हिंडन की छाती पर छह हजार अवैध निर्माण

21 Feb 2014
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हिंडन नदी के डूब क्षेत्र में भूमाफिया ने कई अवैध कॉलोनियां बना दी हैं। लोग यहां धड़ल्ले से मकान बना रहे हैं। इससे नदी का डूब क्षेत्र सिकुड़ गया है। नदी की धारा का क्षेत्र भी अवैध निर्माण के चलते कम हो गया है। कई बार यह मुद्दा उठा, लेकिन कट रही कॉलोनियों को हटाने और हिंडन को बचाने के लिए कोई कार्रवाई नहीं हुई। हिंडन बचाओ मुहिम के तहत पेश है गौरव त्यागी की रिपोर्ट।

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यून ने यूपी के मुख्य सचिव को हिंडन और यमुना के डूब क्षेत्र से अवैध निर्माण हटाने का निर्देश दिया। यह चिट्ठी सभी प्राधिकरण और प्रशासन को जारी कर दी गई। नतीजा, बेताल फिर उस डाल पर। गाजियाबाद में सरकारी आंकड़ों के अनुसार छह हजार से ज्यादा अवैध निर्माण हैं। जानकारों का कहना है कि इनकी असल संख्या और ज्यादा हो सकती है। नदी के डूब क्षेत्र में जमकर रजिस्ट्री हुई और उन्हें बिजली पानी का कनेक्शन भी दे दिया गया। इस लूट में किसी को हिंडन का दर्द नहीं दिखाई दिया।

गाजियाबाद। हिंडन नदी प्रदूषण के साथ अतिक्रमण की समस्या को झेल रही है। भूमाफिया ने नदी को छोटा कर दिया है। कभी अपने पूरे विस्तार के साथ बहने वाली हिंडन आज सिकुड़कर नाला हो गई है। सरकारी रिकॉर्ड में दर्ज है कि हिंडन की छाती पर छह हजार से ज्यादा अवैध निर्माण हो गए हैं। डूब क्षेत्र पर भूमाफिया का कब्जा है। आस-पास की हरियाली खत्म हो गई है। पूरे क्षेत्र के इकॉलाजिकल सिस्टम पर अवैध कब्जों ने ग्रहण लगा दिया है। गाजियाबाद की महंगी होती जमीन हिंडन नदी पर भारी पड़ी। एक छोटे से आशियाने की तलाश में आए लोगों को भूमाफिया ने हिंडन नदी भी बेच दी। अकबरपुर-बहरामपुर और कनावनी गांव के आस-पास हिंडन के डूब क्षेत्र में जमकर अवैध निर्माण हुए। नदी के डूब क्षेत्र के साथ-साथ नदी की मुख्य धारा के आसपास भी जमकर निर्माण हुए। करहेड़ा में सरकारी बिजलीघर का निर्माण डूब क्षेत्र में कर दिया गया। सभी नियम-कायदों को ताक पर रखकर हिंडन की जलधारा को बांध दिया गया। किस तरह से हिंडन की कैचमेंट एरिया पर डाका पड़ा है इसका अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि दोनों तरफ इसका प्रवाह क्षेत्र चार-चार सौ मीटर था जो अब सिकुड़कर दो सौ मीटर ही रह गया है।

एनजीटी (नेशनल ग्रीन ट्रिब्यून) ने यूपी के मुख्य सचिव को हिंडन और यमुना के डूब क्षेत्र से अवैध निर्माण हटाने का निर्देश दिया। यह चिट्ठी सभी प्राधिकरण और प्रशासन को जारी कर दी गई। नतीजा, बेताल फिर उस डाल पर। गाजियाबाद में सरकारी आंकड़ों के अनुसार छह हजार से ज्यादा अवैध निर्माण हैं। जानकारों का कहना है कि इनकी असल संख्या और ज्यादा हो सकती है। नदी के डूब क्षेत्र में जमकर रजिस्ट्री हुई और उन्हें बिजली पानी का कनेक्शन भी दे दिया गया। इस लूट में किसी को हिंडन का दर्द नहीं दिखाई दिया।

हिंडन पर काम कर रहे संजय कश्यप कहते हैं कि नदी का डूब क्षेत्र आठ सौ मीटर है, लेकिन हिंडन के मामले में यह घटकर दो सौ मीटर से कम रह गया है। जमकर प्लाट काटे गए हैं।

हिंडन नदी के डूब क्षेत्र में अवैध निर्माण

हिंडन को बचाने के लिए होंगी प्रतियोगिताएं


हिंडन बचाने के अभियान में आप घर बैठे शामिल हो सकते हैं। हिंडन नदी पर निबंध, स्लोगन और कविताओं से आप नई जागृति ला सकते हैं। जल बिरादरी के विक्रांत शर्मा ने बताया कि निबंध, स्लोगन और कविता प्रतियोगिता में सर्वश्रेष्ठ रहने वालों को पुरस्कृत किया जाएगा। इसके लिए 15 विशेषज्ञों का एक पैनल बनाया गया है।

