नहरी क्षेत्र में पानी में बैक्टीरिया की जांच जरूरी - डॉ मनोज शर्मा

22 Nov 2014
0 mins read

पानी में बैक्टीरिया की जांच करनी अत्यंत जरूरी है ताकि किसी प्रकार की महामारी या बीमारी न फैले। साथ ही विभिन्न प्रकार की अन्य जांच कर लेना भी उचित रहता है। डॉ. शर्मा ने बताया कि ग्राम पंचायत के प्रत्येक स्रोत से उपलब्ध पानी की साल में दो बार जांच की जानी आवश्यक है। यह जांच बरसात आने से पूर्व व बरसात आने के बाद की जानी चाहिए ताकि यह पता लग सके कि बरसाती पानी के साथ जल स्रोत में कहीं कोई अशुद्धि तो शामिल नहीं हुई है।

बीकानेर, 21 नवंबर, जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग बीकानेर द्वारा आज खाजूवाला तहसील में जाट धर्मशाला में राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम के तहत एक दिवसीय ब्लॉक स्तरीय एफटीके (फिल्ड टेस्ट किट) प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया। इस प्रशिक्षण में पहलवान का बेरा, 2 केडब्ल्यूएम, मोतीगढ़, आनन्दगढ़, आडूरी ग्राम पंचायत के ग्राम सेवक, एएनम, आशा सहयोगिनी, अध्यापक, विद्यार्थियों सहित पीएचईडी के तकनीकी कर्मचारियों ने हिस्सा लिया।

इस प्रशिक्षण में प्रशिक्षण देते हुए क्षेत्रीय प्रयोगशाला के वरिष्ठ रसायनज्ञ डॉ. मनोज शर्मा ने एफटीके के माध्यम से फिल्ड में ही जल स्रोतों पर पानी की जांच के बारे में प्रशिक्षण दिया। मनोज शर्मा ने पानी में क्लोराइड, फ्लोराइड, नाइट्रेट, टीडीएस, पीएच सहित जीवाणु जांच की जानकारी प्रशिक्षणार्थियों को विस्तार से दी। डॉ. शर्मा ने कहा कि इस क्षेत्र में पीने के लिए नहरी पानी की सप्लाई की जाती है जिसमें जीवाणु संबंधी अशुद्धि होने की संभावना सबसे ज्यादा होती है।

इस क्षेत्र के पानी में बैक्टीरिया की जांच करनी अत्यंत जरूरी है ताकि किसी प्रकार की महामारी या बीमारी न फैले। साथ ही विभिन्न प्रकार की अन्य जांच कर लेना भी उचित रहता है। डॉ. शर्मा ने बताया कि ग्राम पंचायत के प्रत्येक स्रोत से उपलब्ध पानी की साल में दो बार जांच की जानी आवश्यक है। यह जांच बरसात आने से पूर्व व बरसात आने के बाद की जानी चाहिए ताकि यह पता लग सके कि बरसाती पानी के साथ जल स्रोत में कहीं कोई अशुद्धि तो शामिल नहीं हुई है।

राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम के आईईसी सलाहकार श्याम नारायण रंगा ने उपस्थित प्रशिक्षणार्थियों को एफटीके प्रशिक्षण के उद्देश्यों के बारे में बताया और कहा कि ग्राम पंचायत स्तर पर प्रयास करके ही शुद्ध पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की जा सकती है। रंगा ने कहा कि शुद्ध पानी पीना प्रत्येक नागरिक का अधिकार है साथ ही प्रत्येक नागरिक का यह कर्त्तव्य है कि वह अपने क्षेत्र के पानी की जांच करे और पानी में जो भी अशुद्धि है उसको दूर करने का प्रयास करे।

राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम के जिला एचआरडी सलाहकार नवीन सारस्वत ने उपस्थित लोगों को प्रशिक्षण के उद्देश्यों व आवश्यकता के बारे में बताया। सारस्वत ने कहा कि शीघ्र ही इस कार्यक्रम के तहत ग्राम पंचायत स्तर पर गतिविधियां आयोजित कर जल बचत के प्रति जन जागरूकता का प्रयास किया जाएगा। प्रशिक्षण में डॉ. मनोज पंवार ने बताया कि खाजूवाला में भूजल की स्थिति अतिदोहन के कारण विकट है।

यहां पानी जमीन के काफी नीचे जा चुका है अतः आवश्यकता है कि ग्राम स्तर पर रिचार्ज स्ट्रक्चर बनाए जाए और भूजल का पुनर्भरण किया जाए। डॉ पंवार ने कहा कि रासायनिक दृष्टि से पेरामीटर की मात्रा बहुत अधिक है इसलिए भूजल पीने योग्य नहीं है। इस अवसर पर जिला एमएण्डई सलाहकार योगेश बिस्सा ने राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम के बारे में जानकारी दी व उपस्थित लोगों का धन्यवाद ज्ञापित कर आभार प्रकट किया।

द्वारा
नवीन कुमार सारस्वत
जिला एचआरडी सलाहकार
बीकानेर

Posted by
Get the latest news on water, straight to your inbox
Subscribe Now
Continue reading