कैसे आए यमुना में शुद्ध जल

हर ब्रजवासी और कृष्ण भक्त चाहता है कि ब्रज से बहने वाली यमुना में शुद्ध जल बहे। बड़ी जोर से इस बात को उठाया जा रहा है और संतों ने अपनी प्रेरणा से लोगों को जागृत किया है पर सवाल है कि केवल इच्छा करने से यमुना शुद्ध हो जाएगी। हमें समझना होगा कि आज यमुना में शुद्ध जल क्यों नहीं है और ढूंढने होंगे वो समाधान जिससे यमुना में शुद्ध जल आ सके? यमुना में 70 प्रतिशत कचरा अकेले दिल्ली डालती है पर यमुना को गंदा करने में केवल दिल्ली का ही हाथ नहीं है यमुना के किनारे बसे हर गांव, कस्बे, नगर, कारखाने और आश्रम भी इसके जिम्मेदार हैं। यमुना एक्शन प्लान पर सैकड़ों-करोड़ों रुपया खर्च किया गया लेकिन ढाक के तीन पात वाली कहावत है। यमुना का उद्धार किया जा सकता है। ऐसे प्रयासों में पानी की खपत को कम करना, नदी का प्रवाह बढ़ाना, प्रदूषण को रोकना और भूमिगत जलों का संरक्षण करना होगा। दिल्ली में पानी की औसत खपत रोज़ाना प्रति व्यक्ति 250 लीटर है, जो देश में प्रतिदिन प्रति व्यक्ति 135 लीटर के औसत उपभोग से काफी ज्यादा है। इसके बावजूद विभिन्न इलाकों में पानी की कमी बनी हुई है और नलों से आने वाले पानी की गुणवत्ता सुरक्षित नहीं है।

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