ज़ुल्म व अन्याय के खिलाफ किसानों-मज़दूरों ने बुलन्द की आवाज़

11 Jan 2014
0 mins read
farmer march against government
farmer march against government
किसानों के आक्रोश को देखकर एसडीएम ने कहा कि आप लोगों को आवासीय पट्टा दिया जाएगा। निर्माण कार्य रोकने पर कानूनी कार्रवाई कर दी जाएगी। इतना सुनते ही किसान व मजदूर आक्रोशित हो उठे और कहा कि वह केवल आवासीय पट्टे के लिए आन्दोलन नहीं कर रहे हैं। उनकी मांगें ज्ञापन में लिखी हुई हैं। लेकिन एसडीएम ने मनमानी करना शुरू कर दिया और कहा कि काम नहीं रुकेगा। मेजा। भू-अधिग्रहण से प्रभावित परिवारों को धोखे में रखकर मेजा ऊर्जा निगम संयुक्त उपक्रम एनटीपीसी में निर्माण कार्य करवाने पहुंचे मेजा के एसडीएम को किसानों व मज़दूरों ने खदेड़ दिया। मौके पर मौजूद पुलिस फोर्स भी भाग खड़ी हुई। माहौल बिगड़ता देख ठेकेदार व एनटीपीसी के अधिकारी भी चुपचाप खिसक गए। इसके बाद भारी संख्या में जुटे किसानों व मज़दूरों ने विशाल रैली निकाली और प्रशासन को चेतावनी दी कि यदि बिना किसी नतीजे पर पहुंचे यहां निर्माण कार्य प्रारंभ हुआ तो आन्दोलन उग्र रूप ले लेगा और इसका ख़ामियाज़ा जिला तथा स्थानीय प्रशासन को भुगतना पड़ेगा।

करीब तीन महीने से कोहड़ार में मेजा ऊर्जा निगम संयुक्त उपक्रम एनटीपीसी के खिलाफ किसानों व मज़दूरों का आन्दोलन चल रहा है। करीब एक माह पूर्व किसानों ने तहसील मेजा पहुँचकर एसडीएम को अपनी मांगों से संबंधित ज्ञापन सौंपा था तथा विभिन्न समस्याओं को तत्काल हल करने के बाद निर्माण कार्य प्रारंभ कराने की बात की गई थी। ज्ञापन मिलने के बाद एसडीएम मेजा विपिन कुमार मिश्र ने किसान नेता राजीव चन्देल से कहा कि उन्होंने ज्ञापन का अध्ययन कर लिया है और विस्थापितों की समस्याओं को हल करने के बाद ही आगे कार्य कराया जाएगा। इसके बाद एसडीएम स्वयं प्रभावित गाँवों में गए और किसानों-मज़दूरों से मुलाकात कर उनकी समस्याओं से रूबरू हुए। किसानों द्वारा बताई गई समस्याओं और मांगों को जानकर एसडीएम ने आश्वासन दिया कि वह जिलाधिकारी से मिलकर इन सारी समस्याओं व मांगों के विषय में बताएंगे। बावजूद इसके वह खीरी थाना की पुलिस लेकर सलैया कला गांव पहुंचे और एनटीपीसी के ठेकेदारों से मिलकर वहां जेसीबी चलवाना शुरू कर दिया।

किसानों का विस्थापन विरोधी मार्च रैलीइस बात की जानकारी होते ही मौके पर भारी संख्या में परियोजना से प्रभावित किसान व मज़दूर एकत्रित हो गए। किसानों के आक्रोश को देखकर एसडीएम ने कहा कि आप लोगों को आवासीय पट्टा दिया जाएगा। निर्माण कार्य रोकने पर कानूनी कार्रवाई कर दी जाएगी। इतना सुनते ही किसान व मजदूर आक्रोशित हो उठे और कहा कि वह केवल आवासीय पट्टे के लिए आन्दोलन नहीं कर रहे हैं। उनकी मांगें ज्ञापन में लिखी हुई हैं। लेकिन एसडीएम ने मनमानी करना शुरू कर दिया और कहा कि काम नहीं रुकेगा। इसके बाद आक्रोशित किसानों व मज़दूरों ने जेसीबी ड्राइवरों से कहकर काम रोकवा दिया और एसडीएम को भी वहां से हटने को कहा। किसानों के आक्रोश को देख एसडीएम बहस करने लगे इस पर मामला बिगड़ गया फिर किसानों व मज़दूरों ने नारेबाज़ी करते हुए एसडीएम को मौके से खदेड़ दिया।

इसके बाद भारी संख्या में जुटे किसानों व मज़दूरों ने विस्थापन विरोध मंच के संयोजक राजीव चन्देल, अध्यक्ष राजकुमार यादव, रमाकांत यादव व बीके निषाद के नेतृत्व में करीब सात किमी. लंबी विशाल रैली निकाली। एनटीपीसी मुर्दाबाद, ज़मीन हमारी आपकी, नहीं किसी के बाप की व एनटीपीसी की राख, कर देगी खेती बर्बाद का नारा लगाते हुए सैंकड़ों लोग सलैया कला गांव, सलैया खुर्द, लालतारा होते हुए कोहड़ार घाट तिराहे पर पहुंचे और जनसभा की। जनसभा को संबोधित करते हुए किसान-मजदूर नेता मंसूर अली ने कहा कि अब न्याय की लड़ाई का वक्त आ गया है। यदि किसान व मज़दूर एक महीने का समय आन्दोलन को दे देगा तो एनटीपीसी को खदेड़ने में देर नहीं लगेगी। जेपी यादव ने कहा कि हमारी मांगें, सरकारी नौकरी, नए भूमि कानून के मुताबिक मुआवजा, गांव समाज व भूदान की ज़मीन का मुआवजा गांव समाज के खाते में न दी गई तो यह आन्दोलन अब रूकने वाला नहीं है।

किसानों का विस्थापन विरोधी मार्च रैली

Posted by
Get the latest news on water, straight to your inbox
Subscribe Now
Continue reading