
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मेरी हिण्डन-मेरी पहल अभियान से जुड़ रहा है समाज


हिण्डन व उसकी सहायक नदियों के सुधार हेतु जहाँ उत्तर प्रदेश सरकार ने कदम उठाया है वहीं सामाजिक स्तर से एक अनूठी पहल प्रारम्भ हुई है। इस पहल को मेरी हिण्डन-मेरी पहल नाम दिया गया है। यह एक सामाजिक पहल है। इसके तहत कोई भी आमजन हिण्डन व उसकी सहायक नदियों के सुधार में सहयोग हेतु किसी भी प्रकार से सहयोग कर सकता है।

हिण्डन नदी के उद्गम स्थल से लेकर उसके यमुना नदी में विलीन होने तक सभी सात जनपदों में इस अभियान का प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। हिण्डन व उसकी सहायक नदियों किनारे बसा समाज इस पहल के साथ जुड़कर अपनी नदियों के लिये प्रयास करने को आतुर नजर आ रहे हैं। कहीं तालाब बनाने का कार्य हो रहा है तो कहीं वृक्षारोपण का। ऐसे ही अनेकों प्रयास समाज ने प्रारम्भ किये हैं।

मेरठ मण्डल के मण्डलायुक्त आलोक सिन्हा से प्रेरणा पाकर नीर फाउंडेशन ने मेरी हिण्डन-मेरी पहल अभियान की शुरुआत की है। इसका उद्देश्य सरकार के सकारात्मक प्रयासों के साथ हिण्डन व उसकी सहायक नदियों के किनारे बसे समाज को जोड़ना है। सरकार के प्रयास से समाज जुड़ेगा और उसमें सहयोग करेगा तो बेहतर परिणाम देखने को मिल रहे हैं। इस पहल के तहत हिण्डन व उसकी सहायक नदियों के किनारे बसा समाज व इन नदियों से प्रभावित समाज अपने दायित्व को समझते हुए अपने स्तर से योगदान दे रहे हैं।

मेरी हिण्डन-मेरी पहल का प्रारूप


मेरी हिण्डन-मेरी पहल की सात सदस्यों की एक केन्द्रीय कमेटी बनाई गई है। हिण्डन व उसकी सहायक नदियों के गुजरने वाले प्रत्येक जनपद में दो सदस्यों एक जनपदीय कमेटी बनाई गई है। नदियों के पाँच किलोमीटर दोनों किनारों के प्रत्येक गाँव में दो सदस्यों की एक गाँव कमेटी बनाई जा रही है। केन्द्रीय स्तर पर दो सदस्यों की एक मीडिया कमेटी बनाई गई है। सभी कमेटियों के सभी सदस्य अवैतनिक हैं।

सहारनपुर जनपद से लेकर गौतमबुद्धनगर तक सभी जनपदों की कमेटियों के गठन का कार्य किया जा रहा है। गाजियाबाद में सामाजिक कार्यकर्ता संजय कश्यप, मुजफ्फरनगर में नंदकिशोर शर्मा, बागपत में कुलदीप त्यागी, शामली में करूणेश, मेरठ में राहुल देव, गौतमबुद्धनगर में विक्रांत तथा सहारनपुर में पी के शर्मा इस अभियान की कमान सम्भालेंगे।

मेरी हिण्डन-मेरी पहल के स्वयं सेवक


इस अभियान के तहत इन नदियों के किनारे के गाँवों में मेरी हिण्डन-मेरी पहल के स्वयं सेवक नियुक्त किये जा रहे हैं। स्वयं सेवक कोई भी वह आमजन बन सकता है जो यह मानता हो कि हाँ हिण्डन व उसकी सहायक नदियों के लिये मैं भी कुछ करना चाहता हूँ। ये स्वयं सेवक विभिन्न प्रकार से अपना योगदान दे रहे हैं। कोई भी स्वयं सेवक इन नदियों के संरक्षण में योगदान हेतु अपनी योजना मेरी हिण्डन-मेरी पहल समिति के सामने प्रस्तुत कर सकता है।

कमेटी द्वारा योजना पास किये जाने पर उस योजना को अमल में लाया जाएगा। ये स्वयं सेवक ही इन नदियों के वास्तविक रक्षक हैं। स्वयं सेवक नदी में प्रदूषण समाप्त करने के कार्य में सहयोगी की भूमिका निभा रहे हैं। समय-समय पर सभी स्वयं सेवकों के सम्मेलन आयाजित किये जाने हैं।

