मेंस्ट्रुअल हाइजीन अवेयरनेस

29 Dec 2018
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sanitation
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अपनी बात को स्पष्ट रूप से कहने में संकोच और हिचक के चलते महिलाओं में तमाम शारीरिक समस्याएँ उत्पन्न हो जाती हैं। ऐसी ही एक समस्या है यूरिनरी ट्रेैक्ट इन्फेक्शन( यूटीआई)। यूटीआई से हर साल लाखों लोग प्रभावित होतेे हैं जिसमें महिलाओं की संख्या सबसे ज्यादा होती है। महिलाओं द्वारा कम पानी पीने और बहुत अधिक समय तक यूरिन (पेशाब) रोकने के कारण यह समस्या उत्पन्न होती है। मासिक धर्म के दौरान संक्रमण की यह समस्या और भी बढ़ जाती है। इसके समाधान के लिये यह जरूरी है कि महिलाएँ मासिक धर्म में साफ-सफाई को लेकर सजग रहें, साथ ही अन्य दिनों में भी इसमें कोताही न बरतें।

क्या है यूटीआई

यूटीआई यानी यूरीनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन महिलाओं को होेने वाली एक सामान्य परेशानी है। ज्यादातर महिलाओं को अपने जीवनकाल में कभी-न-कभी इस परेशानी का सामना करना पड़ता है। कुछ महिलाओं मे यूटीआई की समस्या जल्दी-जल्दी होती है। ऐसे में कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना जरूरी है। यूटीआई की समस्या जीवाणु (बैक्टीरिया) के कारण पैदा होती है। इस समस्या में बैक्टीरिया मूत्रमार्ग से होते हुए यूरिनरी ब्लैडर तक पहुँच जाते हैं और संक्रमण फैलाते हैं। यहाँ तक कि कई बार ब्लैडर में सूजन जैसी समस्या भी हो जाती है।

महिलाएँ ज्यादा प्रभावित क्यों

यूटीआई किसी को भी हो सकती है लेकिन इससे सबसे ज्यादा महिलाएँ प्रभावित होती हैं। महिलाओं में पुरूषों की अपेक्षा यूरेथ्रा छोटा होने की वजह से बैक्टीरिया यूरिनरी ब्लैडर को जल्दी प्रभावित करते हैं। गन्दे शौचालयों, खुले में शौच अथवा समय पर यूरिन न करने जैसे कारणों से भी बड़ी संख्या में महिलाएँ इसकी शिकार हो जाती हैं। साफ-सफाई की कमी से यह हर आयु वर्ग की महिलाओं को हो सकता है परन्तु मेनोपॉज के बाद एस्ट्रोजन का कम होना भी इसका एक कारक है।

जरूरी है निरन्तर सफाई

1. मासिक धर्म के दौरान नियमित अन्तराल पर सफाई रखना आवश्यक है। हर तीन से चार घंटे पर सैनेटरी नैपकिन बदलती रहें। गन्दे नैपकिन से बैक्टीरिया जल्दी फैलते हैं।
2. कई बार घर से बाहर होने की वजह से महिलाएँ शौचालय का इस्तेमाल नहीं कर पाती हैं। इस कारण उन्हें कई घंटे तक यूरिन रोकनी पड़ती है। ऐसी स्थिति न आने दें। यूरिन को ज्यादा देर तक रोकने से जीवाणुओं को पनपने का मौका मिलता है।
3. यूटीआई के दौरान मासिक धर्म के शुरू होने से खतरा और बढ़ जाता है। ऐसे में जननांगों को साफ पानी की मदद से नियमित रूप से समय-समय पर साफ करती रहें।
4. यूटीआई के दौरान मासिक धर्म का स्राव तेज होने से सैनेटरी नैपकिन जल्दी गीला हो सकता है। इसे समय पर बदलें और आरामदायक नैपकिन का इस्तेमाल करें।
5. 30 प्रतिशत मामलों में यूरिनरी ट्रैक्ट संक्रमण की वजह से प्रसव और गर्भधारण में भी समस्या होती है।
6. 79 प्रतिशत के करीब ग्रामीण क्षेत्र में महिलाओं को होने वाली बीमारियाँ मासिक धर्म में स्वच्छता न अपनाए जाने की वजह से होती हैं, तो वहीं शहरी क्षेत्रों में रहने वाली महिलाएँ स्वास्थ्य सम्बन्धी परेशानियाँ जानती तो हैं मगर इसके प्रति जाँच के मामले में गम्भीर नहीं हैं (फॉग्सी की ओर से हुए अध्ययन के अनुसार)
7. 10 प्रतिशत पानी के सेवन की मात्रा बढ़ा देने से यूटीआई की समस्या से मिल सकती है राहत।
8. 40 की उम्र के बाद पुरूषों में जहाँ यूटीआई की समस्या देखने को मिलती है, वहीं महिलाएँ कई कारणों की वजह से कम उम्र में ही इसकी शिकार होने लगती हैं।

(लेखिका वरिष्ठ आईवीएफ विशेषज्ञ फेडरेशन ऑफ ऑब्सटेट्रिकल एंड गायनेलॉजिकल सोसायटी ऑफ इण्डिया (फॉग्सी) के अध्यक्ष हैं)

 

 

 

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