नमामि गंगे की पहली किस्त चढ़ी घोटाले की भेंट

7 Oct 2017
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polluted ganga
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नमामि गंगे को सफल बनाने के लिये सरकार ने जहाँ 1900 करोड़ का बजट स्वीकृत किया है वहीं अब फॉरेस्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट ने ‘फॉरेस्ट इंटरवेशन इन गंगा’ नाम की एक और परियोजना प्रस्तुत की है। इस हेतु दो हजार करोड़ का प्लान तैयार किया जा चुका है। फॉरेस्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट डीम्ड यूनिवर्सिटी में हुए दिक्षान्त समारोह के दौरान महानिदेशक वन सिद्धान्त दास ने बताया कि एफआरआई ने इसलिये 2000 करोड़ का प्लान तैयार किया है कि इसके तहत गंगा के उद्गम स्थल से लेकर बंगाल की खाड़ी तक समूचे गंगा रीजन को इस कार्य योजना में शामिल किया गया है। इस योजना का मकसद गंगा कैचमेंट का ट्रीटमेंट सहित गंगा रीजन में बारिश के पानी को बहने रोकना है।प्रधानमंत्री का ड्रीम प्रोजेक्ट ‘गंगा की स्वच्छता व निर्मलता’ को लेकर सरकारें अलग-अलग नामों से इस योजना को क्रियान्वयन के लिये जमीनी रूप दे रही हैं। वह चाहे नमामि गंगे हो या निर्मल गंगा आदि। इन सभी योजनाओं के लिये केन्द्र सरकार ने इसलिये 1900 करोड़ रुपए स्वीकृत किये ताकि गंगा की अविरलता और स्वच्छता का सवाल भविष्य में सामने ना आ पाये। पर ऐसा नजर नहीं आ रहा है।

यह बात तब सामने आई जब उत्तराखण्ड की विधानसभा में नमामि गंगे योजना के तहत 95 लाख रुपए के घोटाले का राज खुला। जगजाहीर है कि जिन-जिन राज्यों से गंगा बहती हुई गुजरती है उन राज्यों की सरकारें गंगा संरक्षण के लिये अपने-अपने स्तर से कार्ययोजना बना रही है। मगर ताज्जुब तब होता है कि जिस राज्य में गंगा का उद्गम स्थल हो और वहाँ की सरकार पर शुरुआती दौर में ‘नमामि गंगे’ योजना के घोटाले के राज सामने आने लग जाये यह बात हजम नहीं होती।

अगर यह सही पाया गया तो मौजूदा राज्य सरकार के लिये यह सबसे बड़ी दुखद घटना कही जा सकती है। बता दें कि हाल ही में उत्तराखण्ड विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष डॉ. इंदिरा हृदयेश ने ‘नमामि गंगे’ योजना के 95 लाख रुपए के घपले का मामला विधानसभा में उठाया। नेता प्रतिपक्ष डॉ. इंदिरा हृदयेश ने इस मामले को बजट पर चर्चा के दौरान प्रमुखता से उठाया और कहा कि दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई होनी चाहिए।

उल्लेखनीय हो कि नमामि गंगे योजना के तहत टिहरी वन प्रभाग को 95 लाख रुपए विभिन्न कार्य कराने के लिये मिले ही थे कि योजना से जुड़े लोगों ने इस बजट को ठिकाने लगाने का रास्ता ढूँढ निकाला। अब सवाल उठना लाजमी है कि क्या इस तरह से भविष्य में गंगा की स्वच्छता और अविरलता बनी रहेगी? क्या ऐसी हालातों में प्रधानमंत्री का यह ड्रीम प्रोजेक्ट सामने आ पाएगा? प्रश्न इस बात का है कि नमामि गंगे योजना की पहली ही किस्त पर पलिता लगना आरम्भ हो गया है। हालांकि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इस गड़बड़ झाले पर जाँच बैठा दी है।