मेरी हिण्डन-मेरी पहल के प्रचार माध्यम


.इस अभियान को सफल बनाने हेतु विभिन्न प्रचार माध्यमों की सहायता ली जा रही है। इसका एक फेसबुक पेज, पोर्टल, वेबसाइट, लोगो, हिन्दी न्यूजलेटर (हिण्डन मंथन), पम्पलेट, पर्चे, स्टीकर, बैनर, दीवार लेखन व एक डाक्यूमेंट्री फिल्म आदि का कार्य किया जा रहा है।

इस अभियान का फेसबुक पेज, मुखपत्र, लोगों व वेबसाइट आदि प्रचार माध्यम कार्य करने लगे हैं।

मेरी हिण्डन-मेरी पहल के कार्य


1. हिण्डन व उसकी दोनों सहायक नदियों के पानी के कुल 26 नदियों के नमूनों का परीक्षण किया जाएगा। जिसमें कि हिण्डन से 14 नमूने कृष्णी व काली से 6-6 नमूनों का परीक्षण किया जाएगा। नदी के गुजरने वाले प्रत्येक जनपद से दो नमूने लिये जाएँगे। पहला नमूना जहाँ नदी उस जनपद में प्रवेश करती है और दूसरा दूसरे जनपद में प्रवेश करन से पहले।
2. हिण्डन व उसकी सहायक नदियों के किनारों के गाँवों का डाटा तैयार किया जा रहा है।
3. इन सभी गाँवों में मेरी हिण्डन-मेरी पहल के स्वयं सेवक नियुक्त किये जा रहे हैं।
4. इन सभी गाँवों में नदी-जल जागरुकता गोष्ठियाँ आयोजित की जा रही हैं। गोष्ठियों के दौरान नदी के कारण होने वाली परेशानियों को समझकर उनके समाधान का सरकार के साथ मिलकर प्रयास किया जा रहा है।
5. इन नदियों के पानी से किसान सिंचाई न करें इसके लिये उनको जागरूक किया जाएगा। जिन गाँवों में इन नदियों के पानी से फसलों की सिंचाई की जाती है उनकी मिट्टी व फसलों का परीक्षण कराकर गाँववासियों को जानकारी दी जा रही है।
6. जिन गाँवों जल प्रदूषण की गम्भीर समस्या है या फिर गाँववासियों को गम्भीर बीमारियाँ हो रही हैं, उन गाँवों का डोर-टू-डोर सर्वे कराकर उन गाँवों में शुद्ध पीने का पानी उपलब्ध कराने हेतु स्थानीय प्रशासन द्वारा प्रयास किया जा रहा है। इन गाँवों में शीघ्र व दूरगामी दो प्रकार की योजनाएँ बनाई जा रही हैं। शीघ्र में उनको तुरन्त किस प्रकार से राहत दी जा सकती है उससे सम्बन्धित कार्य किये जा रहे हैं तथा दूरगामी में गाँवों का भूजल प्रदूषण मुक्त हो तथा उनकी कृषि मिट्टी जहर मुक्त हो इसके लिये विभिन्न प्रकार के कार्य किये जा रहे हैं।
7. इन नदियों के किनारों पर समय-समय पर वृक्षारोपण का कार्य प्रारम्भ किया गया है।
8. इन नदियों का नाले से नदी बनाने में गाँववासियों से सुझाव लिये जा रहे हैं।
9. जल प्रदूषण से प्रभावित गाँवों में चिकित्सा कैम्प लगाने का कार्य प्रारम्भ किया गया है।
10. जिन गाँवों का भूजल अत्यधिक प्रदूषित हो चुका है उनका परीक्षण भी कराए जाने का कार्य प्रारम्भ किया गया है।
11. इन नदियों के किनारे के गाँवों के निजी व सरकारी स्कूलों में जागरुकता कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं।
12. स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर इन नदियों के किनारे के गाँवों में सरकारी योजनाओं का ठीक प्रकार से संचालन हो इसके लिये प्रयास किये जा रहे हैं।

अभियान के तहत प्रारम्भ किये गए कार्य


करनावल गाँव में तीन तालाबों का निर्माण
मेरी हिण्डन-मेरी पहल के तहत मेरठ जनपद में हिण्डन नदी के बेसिन क्षेत्र के कस्बा करनावल में एक किसान द्वारा तीन तालाबों का निर्माण किया गया है। यह तालाब करीब 25 बीघा जमीन में बनाए गए हैं। इन तालाबों के कार्य को देखकर निकट के अन्य गाँवों के किसान भी प्रेरणा लेकर अपने-अपने गाँवों में तालाबों के कार्य में जुटने लगे हैं।

