कहै घाघ घाघिन से रोय

25 Mar 2010
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कहै घाघ घाघिन से रोय,
बहु संतान दरिद्री होय।


भावार्थ- घाघ घाघिनी से रोकर कहते हैं कि अधिक संतान वाला दरिद्र होता है क्योंकि वह अपनी संतानों पर उतना ध्यान नहीं दे पाता।

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