किसान सम्बन्धी कहावतें

22 Mar 2010
0 mins read

असाढ़ मास जो गँवही कीन।
ताकी खेती होवै हीन।।


शब्दार्थ- गँवही-गमन, मेहमानी।

भावार्थ- यदि किसान आषाढ़ मास में मेहमानी करता फिरता है तो उसकी खेती कमजोर या नष्ट हो जाती है क्योंकि यह समय खेती के काम के लिए उपयुक्त होता है।

Posted by
Get the latest news on water, straight to your inbox
Subscribe Now
Continue reading