हिण्डन मंथन न्यूज लेटरकरनावल के किसान तथा जलदूत की उपाधि से नवाजे जा चुके सतीश कुमार हिण्डन नदी के अभियान से भी जुड़े हैं और मेरी हिण्डन-मेरी पहल के स्वयं सेवक भी हैं। सतीश कुमार द्वारा अपने स्तर से तालाबों को बनाने का निर्णय लिया गया और उन्होंने अपनी 25 बीघा जमीन जिसमें कि वे गन्ने की पैदावार लेते थे, मैं तीन तालाबों का निर्माण बगैर किसी सहायता के कर दिया। तालाबों को बनाने में तकनीकी सहयोग नीर फाउंडेशन के अभियन्ताओं ने दिया।

इन तीनों तालाबों में नहर का पानी आने की व्यवस्था भी कराई गई है और किसान ने मछली पालन का कार्य प्रारम्भ कर दिया है। तीनों तालाबों के माध्यम से प्रतिवर्ष लाखों लीटर पानी भूजल में जाकर मिल जाएगा। इससे जहाँ भूजल स्तर बढ़ेगा वहीं भूजल की गुणवत्ता में भी सुधार होगा।

सतीश कुमार का उत्साह बढ़ाने व अन्य किसानों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से इन तालाबों का देश में जल, जंगल, जमीन, जानवर एवं जन के अधिकारों की लड़ाई के अगुवा सामाजिक कार्यकर्ता व एकता परिषद के अध्यक्ष श्री पीवी राजगोपाल (राजा जी) तथा पूर्व केन्द्रीय मंत्री श्री सोमपाल शास्त्री द्वारा उद्घाटन 29 मई को कराया गया तथा जलदूत सतीश कुमार को सम्मानित भी किया गया। 2030 डब्ल्यू आर जी समूह की एक टीम ने करनावल के इन तालाबों का निरीक्षण किया।

डबल व मोरकुक्का गाँवों का अध्ययन


मेरी हिण्डन-मेरी पहल के तहत मुजफ्फरनगर जनपद में हिण्डन की प्रमुख सहायक नदी काली (पश्चिम) के किनारे बसे दो गाँवों डबल व मोरकुक्का का सम्पूर्ण अध्ययन किया गया है। इन गाँवों की आबादी करीब 5000 है। काली नदी (पश्चिम) में अत्यधिक प्रदूषण के चलते गाँवों का भूजल प्रदूषित हो चुका है। गाँववासी इसी प्रदूषित पानी को पीने के लिये मजबूर हैं, जिस कारण से ग्रामीणों को कैंसर जैसी गम्भीर बीमारियाँ हो रही हैं।

मेरी हिण्डन-मेरी पहल के स्वयं सेवकों देवपाल सिंह व मयंक मलिक द्वारा दोनों गाँवों के करीब 400 परिवारों का घर-घर जाकर सर्वे किया गया तथा वहाँ के हैण्डपम्पों के पानी का परीक्षण भी कराया गया।

डबल गाँव के सर्वेक्षण के आँकड़े


 

परिवारों की संख्या

201

कुल आबादी

करीब 1465 (पुरूष - 775 और महिलाएँ - 690)

कुल बच्चे

479

कुल बुजुर्ग (60 वर्ष से अधिक आयु)

127

गाँव की अधिकतर आबादी पढ़ी-लिखी है, उसमें स्नातक व परास्नातक भी हैं तथा महिलाएँ भी शिक्षित हैं।

90 प्रतिशत परिवार की औसतन मासिक आय

2000-5000 रुपए

10 प्रतिशत परिवार की औसतन मासिक आय

6000-12000 रुपए

गाँव की कुल औसतन मासिक आय

7,79,300 रुपए

चिकित्सा पर होने वाला औसतन मासिक खर्च

1000-2000 रुपए

चिकित्सा पर गाँव के सभी परिवारों का कुल होने वाला औसतन मासिक खर्च

2,22,100 रुपए

कैंसर से पीड़ित

5

त्वचा सम्बन्धी बीमारियों से पीड़ित

40

दिमाग सम्बन्धी बीमारियों से पीड़ित

21

हदय रोगों से पीड़ित

23

पेट सम्बन्धी रोगों से पीड़ित

106

अन्य बीमारियों से पीड़ित

83

वर्ष 2010-2015 तक कैंसर व अन्य गम्भीर बीमारियों के कारण असमय मृत्यु को प्राप्त हुए

42

पेयजल के स्रोत

56 (सरकारी हैण्डपम्प) व 140 (निजी हैण्डपम्प)

ऐसे हैण्डपम्प जिनका पानी पीना छोड़ दिया गया

57

 

पानी के परीक्षण का परिणाम


 

तत्व

मानक

निजी हैण्डपम्प

सरकारी हैण्डपम्प (इण्डिया मार्का)

