मन का मैल धो शुरू किया यमुना सफाई का काम

8 May 2016
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यह स्कीमर आईटीओ पुल व मेट्रो पुल के बीच चार पाँच दिन तक कचरा निकालने के बाद आगे बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि कोई मेक इन इण्डिया योजना के तहत सस्ते स्कीमर बना सकते हैं तो आगे आएँ। उन्होंने कहा कि किसी ने 50 लाख में ऐसा स्वदेशी स्कीमर देने का प्रस्ताव किया है। उसे अगर लिया गया तो उसका पहले राम गंगा या काली गंगा से परीक्षण करेंगे। सरकार की योजना है कि ऐसे पाँच स्कीमर और खरीदें जाएँ। छठ घाट का दो करोड़ की लागत से निर्माण व सुन्दरीकरण किया जाएगा। ज्यादातर मुद्दों पर टकराने वाली केन्द्र और दिल्ली सरकार यमुना सफाई के लिये एकजुट हुईं। नमामि गंगे परियोजना के तहत गंगा को निर्मल बनाने का अभियान शनिवार को यमुना की सफाई से शुरू हुआ। केन्द्रीय जल संसाधन मंत्री उमा भारती ने दिल्ली के जल मंत्री कपिल मिश्र के साथ यमुना से कचरा निकालने वाली ट्रेश स्कीमर को हरी झंडी दिखाकर इस मुहिम का आगाज किया।

करीब 1600 करोड़ की लागत वाली आठ योजनाओं के साथ यमुना को निर्मल बनाने का काम किया जाएगा। तय किया गया है कि दिल्ली का नाला मथुरा वृंदावन न जाये व यमुना का साफ पानी इलाहाबाद तक पहुँचे।

इस मुद्दे पर दोनों सरकारों ने बिना किसी टकराव के मिलकर काम करने की बात कही। उमा भारती ने कहा कि अब तक गंगा पर चार हजार करोड़ व यमुना की सफाई के लिये तीन हजार करोड़ आये हैं, जो जापान सरकार ने दिये हैं। इनमें से यमुना पर दो चरणों में चले सफाई अभियान पर 1500 करोड़ खर्च हो गए। लेकिन नतीजा सन्तोषजनक नहीं रहा। उन्होंने कहा कि मथुरा में द्वारकाधीश का जिस जल से अभिषेक होता है वह दिल्ली का नाला है।

उमा ने कहा कि हमने समग्र योजना बनाकर काम करने का फैसला किया है। इसके लिये योजना बनाई है कि अगले तीन सालों में दिल्ली का एक भी बूँद नाला यमुना में न जाये। इसके लिए मौजूदा जलशोधन संयंत्रों की मरम्मत के अलावा नए संयंत्र लगाने का काम किया जाएगा। रिठाला के सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट को और उच्च तकनीक वाला बनाया जाएगा। अशोकनगर और जहाँगीरपुरी नाले को यहाँ से हटाया जाएगा। खराब पड़ चुके सीवेज ट्रीटमेंट संयंत्र को ठीक किया जाएगा। नरवाना रोड ट्रंक सीवर चार झिलमिल सीवर व ट्रंक सीवर पाँच का जीर्णोंद्धार किया जाएगा।

साढ़े चार करोड़ लागत वाले कचरा निकालने के ट्रेश स्कीमर को लगाया गया। यह रोज दस टन कचरा निकालेगा। यह स्कीमर आईटीओ पुल व मेट्रो पुल के बीच चार पाँच दिन तक कचरा निकालने के बाद आगे बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि कोई मेक इन इण्डिया योजना के तहत सस्ते स्कीमर बना सकते हैं तो आगे आएँ। उन्होंने कहा कि किसी ने 50 लाख में ऐसा स्वदेशी स्कीमर देने का प्रस्ताव किया है। उसे अगर लिया गया तो उसका पहले राम गंगा या काली गंगा से परीक्षण करेंगे। सरकार की योजना है कि ऐसे पाँच स्कीमर और खरीदें जाएँ। छठ घाट का दो करोड़ की लागत से निर्माण व सुन्दरीकरण किया जाएगा।

इसके अलावा दिल्ली में वजीराबाद से ओखला बैराज तक करीब 38 किलोमीटर के यमुना के किनारे का विकास इस तरह से किया जाएगा कि कोई दौड़ना शुरू करे तो यमुना किनारे फूलों की क्यारियों के सुगन्ध से भर उठे। इसके लिये वर्जीनिया विश्वविद्यालय के छात्रों ने कुछ प्रस्ताव दिया है। उसे अमल में लाने के लिये दिल्ली सरकार के पास भेजा जाएगा।

उमा ने कहा कि हथिनीकुण्ड बैराज से काफी पानी सिंचाई के लिये हरियाणा को जाता है। हरियाणा सरकार से कहा गया है कि वह सिंचाई के लिये प्रेशनर तकनीक विकसीत करे। इस तरह से करीब 30 से 40 फीसद पानी हथिनीकुण्ड से बच जाएगा। जिसे सम्बन्धित राज्यों की पेयजल आपूर्ति के अलावा आगे जाने दिया जाएगा, ताकि यमुना में अविरलता आये।

किसी भी नदी को जीवनदान किसी दूसरी नदी से नहीं बल्कि उसी नदी के पानी व पारिस्थितिकी से दिया जा सकता है। हर नदी की अपनी विशेषता होती है। एक नदी से दूसरी नदी को रीचार्ज किया जा सकता है बस। इसलिये यमुना को को पुुनर्जीवित करने के लिये लखवाड़ व्यासी परियोजना के तहत ऊपर मानसून सीजन में पानी रोककर गैर मानसून सीजन में उसे यमुना में छोड़ा जाएगा। ताकि प्रयाग तक साफ व अविरल यमुना जा सके।

कपिल मिश्र ने कहा कि नदी समाज का दर्पण होती है। समाज में गन्दगी व भ्रष्टाचार होगा तो नदी साफ नहीं हो सकती। उन्होंने कहा कि सबसे पहले उनकी सरकार ने नदी के अलग-अलग विभागों के तहत किये जाने वाले कामों को एक छत के नीचे लाने की पहल की। पहली बार दिल्ली में जलमंत्री बनाया गया जो नदी के पानी, इसके घाटों व नालों सभी के लिये अन्तिम रूप से जवाबदेह होगा। उन्होंने कहा कि उनकी कोशिश है कि अगले 30 से 45 दिनों में यमुना का कचरा साफ कर दिया जाये। इसके साथ ही दिल्ली जलबोर्ड नदी की सफाई के लिये व्यापक कार्य योजना तैयार कर रहा है। इस पर 36 दिनों में काम पूरा किया जाएगा।

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