हल्की सी बारिश में दिल्ली हलकान


अभी हाल तक पूरे देश में सूखे को लेकर चर्चा हो रही थी। अब बारिश की शुरुआत हुई है। दिल्ली के मुख्यमंत्री जिस तरह अपने मोहल्ला सभाओं, योजनाओं और दूर दृष्टी का हवाला देकर दिल्ली की सरकार बना पाये थे, दिल्ली की जनता ने जिस तरह उन पर यकिन किया था। पहली ही बारिश में वह सब धूलता हुआ नजर आया। ऐसा नहीं है कि यह बारिश पहली बार आई है। यह हर साल आती है और इसके आने का समय भी यही होता है। इसके आने की सूचना दिल्ली के मुख्यमंत्री को भी रही होगी। उसके बावजूद दिल्ली में बरसात के आगमन की कोई तैयारी नहीं है।

14 जुलाई को जब कायदे से दिल्ली में पहली बारिश हुई, मोहल्लों में पानी भरने लगा। पूरी दिल्ली सोशल मीडिया पर जिस तरह अपना हाल बता रही थी, तस्वीरें साझा कर रही थी। ऐसा लग रहा था कि पूरी दिल्ली पानी से भरे एक गड्ढे में तब्दील हो गई हो।

मिन्टो रोड, नेहरू प्लेस, कमला मार्केट, करोलबाग, जीके लगभग दिल्ली के हर कोने से बारिश के पानी से सड़को के बुरे हाल और सड़क पर लगे लम्बे जाम की तस्वीर आ रही थी। कई जगह जाम का आलम यह था कि एक किलोमीटर का सफर लोगों ने डेढ़ घंटे में पार किया।

दिल्ली के रहने वाले तेजिन्दर सिंह ने अरविन्द केजरीवाल को ट्वीटर पर टैग करते हुए लिखा- ‘मैं डीएनडी पर फँसा हुआ हूँ। मुझे यहाँ से एयरलिफ्ट कीजिए।’

दिल्ली की बरसात में ट्रैफिक अलर्ट का एक सन्देश कुछ इस तरह का है- ‘सावित्री सिनेमा से चिराग दिल्ली तक पानी लगा हुआ है। ग्रेटर कैलाश, जहाँगीर पुरी मेट्रो स्टेशन, आदर्श नगर मेट्रो स्टेशन, जीटीके डीपो और साकेत कोर्ट से बीआरटी के रास्ते पर जाने से बचें।’

. एएनआई ने कई सारी तस्वीरें जारी की। जिसमें लोग सड़क पर पानी लगने की वजह जाम में फँसे हैं।

भास्कर मजुमदार ने बारिश के बाद दिल्ली का हाल सोशल मीडिया पर साझा करते हुए लिखा- बारिश की वजह से दिल्ली की सड़कों पर लगे जाम में फँसने से बचने के लिये ओखला, कालकाजी, नेहरू प्लेस, साउथ एक्स, मोती बाग, धौला कुआँ, जनकपुरी, रजोरी गार्डेन की तरफ ना जाएँ और बाद की पंक्ति में भास्कर ने पूरी दिल्ली में कहीं भी ना निकलने की सलाह देकर अपनी बात पूरी की।

पिछले कुछ समय से जिस तरह दिल्ली में उमस (ह्युमिडीटी) बढ़ गई थी। उसके बाद दिल्ली वालों का हाल बूरा था। बारिश ने जरूर उन्हें थोड़ी राहत की साँस दी है लेकिन दिल्ली सरकार की असावधानी के कारण पूरी दिल्ली की जान जाम की सांसत में जरूर फँस गई है। जबकि रिकॉर्ड बताते हैं कि बारिश इतनी अधिक नहीं हुई है कि दिल्ली का हाल इतना बूरा हो जाये।

सफदरजंग ऑबजर्वेटरी रिकॉर्ड्स के अनुसार 14 जुलाई को शाम 5ः30 बजे तक 15.0 मिलीमीटर बारिश हुई थी। पालम में 3.0 मिलीमीटर बारिश हुई। लोधी रोड पर 6.4 मिली मीटर बारिश हुई और रिज क्षेत्र में 22.2 मिली मीटर बारिश हुई। इतनी कम बारिश में भी दिल्ली सरकार की लापरवाही की वजह से पूरी दिल्ली को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।

गौरतलब है कि दिल्ली में आम आदमी की सरकार बड़े-बड़े वादे करके आई थी। दिल्ली के लोग मानते हैं कि यह सरकार आन्दोलन से निकल कर आई सरकार है। उसके बावजूद आम आदमी को राहत की जगह मुसीबत में डालने वाली सरकार की छवि इसकी दिल्ली में बनती जा रही है।

बरसात की वजह से दिल्ली सरकार की लापरवाही से बनी ट्रैफिक जाम की स्थिति में दक्षिणी दिल्ली में 450 मीटर की फासला एक घंटे में तय करने का औसत रिकॉर्ड दर्ज किया गया।

जल जमाव से परेशान दिल्लीबहरहाल देर अब भी नहीं हुई है। बरसात ने बस अभी दिल्ली में दस्तक दी है। जिसके आने की तारिख निश्चित थी। दिल्ली को बरसात में जाम मुक्त करने के लिये दिल्ली सरकार को प्रयास तेज कर देना चाहिए।
 

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