पीएच

6.5-8.5

9.5

9.5

टरबिडिटी

10

15 JTU

10 JTU

हार्डनेस

300

850 mg/l

700 mg/l

क्लोराइड

250

269 mg/l

99 mg/l

नाइट्रेट

45

60 mg/l

40 mg/l

कैल्शियम

75

195 mg/l

145 mg/l

डीओ (डिजाल्वड ऑक्सीजन

डीओ की गणना पानी के तापमान पर निर्भर करती है।

8.4 mg/l

42 mg/l

 

मोरकुक्का गाँव के सर्वेक्षण के आँकड़े


 

परिवारों की संख्या

205

कुल आबादी

करीब 1326 (पुरूष - 713 और महिलाएँ - 613)

कुल बच्चे

464

कुल बुजुर्ग (60 वर्ष से अधिक आयु)

113

गाँव की अधिकतर आबादी पढ़ी-लिखी है, उसमें स्नातक व परास्नातक भी हैं तथा महिलाएँ भी शिक्षित हैं।

90 प्रतिशत परिवार की औसतन मासिक आय

2000-7000 रुपए

10 प्रतिशत परिवार की औसतन मासिक आय

8000-14000 रुपए

गाँव की कुल औसतन मासिक आय

8,04,400 रुपए

चिकित्सा पर होने वाला औसतन मासिक खर्च

1000-2000 रुपए

चिकित्सा पर गाँव के सभी परिवारों का कुल होने वाला औसतन मासिक खर्च

2,22,100 रुपए

कैंसर से पीड़ित

8

त्वचा सम्बन्धी बीमारियों से पीड़ित

110

दिमाग सम्बन्धी बीमारियों से पीड़ित

38

हृदय रोगों से पीड़ित

48

पेट सम्बन्धी रोगों से पीड़ित

89

अन्य बीमारियों से पीड़ित

106

वर्ष 2010-2015 तक कैंसर व अन्य गम्भीर बीमारियों के कारण असमय मृत्यु को प्राप्त हुए

33

पेयजल के स्रोत

80 (सरकारी हैण्डपम्प) व 125 (निजी हैण्डपम्प)

ऐसे हैण्डपम्प जिनका पानी पीना छोड़ दिया गया

84

 

निष्कर्ष:- गाँव के सभी परिवार यह मानते हैं कि गाँव में बीमारियाँ बढ़ने का कारण भूजल का प्रदूषित होना है, जिसको गाँववासी स्वच्छ पेयजल के अभाव में पीने को मजबूर हैं।

पानी के परीक्षण का परिणाम


 

तत्व

मानक

निजी हैण्डपम्प

सरकारी हैण्डपम्प (इण्डिया मार्का)

पीएच

6.5-8.5

9.5

9.5

टरबिडिटी

10

15 JTU

10 JTU

हार्डनेस

300

850 mg/l

700 mg/l

क्लोराइड

250

269 mg/l

99 mg/l

नाइट्रेट

45

60 mg/l

40 mg/l

कैल्शियम

75

195 mg/l

145 mg/l

डीओ (डिजाल्वड ऑक्सीजन

डीओ की गणना पानी के तापमान पर निर्भर करती है।

8.4 mg/l

42 mg/l

 

हिण्डन नदी व उसकी सहायक नदियों का परिचय


उत्तर भारत के पश्चिमी उत्तर प्रदेश में देश की दो प्रमुख नदियों गंगा व यमुना के बीच से होकर बहती है हिण्डन नदी। हिण्डन नदी का उद्गम स्थल शिवालिक पर्वतमाला की तलहटी में जनपद सहारनपुर के गाँव पुर का टाण्डा में है। यह नदी सहारनपुर जनपद से निकलकर मुजफ्फरनगर, मेरठ बागपत एवं गाजियाबाद जनपदों के होते हुए अन्त में गौतमबुद्धनगर जनपद के मोमनाथल गाँव के जंगल में यमुना नदी में समाहित हो जाती है। अपने उद्गम से लेकर यमुना नदी में समाहित होने तक हिण्डन नदी की लम्बाई 355 किलोमीटर है।

हिण्डन नदी के पश्चिमी भाग से होकर बहने वाली हिण्डन नदी की सहायक काली नदी (पश्चिमी) जनपद सहारनपुर में छुटमलपुर के निकट गाँव नानका से निकलकर मुजफ्फरनगर व मेरठ जनपद के सीमावर्ती गाँव अटाली/पिठलोकर के निकट हिण्डन नदी में समाहित हो जाती है। काली नदी (पश्चिमी) की कुल लम्बाई 145 किलोमीटर है। काली नदी (पश्चिमी) की प्रमुख सहायक नदी उत्तराखण्ड राज्य के हरिद्वार जनपद के कस्बा-भगवानपुर के निकट से निकलकर गाँव-नन्हेड़ा, अनन्तपुर, परियाला, लाठरदेवा, हूण, मखदूमपुर व टिकोला कलाँ आदि से होकर जनपद सहारनपुर की तहसील देवबन्द के गाँव- रणसुरा के निकट उत्तर प्रदेश की सीमा में प्रवेश करती है और सीमावर्ती गाँव-मतौली के निकट काली नदी (पश्चिमी) में मिल जाती है। शीला नदी की कुल लम्बाई 61 किलोमीटर है। इस नदी का अधिकतम भाग उत्तराखण्ड राज्य में है।

