इलेक्ट्रो होम्योपैथी में सम्भावनाएँ हैं अपार

30 Nov 2017
0 mins read

क्या है इलेक्ट्रो होम्योपैथी


इलेक्ट्रो होम्योपैथी असल में होम्योपैथी चिकित्सा का ही एक हिस्सा है, जिसमें पेड़-पौधों का औषधीय अर्क निकालकर उसका इस्तेमाल विभिन्न रोगों में आल्टरनेट थेरेपी के तौर पर किया जाता है। इस चिकित्सा पद्धति के अनुसार रोग के लक्षण और औषधि के लक्षण में जितनी अधिक समानता होगी, रोगी के ठीक होने की सम्भावना भी उतनी अधिक बढ़ जाएगी। इस थेरेपी का मुख्य काम रक्त में आई अशुद्धियों को दूर कर शरीर को बीमारियों से मुक्त बनाना है।

कैसे काम करती है यह


इलेक्ट्रो होम्योपैथी चिकित्सा विज्ञान की वह शाखा है। जिसमें सभी प्रकार की बीमारियों के लिये सिर्फ पेड़-पौधों के अर्क का इस्तेमाल किया जाता है। इस पद्धति द्वारा इलाज के दौरान किसी भी जानवर या अन्य किसी प्रकार के खनिज स्रोत का इस्तेमाल नहीं किया जाता है। यह पद्धति पूरी तरह प्राकृतिक तरीकों से इलाज करती है। यह पूरी तरह सुरक्षित और बिना किसी साइड इफेक्ट के काम करने वाली थेरेपी है। अवसाद, आर्थराइटिस, माइग्रेन, अल्सर और अन्य अनेक प्रकार की गम्भीर बीमारियों का इलाज इस थेरेपी से सफलतापूर्वक किया जा सकता है।

योग्यता


इस कोर्स में डिप्लोमा और डिग्री दोनों स्तरों पर दाखिला लिया जा सकता है। डिप्लोमा कोर्स (D.E.H.M.) में दाखिला लेने के लिये दसवीं कक्षा अथवा उसके समकक्ष होना जरूरी है। वहीं डिग्री कोर्स (B.E.M.S.) के लिये 10+2 विज्ञान में फिजिक्स, केमिस्ट्री और बायोलॉजी विषयों के साथ उत्तीर्ण आवश्यक है। विज्ञान विषय में स्नातक भी इस कोर्स के लिये आवेदन कर सकते हैं। लेकिन यहाँ ध्यान देने वाली बात यह है कि U.G.C. या MCI जैसे मान्यता प्राप्त संस्थान उपरोक्त कोर्स को मान्यता नहीं देते। हालांकि इसे मान्यता देने पर सरकार अब विचार कर रही है।

अवसर


इलेक्ट्रो होम्योपैथिक रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन ऑफ इंडिया (ई.आर.डी.ओ.) के अध्यक्ष डॉ. के.पी.एस. चौहान के मुताबिक चिकित्सा के जगत में यह एक तेजी से उभरता हुआ क्षेत्र है, जिसमें करियर को लेकर अपार सम्भावनाएँ हैं। मेडिकल की अन्य शाखाओं की तुलना में इलेक्ट्रो होम्योपैथी की पढ़ाई सस्ती है इसलिये जो छात्र चिकित्सा के क्षेत्र में करियर बनाना चाहते हैं लेकिन, पैसों के अभाव के चलते ऐसा नहीं कर पाते, उनके सपने पूरे करने के लिये यह एक शानदार क्षेत्र है। विभिन्न सरकारी अस्पतालों और डिस्पेंसरियों में डिप्लोमा/डिग्री धारक को योग्यता और अनुभव के आधार पर आराम से 10 से 40 हजार रुपए तक वेतन मिल जाता है। अपना क्लीनिक खोलने पर आप अपनी योग्यता के हिसाब से जितना चाहें कमा सकते हैं। इतना ही नहीं विदेशों में तो और भी अच्छे वेतन पर आप काम कर सकते हैं। जैसे डेंटल सर्जन को अमेरिका में लगभग 1,10,000 सालाना के हिसाब से वेतन मिलता है।

प्रमुख संस्थान


1. इंस्टीट्यूट ऑफ इलेक्ट्रो होम्योपैथी ऑफ इंडिया, कोलकाता www.iehi.co.in
2. एस.आर.एम. यूनिवर्सिटी, चेन्नई www.srmuniv.ac.in
3. राजलक्ष्मी इलेक्ट्रो होम्योपैथी मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल www.rlehmc.com
4. जीवधारा इंस्टीट्यूट, केरल www.jivadhara.com

Posted by
Get the latest news on water, straight to your inbox
Subscribe Now
Continue reading