महाकुंभ
इलाहाबाद में गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम पर 14 जनवरी, मकर संक्रांति से दुनिया का सबसे बड़ा मेला होने को है, इसमें जमीन के हर जर्रे से 7 करोड़ लोग शामिल होंगे। यह मेला प्रति 12 वर्षों के अन्तराल पर आयोजित किया जाता है।खगोल गणनाओं के अनुसार, यह मेला मकर संक्रांति के दिन प्रारम्भ होता है, जब सूर्य और चन्द्रमा, वृश्चिक राशी में और वृहस्पति, मेष राशी में प्रवेश करते हैं। मकर संक्रांति के होने वाले इस योग को 'कुम्भ स्नान-योग' कहते हैं और इस दिन को विशेष मंगलिक माना जाता है, क्योंकि यह माना जाता है कि इस दिन पृथ्वी से उच्च लोकों के द्वार खुलते हैं और इस प्रकार इस दिन स्नान करने से आत्मा को उच्च लोकों की प्राप्ति सहजता से हो जाती है। कुंभ का आयोजन प्रत्येक बारह साल में चार बार किया जाता है अर्थात हर तीन साल में एक बार चार अलग-अलग स्थानों पर लगता है। अर्द्धकुंभ मेला प्रत्येक छह साल में हरिद्वार और प्रयाग में लगता है जबकि पूर्णकुंभ हर बारह साल बाद केवल प्रयाग में ही लगता है। बारह पूर्ण कुंभ मेलों के बाद महाकुंभ मेला भी हर 144 साल बाद केवल इलाहाबाद में ही लगता है।