हिण्डन नदी के पूर्वी भाग से होकर बहने वाली हिण्डन नदी की एक अन्य सहायक कृष्णी नदी सहारनपुर नगर के पश्चिमी भाग से निकलकर सहारनपुर व शामली जनपदों से होते हुए बागपत जनपद के गाँव बरनावा में जाकर हिण्डन नदी में विलीन हो जाती है। कृष्णी नदी की कुल लम्बाई 153 किलोमीटर है।

हिण्डन नदी की एक अन्य सहायक पाँवधोई नदी जनपद सहारनपुर के गाँव शंकलापुरी से निकलकर सहारनपुर शहर में ढमोला नाले में मिल जाती है। पाँवधोई नदी की कुल लम्बाई 7 किलोमीटर है। ढ़मोला नाला अन्त में जनपद सहारनपुर के गाँव जैनपुर में जाकर हिण्डन नदी में मिल जाता है। ढ़मोला नाले की कुल लम्बाई 52 किलोमीटर है।

उपरोक्त के अतिरिक्त हिण्डन नदी की दो अन्य छोटी बरसाती नदियाँ भी हैं। जिनको नागदेव-रौं व चाचा-रौं के नाम से जाना जाता है। इनकी लम्बाई क्रमशः 8 व 7 किलोमीटर है। ये दोनों नदियाँ पहले गंगा-यमुना बेसिन में भूजल से रिचार्ज होकर बहती थीं। इस बेसिन में भूजल का स्तर अत्यन्त नीचे चले जाने के कारण इन नदियों के मूलस्राव नगण्य हैं।

हिण्डन व उसकी सहायक नदियों का विवरण


 

क्र.

नदी का नाम

उद्गम स्थल

विलीन स्थल

लम्बाई

1.

हिण्डन नदी

शिवालिक की पहाड़ियाँ, (गाँव - पुर का टांडा, जनपद - सहारनपुर (उत्तर प्रदेश

गाँव - मोमनाथल, जनपद गौतमबुद्ध नगर (उत्तर प्रदेश)

355

2.

कृष्णी नदी

पश्चिमी क्षेत्र सहारनपुर, जनपद (उत्तर प्रदेश)

गाँव - बरनावा, जनपद - बागपत (उत्तर प्रदेश)

153

3.

काली नदी (पश्चिम)

छुटमलपुर के निकट गाँव- नानका, जनपद-सहारनपुर (उत्तर प्रदेश)

गाँव - अटाली/पिठलोकर, जनपद-मेरठ (उत्तर प्रदेश)

145

4.

शीला नदी

कस्बा-भगवानपुर, जनपद- हरिद्वार (उत्तराखण्ड)

गाँव - मतौली, जनपद - सहारनपुर (उत्तर प्रदेश)

61

5.

धमोला नदी

सहारनपुर जनपद (उत्तर प्रदेश)

शरकथाल गाँव, जनपद - सहारनपुर (उत्तर प्रदेश)

52

6.

पाँवधोई नदी

गाँव - शंकलापुरी, जनपद -सहारनपुर (उत्तर प्रदेश

सहारनपुर शहर, सहारनपुर जनपद (उत्तर प्रदेश)

7

7.

नागदेव रौ

सहारनपुर जनपद (उत्तर प्रदेश

सहारनपुर जनपद (उत्तर प्रदेश)

8

8.

चाचा रौ

सहारनपुर जनपद (उत्तर प्रदेश

सहारनपुर जनपद (उत्तर प्रदेश

7

 

उद्योगों की स्थिति


हिण्डन व इसकी सभी सहायक नदियों के किनारे उत्तर प्रदेश राज्य में कुल 316 उद्योग स्थापित हैं। इसमें पल्प एंड पेपर-41, डिस्टलरी-8, शुगर-14, टेनरी-6, कपड़ा-105 व अन्य-142 उद्योग शामिल हैं। जबकि उत्तराखण्ड राज्य के 7 उद्योग (पल्प एंड पेपर-5 तथा शुगर-2) जोकि शीला नदी के माध्यम से अपना कचरा काली नदी (पश्चिमी) तक पहुँचाते हैं, क्योंकि काली नदी (पश्चिमी) अन्त में हिण्डन नदी में मिलती है तो यह कचरा भी हिण्डन नदी में ही मिल जाता है।

