जलवायु परिवर्तन के कारण मछलियां बनीं जहरीली


वैश्विक जलवायु परिवर्तन का नकारात्मक असर कैरिबियन मछलियों पर स्पष्ट दिख रहा है। इसके कारण वहां की मछलियां काफी जहरीली हो रही हैं। यह बात यूनिवर्सिटी ऑफ फ्लोरिडा के शोधकर्ताओं ने एक विस्तृत अध्ययन के बाद बताई। प्रमुख शोधकर्ता डॉ. ग्लेन मॉरिस ने बताया कि पर्यावरण के लगातार बदलाव के कारण कैरिबियन मछलियों में विषैले तत्व विकसित हो रहे है। इसे खाने वाले मनुष्य भी काफी विषाक्त हो रहे हैं, जिसके कारण वे कई गंभीर बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं।

मॉरिस ने बताया कि मौसम में लगातार बदलाव के कारण समुद्र का तापमान काफी बढ़ रहा है और इसके कारण गैम्बीयर्डिस्कस नामक समुद्री शैवाल भी काफी बढ़ रहा है। ये शैवाल काफी विषैले होते हैं। उन्होंने बताया कि समुद्र में रहने वाली शाकाहारी मछलियां शैवाल के सहारे ही जीवित रहती हैं। विषैले शैवाल की बढ़ती संख्या के कारण मछलियों को मजबूरन इसे ही खाकर गुजारा करना पड़ रहा है। इसे खाते ही मछलियां जहीरीली हो जाती हैं। इसके बाद जब मनुष्य इन मछलियों को खाता है, तो वे भी विष की चपेट में आ जाते हैं।

मॉरिस ने बताया कि मछलियों के अंदर पनपने वाला जहर काफी खतरनाक है। मछलियों को कितना भी क्यों न पका लिया जाए, ये विषैले तत्व समाप्त नहीं होते। हाल के वर्षों में इन मछलियों को खाने वाले कई लोग गंभीर रोगों की चपेट में आए हैं। इन जहरीली मछलियों को खाने के बाद लोगों को सबसे पहले उल्टी फिर उबकाई आती है। इसके बाद तो कई लोग डायरिया के भी शिकार हो जाते हैं। जब यह बीमारी बढ़ने लगती है, तो गंभीर रूप ले लेती है। इसके बाद हाथ, पैर और चेहरे में सिहरन शुरू हो जाती है। इसके अलावा शरीर में काफी दर्द होता है और शरीर काफी कमजोर पड़ जाता है। कभी-कभी तो इसके कारण असामान्य लक्षण भी दिखाई देते हैं। जैसे - ठंडा पानी भी गर्म लगने लगता है।

मॉरिस ने बताया कि इस समस्या से निपटने के लिए सबसे पहले इसके मुख्य घटक के बारे में सोचना चाहिए, जो कि लगातार बदलता जलवायु है। उन्होंने बताया कि इसके दोषी मुख्य रूप से इंसान हैं और अब इसका नकारात्मक असर पूरे विश्व में देखने को मिल रहा है। सबसे पहले इन कारणों की तलाश कर कोई कारगर कदम उठाना चाहिए, जिससे हमारा पर्यावरण भी बच सके।
 

 

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