घपले करने वाले अधिकारी कब दोषी साबित होंगे यह समय की गर्त में है। डॉ. हृदयेश का आरोप है कि नमामि गंगे योजना के लाखों रुपए टिहरी वन प्रभाग ने ऐसे लोगों को कौड़ियों के भाव बाँट दिये हैं जो कि इस योजना के तहत पात्र भी नहीं थे। कहा कि कुछ लोगों के साथ मिलीभगत कर वन विभाग के अफसरों ने इसमें काफी धन को ठिकाने लगा दिया है।

कई ऐसे लोगों के खाते में पैसा जमा कराया गया जो पात्र नहीं थे। एक तीसरी कक्षा के छात्र के खाते में पैसा जमा हुआ है तो वहीं एक 95 साल के उम्र के व्यक्ति के खाते में पैसा जमा कराया गया है। ऐसे ही कुछ बाहरी राज्यों में नौकरी करने वाले लोगों के बैंक खातों में भी पैसा जमा करवा दिया गया। उन्होंने मुख्यमंत्री पर सवाल खड़ा किया कि इस भ्रष्टाचार से जुड़े छोटे-बड़े हर मामले में निष्पक्षता से जाँच होनी चाहिए। इसे राजनीतिक रूप से नहीं देखा जाना चाहिए। जबकि राज्य की भाजपानीत सरकार ने भ्रष्टाचार पर जीरो टालरेंस की भावना व्यक्त की है।

इस पर सरकार को गम्भीरता से अमल भी करना होगा। ऐसा न हो कि यह बात मजाक बनकर रह जाये। उन्होंने कहा कि जीरो टालरेंस केवल नारों तक सीमित नहीं रहना चाहिए, धरातल पर होते हुए दिखना भी चाहिए। कहा कि वैसे भी जीरो टालरेंस की हौवा टिहरी वन प्रभाग ने नमामि गंगे योजना की पहली किस्त से निकाल दी है।

गोमुख में होगा मंथन


एक तरफ नमामि गंगे योजना की पहली किस्त भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई तो वही दूसरी तरफ गैर सरकारी स्तर पर लोग नमामि गंगे योजना को सफल बनाने के लिये अपने स्तर पर कमर कस चुके हैं। गंगा की स्वच्छता, निर्मलता और पवित्रता को लेकर 12 अक्टूबर को गोमुख में देश भर के विशेषज्ञों के साथ चर्चा होगी।

इस चर्चा में देश के वरिष्ठ वैज्ञानिक, शोधकर्ता, पर्यावरणविद, भू-वैज्ञानिक, आध्यात्मिक और उद्योग जगत की बड़ी हस्तियों सहित गंगोत्री मन्दिर के रावल और प्रशासनिक अधिकारी शामिल होंगे। इसी दौरान भोजवासा में भोजपत्र के वृक्ष रोपने के साथ ही स्वच्छता अभियान भी चलाया जाएगा। नमामि गंगे योजना के सलाहकार डॉ. त्यागी और एनआईएम के आमोद पंवार ने बताया कि देश भर में चलाए जा रहे अभियान के तहत गंगोत्री से लेकर तपोवन तक गंगा ट्रेक नाम से भी एक कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। इसमें 10 अक्टूबर को गंगोत्री में सभी लोग एकत्रित होंगे। यहाँ रात्रि में जहाँ संवेदना समूह नाट्य मण्डली की ओर से गंगा अवतरण पर विशेष नृत्य नाटिका प्रस्तुत की जाएगी। वहीं गंगा और हिमालय को लेकर गुलाब सिंह नेगी द्वारा तैयार स्लाइड शो देश व विदेश के श्रद्धालुओं को दिखाया जाएगा।