उत्तर प्रदेश जल निगम के अनुसार सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, बुढ़ाना, बागपत, मेरठ, गाजियाबाद व नोएडा नगरों से करीब 1215.43 एमएलडी सीवेज निकलता है जोकि करीब 68 नालों के माध्यम से गिरता है। जिसमें से मात्र 1055 एमएलडी ही शुद्ध होकर जबकि बाकि बचा 348.93 एमएलडी बगैर शुद्धिकृत ही हिण्डन व उसकी सहायक नदियों में मिल जाता है।

उत्तर प्रदेश सरकार की पहल


पश्चिमी उत्तर प्रदेश के प्रमुख सात जनपदों में हिण्डन व उसकी सहायक नदियों के प्रदूषित होने के कारण यहाँ के गाँवों से लगातार भूजल प्रदूषण की खबरों से भविष्य के खतरे को भाँपते हुए उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा हिण्डन नदी को प्रदूषण मुक्त करने का लक्ष्य तय किया गया है। इसके लिये उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा कई स्तर से प्रयास किये जा रहे रहे हैं।

हिण्डन व उसकी सहायक नदियों में अविरल एवं निर्मल प्रवाह सुनिश्चित करना माननीय मुख्यमंत्री की प्राथमिकताओं में शामिल है। अतः हिण्डन व उसकी सहायक नदियों में प्रदूषण के स्तर का मापन करते हुए इन्हें अविरल एवं निर्मल बनाने हेतु विजन डाक्यूमेंट तैयार करने हेतु कार्यालय ज्ञापन संख्या 74/2016/655/16-27-सिं0-4-99 (डब्ल्यू)/15, दिनांक 21.03.2016 के माध्यम से सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग को नोडल विभाग नामित करते हुए एवं नदियों के बेसिन में वास्तविक कार्य किये जाने एवं समस्त स्टेक होल्डर्स के साथ समन्वय स्थापित किये जाने हेतु मण्डलायुक्त महोदय, मेरठ की अध्यक्षता एवं मण्डलायुक्त महोदय, सहारनपुर की सह-अध्यक्षता में 19 सदस्य समन्वय समिति का गठन किया गया है।

समन्वय समिति का प्रारूप


 

क्र.

अधिकारी

पद

1.

मण्डलायुक्त, मेरठ

अध्यक्ष

2.

मण्डलायुक्त, सहारनपुर

सह-अध्यक्ष

3.

प्रमुख अभियन्ता एवं विभागाध्यक्ष, सिंचाई विभाग, उत्तर प्रदेश

सदस्य

4.

प्रमुख अभियन्ता (यांत्रिकी), सिंचाई विभाग, उत्तर प्रदेश

सदस्य

5.

जिलाधिकारी, सहारनपुर

सदस्य

6.

जिलाधिकारी, मेरठ

सदस्य

7.

जिलाधिकारी, गाजियाबाद

सदस्य

8.

जिलाधिकारी, मुजफ्फरनगर

सदस्य

9.

मुख्य अभियन्ता (यमुना), सिंचाई विभाग, उत्तर प्रदेश, ओखला

सदस्य सचिव

10.

नगर आयुक्त, मेरठ

सदस्य

11.

नगर आयुक्त, सहारनपुर

सदस्य

12.

नगर आयुक्त, गाजियाबाद

सदस्य

13.

क्षेत्रीय अधिकारी, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, मेरठ

सदस्य

14.

क्षेत्रीय अधिकारी, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, सहारनपुर

सदस्य

15.

महाप्रबन्धक, जिला उद्योग केन्द्र, मेरठ

सदस्य

16.

महाप्रबन्धक, जिला उद्योग केन्द्र सहारनपुर

सदस्य

17.

2030 डब्ल्यू आर जी ग्रुप द्वारा नामित सदस्य

सदस्य

18.

महाप्रबन्धक, जल संस्थान, मेरठ

सदस्य

19.

महाप्रबन्धक, जल संस्थान, सहारनपुर

सदस्य

 