नदी और जीवन बचाने के अभियान में स्कूली बच्चे और कोई भी शख्स शामिल हो सकता है। हिंडन नदी पर आपका कोई निबंध, कोई कविता और स्लोगन इस अभियान को नई दिशा दे सकता है। नदी से अपने प्रेम का इजहार खुलकर करो और अपने विचारों को शब्दों में पिरोकर हिंदुस्तान के पास भेजिए। सर्वश्रेष्ठ रचनाओं को हम हिंडन नदी बचाने के अभियान में प्रकाशित करेंगे। इसके साथ जल बिरादरी सर्वश्रेष्ठ रचनाओं को पुरस्कृत करेगी। इसके अलावा सभी प्रतिभागियों को हिंदुस्तान की ओर से पर्यावरण संरक्षण का प्रमाणपत्र भी दिया जाएगा।

हिंडन नदी के डूब क्षेत्र में अवैध निर्माणजल बिरादरी ने हिंडन को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए हस्ताक्षर अभियान शुरू किया है। इसे राष्ट्रपति को भेजा जाएगा। सात साल से चल रहे इस हस्ताक्षर अभियान में अब तक 10,000 लोगों के साइन हो चुके हैं।

चलेगी मुहिम


1. जल बिरादरी आयोजित करेगी प्रतियोगिता
2. लोगों को हिंडन पर निबंध, स्लोगन और कविताएं भेजने की अपील
3. सर्वश्रेष्ठ रचनाओं को मिलेगा पुरस्कार, होंगी प्रकाशित

हिंडन नदी के डूब क्षेत्र में अवैध निर्माण

जल बिरादरी ने जारी किया हिंडन पर कैलेंडर


हिंडन को बचाने में जुटी जल बिरादरी ने 2014 में हिंडन नदी पर एक कैलेंडर जारी किया है। कैलेंडर में हिंडन से संबंधित चित्रों का संकलन है। हिंडन पर चलाए गए अभियान हिंडन के आस-पास का हाल और जनभागीदारी की कहानी यह कैलेंडर कहता है। कैलेंडर में राजस्थान की अरवरी नदी को शामिल किया गया है। जल पुरुष राजेंद्र सिंह के प्रयास से यह मृत नदी जीवित हो गई। जल बिरादरी से जुड़े लोगों का प्रयास है कि हिंडन को लेकर भी उस तरह की जागरूकता लोगों के अंदर आए।

जल बिरादरी के सुझाव


1. राष्ट्रीय नदी नीति बने
2. गंदे और और प्रदूषित नाले नदियों में न मिलाए जाएं।
3. जैविक खेती की जाए।
4. भूजल दोहन प्रतिबंधित हो
5. नदी के दोनों तरफ डूब क्षेत्र में पौधरोपण किए जाए।
6. भूजल प्रदूषित करना अजमानतीय अपराध घोषित हो।

हिंडन नदी के डूब क्षेत्र में अवैध निर्माण

नोट


अगर फुर्सत मिले तो पानी की तहरीरों को पढ़ लेना, हर इक दरिया हजारों साल अफसाना सा लिखता है। हिंडन एक तहजीब है। एक रिवायत है। जिस तरह से जल का संकट दिनोंदिन गहराता जा रहा है उसको देखते हुए हिंडन को प्रदषण की मार से बचाया नहीं गया तो हमारा अस्तित्व ही खतरे में पड़ जाएगा। हिंदुस्तान ने ‘हिंडन बचेगी जीवन बचेगा’ का संकल्प लेकर एक मुहिम शुरू की है। आइए इस मुहिम से जुड़कर एक ऐसे जन आंदोलन का रूप दें जिससे हिंडन का प्रदूषित पानी जीवन देने वाला अमृत जल बन सके। इसके अलावा अगर किसी के पास हिंडन के किनारे लगने वाले मेलों या धार्मिक अवसरों पर होने वाले स्नान पर्वों के फोटोग्राफ हो तो हमें अपने सुझाव के साथ-साथ अपने फोटोग्राफ भी इस मेल आईडी पर भेज सकते हैं। उसे हम आपके नाम से प्रकाशित करेंगे।

यहां भेजें हिंडन से जुड़ी रचनाएं, स्लोगन और निबंध


डाक और कूरियर से -
हिंदुस्तान गाजियाबाद, सेकेंड फ्लोर, 106, नवयुग मार्केट गाजियाबाद
हमें मेल करें- hindustanghaziabad@gmail.com

हिंडन नदी के डूब क्षेत्र में अवैध निर्माण

प्रदूषित हिंडन नदी

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