जल सत्याग्रह करने वाले किसानों की जीत
अगर हौसला बुलंद हो तो क्या नहीं हो सकता है। यह साबित कर दिया है मध्य प्रदेश के जल सत्याग्रहियों ने। देश-दुनिया में हुई किरकिरी के बाद आखिरकार मध्य प्रदेश की सरकार को जल सत्याग्रहियों के आगे झुकना पड़ा। सरकार जल सत्याग्रहियों की मांगों को मानने पर राजी हो गई। खंडवा और हरदा में जल सत्याग्रह कर रहे लोगों के आगे झुकते हुए राज्य सरकार ने नर्मदा नदी पर बने ओंकारेश्वर बांध के जलस्तर को फिलहाल पहले की तरह 189 मीटर तक रखने की मांग मान ली है। इसके अलावा एक पांच सदस्यीय समिति बनाई गई है जो डूब प्रभावित लोगों की समस्याओं का निराकरण करेगी। मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने सोमवार को अपने निवास पर ग्राम घोघलगांव, टोकी, केलवाबुजुर्ग, एखंड और कामनखेड़ा के प्रभावित किसानों से सीधा संवाद करते हुए यह आश्वासन दिया। मुख्यमंत्री के आश्वासन के फौरन बाद ओंकारेश्वर बाध के गेट खोलकर उसके जलस्तर को 189 मीटर कर दिया गया।