समन्वय समिति के कार्य


1. उ.प्र. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ऐसे लगभग 50 स्थानों को चिन्हित करेगा जहाँ पर वाटर क्वालिटी मॉनिटिरिंग मीटर लगाए जा सकें।
2. उ.प्र. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड यह पता लगाएगा कि हिण्डन एवं उसकी सहायक नदियों में कहाँ-कहाँ पर प्रदूषण सूचकांक कितना है। इसके साथ ही वह यह भी पता लगाएगा कि इस तरह के प्रदूषण का मुख्य कारण किस स्थान पर क्या है?
3. समिति द्वारा सभी स्टेक होल्डर्स के साथ वार्ता करके यह सुनिश्चित किया जाएगा कि हिण्डन एवं उसकी सहायक नदियों में प्रदूषण बिल्कुल न जाये एवं इसके लिये वह वैकल्पिक व्यवस्था सुनिश्चित करे।
4. सिंचाई विभाग यह ज्ञात करेगा कि हिण्डन एवं उसकी सहायक नदियों में जल किन-किन स्रोतों से आता है। उन्हें कैसे विकसित किया जाये तथा रेनवाटर हार्वेस्टिंग स्ट्रक्चर बनाने की परियोना विकसित करेगा। इसके अतिरिक्त हिण्डन एवं उसकी सहायक नदियों में जल की मात्रा बढ़ाने की कार्य योजना भी रखी जाएगी।
5. समिति यह सुनिश्चित करेगी कि हिण्डन एवं उसकी सहायक नदियाँ अतिक्रमण से मुक्त रहें। नदी की जमीन को जिलाधिकारी द्वारा चिन्हित किया जाएगा एवं कब्जे से मुक्त रखा जाएगा।
6. उपरोक्त का समावेश करते हुए 2030 डब्ल्यूआरजी ग्रुप द्वारा विजन डाक्यूमेंट एवं सिंचाई विभाग द्वारा विस्तृत आँकड़े दो माह के अन्दर प्रस्तुत किया जाएगा।

हिण्डन एवं उसकी सहायक नदियों में अविरल एवं निर्मल प्रवाह सुनिश्चित करने हेतु उपर्युक्त प्रस्तर-1 के अनुसार गठित समिति के कार्यों को गति प्रदान करने एवं उसे आवश्यक नीतिगत एवं बजटीय सहयोग प्रदान करने हेतु राज्य स्तर पर मुख्य सचिव, उत्तर प्रदेश शासन की अध्यक्षता में 11 सदस्यों की स्टीयरिंग कमेटी का गठन निम्नवत किया जाता गया है।

स्टीयरिंग समिति का प्रारूप


 

क्र.

अधिकारी

पद

1.

मुख्य सचिव, उत्तर प्रदेश शासन

अध्यक्ष

2.

प्रमुख सचिव, सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग, उप्र. शासन

सदस्य सचिव

3.

प्रमुख सचिव, वित्त विभाग, उप्र. शासन

सदस्य

4.

प्रमुख सचिव, नगर विकास विभाग, उप्र. शासन

सदस्य

5.

प्रमुख सचिव, औद्योगिक विकास विभाग, उप्र. शासन

सदस्य

6.

प्रमुख सचिव, राजस्व विभाग, उप्र. शासन

सदस्य

7.

प्रमुख सचिव, पर्यावरण विभाग उप्र. शासन

सदस्य

8.

प्रमुख सचिव, ग्राम्य विकास विभाग, उप्र. शासन

सदस्य

9.

मण्डलायुक्त, मेरठ

सदस्य

10.

मण्डलायुक्त, सहारनपुर

सदस्य

11.

2030 डब्ल्यूआरजी ग्रुप द्वारा नामित सदस्य

सदस्य

 

समन्वय समिति की प्रथम बैठक


हिण्डन नदी में प्रदूषण नियंत्रण की दिशा में दृष्टिपत्र तैयार करने एवं नदियों के बेसिन में वास्तिविक कार्य किये जाने तथा समस्त स्टेक होल्डर्स के साथ समन्वय स्थापित करने हेतु मण्डलायुक्त, मेरठ की अध्यक्षता में समन्वय समिति की प्रथम बैठक दिनांक 16 मई, 2016 को मेरठ मण्डलायुक्त कार्यालय सभागार में दोपहर 3.30 बजे आयोजित की गई।

बैठक का प्रारम्भ सभी के परिचय से हुआ तत्पश्चात अधिक्षण अभियन्ता, ड्रेनेज मण्डल- गाजियाबाद, सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग, उत्तर प्रदेश श्री शैलेन्द्र गौर द्वारा एक प्रस्तुतिकरण के माध्यम से हिण्डन व उसकी सहायक नदियों के सन्दर्भ तथा उत्तर मुख्य सचिव, उत्तर प्रदेश शासन द्वारा गठित कमेटी के सम्बन्ध में जानकारी दी। इसके अतिरिक्त 2030 डब्ल्यूआरजी ग्रुप द्वारा भी एक प्रस्तुतिकरण प्रस्तुत किया गया तथा नीर फाउंडेशन द्वारा मेरी हिण्डन-मेरी पहल की प्रगति प्रस्तुत की गई।