11 अक्टूबर को प्रातः सभी तीर्थ पुरोहितों और साधु समाज की उपस्थिति में गंगा ट्रैक दल को गोमुख के लिये फ्लैग ऑफ किया जाएगा। इसके बाद दोपहर में उच्च हिमालय क्षेत्र में पाई जाने वाली वनस्पतियों के अध्ययन के साथ में गंगा में मिलने वाली सहायक नदियों के बारे में विशेषज्ञों से जानकारी ली जाएगी। भोजवासा में दल रात्री विश्राम करने के बाद अगले दिन 12 अक्टूबर को भोजवासा में भोजपत्र के वृक्षों का वृक्षारोपण करेगा। इसके बाद दल गोमुख के लिये प्रस्थान करेगा। जिसमें गोमुख में पहली बार देश भर से आई हुई हस्तियाँ गंगा की स्वच्छता, निर्मलता, अविरलता, पवित्रता को लेकर आयोजित होने वाली कार्यशाला में शामिल होंगी।

इस कार्यशाला के मार्फत पूरे राष्ट्र में गंगा की स्वच्छता के लिये सन्देश दिया जाएगा। इसके बाद गंगोत्री ग्लेशियर का भी अध्ययन किया जाएगा। दल 13 अक्टूबर को गंगोत्री वापस लौटेगा। वहीं 14 अक्टूबर को रामलीला मैदान उत्तरकाशी में यात्रा का समापन किया जाएगा। बताया गया कि इस अभियान दल में वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. नवीन जुयाल, पर्यावरणविद जगत सिंह जंगली, पद्मश्री शेखर पाठक, पर्यावरणविद चंडी प्रसाद भट्ट, आईएएस, आईपीएस, आईएफएस, वाडिया इंस्टीट्यूट, एफआरआई के वरिष्ठ अधिकारियों सहित गढ़वाल एवं दून विश्वविद्यालय के प्रोफेसर व शोधकर्ता एवं छात्र-छात्राएँ इस कार्यशाला में शामिल होने जा रहे हैं।

गाँव स्तर पर नमामि गंगे पर चर्चा


एक तरफ विशेषज्ञ गंगा के उद्गम स्थल पर गंगा की स्वच्छता, निर्मलता, अविरलता, पवित्रता पर विचार मंथन करने जा रहे हैं वहीं दूसरी ओर गंगा-भागीरथी के किनारे बसे गाँव भी गंगा स्वच्छता के लिये अपने स्तर से तैयार हो चुके हैं। नेहरू युवा केन्द्र की ओर से बधाण गाँव चिन्यालीसौड़ में जब ‘पड़ोस युवा संसद’ कार्यक्रम हुआ तो यहाँ भी ग्रामीणों ने नमामि गंगे योजना के तहत होने वाले कार्यों की जानकारी जाननी चाही और इस कार्यक्रम से स्वस्फूर्त जुड़ने की अपेक्षा जाहिर की।

नेहरू युवा केन्द्र के जिला समन्वयक शिव प्रसाद सेमल्टी ने बताया कि नेहरू युवा केन्द्र की ओर से प्रतिवर्ष ब्लॉक स्तर पर दो बार ‘पड़ोस युवा संसद’ कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है। इस बार की थीम ‘नमामि गंगे’ योजना है। क्योंकि इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य युवाओं को सरकार की ओर से संचालित किये जाने वाले कार्यक्रमों की जानकारी देना है। उन्होंने कहा कि इस दौरान नमामि गंगे योजना महत्त्वपूर्ण है, इसलिये नमामि गंगे योजना से युवाओं को जोड़ना है। यह तय हुआ कि युवाओं को इन कार्यक्रमों को क्षेत्रीय एवं ग्राम स्तर पर पहुँचाना होगा। इस कार्यक्रम के मार्गदर्शन में नेहरू युवा केन्द्र उत्तरकाशी सहित ग्राम प्रधान बधाण गाँव गुड्डी देवी, प्रधान तुल्यिाड़ा नत्थी लाल नौटियाल, उत्तम पंवार, जगवीर असवाल, नारायण चन्द मौजूद रहेंगे।

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