मेरी हिण्डन-मेरी पहल अभियान की मीटिंग

बैठक की कार्यवाही


1. उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, मेरठ द्वारा हिण्डन व उसकी सहायक नदियों में 18 स्थानों पर अप्रैल, 2016 से किये जा रहे नदी जल परीक्षण की रिपोर्ट प्रस्तुत की।

2. अधिक्षण अधियंता, ड्रेनेज मण्डल- गाजियाबाद, सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग, उत्तर प्रदेश श्री शैलेन्द्र गौर द्वारा घरेलू मल-जल उत्प्रवाह निस्तारण/नियंत्रण, हिण्डन व सहायक नदियों के किनारे नगरीय ठोस अपशिष्ट निस्तारण/नियंत्रण, हिण्डन व सहायक नदियों के क्षेत्र में अतिक्रमण, इन नदियों में न्यूनतम जल प्रवाह तथा इन नदियों के किनारे के गाँवों में भूजल प्रदूषण/पेयजल आपूर्ति के सम्बन्ध में विस्तार से जानकारी साझा की गई।

3. स्वास्थ्य विभाग द्वारा जानकारी दी गई कि हिण्डन व उसकी सहायक नदियों के किनारे के जल जनित बीमारियों से प्रभावित गाँवों में चिकित्सा कैम्प लगाए जा रहे हैं।

4. 2030 डब्ल्यूआरजी ग्रुप द्वारा प्रस्ताव दिया गया कि वे नगरीय मल-जल शोधन, औद्योगिक उत्प्रवाह के शोधन तथा पानी की गुणवत्ता और डाटा प्रबन्धन के सम्बन्ध में विशेषज्ञ सलाह उपलब्ध कराने के लिये तैयार है।

5. नीर फाउंडेशन द्वारा मेरी हिण्डन-मेरी पहल द्वारा किये गए कार्यों के सम्बन्ध में जानकारी देते हुए बताया कि मेरी हिण्डन-मेरी पहल का एक फेसबुक पेज बनाया गया है, वेबसाइट तैयार की जा रही है, एक लोगो तैयार किया गया है, कालीन नदी पश्चिम के एक दो गाँवों डबल व मोरकुक्का का सर्वेक्षण किया गया है, 2030 डब्ल्यूआरजी ग्रुप के साथ हिण्डन यात्रा की तैयारी की जा रही है तथा हिण्डन किनारे करनावल गाँव में तीन तालाब बनाए गए हैं।

6. जल बिरादरी से मेजर हिमांशु ने जानकारी दी कि मेरठ जनपद के काली नदी (पश्चिम) के किनारे के दा गाँवों कालंदी व कुशावली में तालाबों के निर्माण का कार्य करेगी।

बैठक के अन्त में अध्यक्ष महोदय द्वारा निर्देशित किया गया कि हिण्डन व इसकी सहायक नदियों के 5 किलोमीटर के परिक्षेत्र में आने वाले गाँवों तालाबों को पुनर्जीवित तथा वृक्षारोपण करने का कार्य किया जाये। इसके लिये अलग से एक बैठक का आयोजन करके रणनीति बनाई जाये। बैठक का संचालन अपर आयुक्त श्री राम नारायण सिंह धामा द्वारा किया गया।

मुख्यमंत्री द्वारा हिण्डन यात्रा का प्रारम्भ


उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव द्वारा हिण्डन को पुनर्जीवित करने का बीड़ा उठाया गया है। उत्तर प्रदेश सरकार ने पहल करते हुए लखनऊ में 27 जून, 2016 को हिण्डन यात्रा का आरम्भ किया है। इस दौरान उन्होंने एक पुस्तिका का भी विमोचन किया। इस पुस्तिका में हिण्डन किनारे किये जाने वाले सकारात्मक कार्यों को सहेजकर स्थान दिया गया है।

.इस अवसर पर वहाँ एक प्रदर्शनी भी लगाई गई थी जिसका अवलोकन भी मुख्यमंत्री द्वारा किया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि हिण्डन नदी को मॉडल नदी बनाने हेतु सरकार अलग से बजट लाएगी तथा इसके सुधार के लिये सभी सम्भव कार्य किये जाएँगे। लखनऊ में लगाई गई प्रदर्शनी अब सहारनपुर से लेकर हिण्डन व उसकी सहायक नदियों के गुजरने वाले जनपदों में विभिन्न दिनांक में लगाई जाएगी।

(रमन त्यागी)
समन्वयक /निदेशक
मेरी हिण्डन-मेरी पहल/नीर फाउंडेशन
प्रथम तल, सम्राट शॉपिंग मॉल, गढ़ रोड़, मेरठ (उ.प्र.)
फोन - 0121.4030595,
मोबाइल - 09411676951
ईमेल - info@myhindonriver.org
वेबसाइट - www.myhindonriver.org

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