'ऑलवेदर रोड' कार्य के डंपिंग को देखने पहुंची 'एनजीटी' की टीम

9 May 2019
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ऑलवेदर रोड का मलबा भागीरथी नदी में डालने के मामले को लेकर राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी की संयुक्त टीम उत्तरकाशी पहुंची। यह टीम ऑलवेदर रोड निर्माण से निकलने वाले मलबे के डंपिंग जोन को देखेगी। साथ ही भागीरथी नदी में गिराए जा रहे मलबे पर भी निगरानी रखेगी और एनजीटी को अपनी रिपोर्ट देगी। गौरतलब है कि एनजीटी ने इस मामले में बीते वर्ष नवंबर में नेशनल हाइवेज एंड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड (एनएचआइडीसीएल) कंपनी पर दो करोड़ और वन विभाग ने 3 लाख रुपए का जुर्माना लगाया था।

गौरतलब है कि 16 फरवरी 2018 को दैनिक जागरण ने भागीरथी नदी में डाले जा रहे मलबे के ऊपर एक खबर प्रकाशित की थी। जिसमें उत्तरकाशी के ऑलवेदर रोड कार्य का मलबा भागीरथी में डालने के मुद्दे को उठाया गया था। साथ ही दिल्ली के सामाजिक कार्यकर्ता गौरव जैन ने जनहित याचिका एनजीटी में दायर की थी। इस पर एनजीटी ने वन एवं पर्यावरण मंत्रालय, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, जी बी पंत हिमालय पर्यावरण एवं विकास संस्थान अल्मोड़ा, केंद्रीय मृदा एवं जल संरक्षण बोर्ड, शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान चंडीगढ़ की एक संयुक्त जांच टीम बनाई। इस टीम ने भागीरथी और अलकनंदा में गिराए जा रहे ऑलवेदर रोड के मलबे की स्थिति को देखा तथा रिपोर्ट एनजीटी को सौंपी।

एनजीटी की टीम ने जांची व्यवस्था

(हिन्दुस्तान, गढ़वाल 10 मई 2019) 

ऑलवेदर परियोजना के तहत गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर चल रहे चौड़ीकरण कार्य के मलबे को भागीरथी नदी में डालने व पर्यावरण के दूषित होने की शिकायत पर एनजीटी की टीम ने गुरुवार को मौके पर पहुंची। जहां एनजीटी की टीम ने धरासू बैंड, नालूपानी, चुंगी बड़ीथी में ऑलवदर रोड कटिंग के कार्यों का बारीकी से निरीक्षण किया। टीम निरीक्षण के बाद अपनी रिपोर्ट तैयार करेगी और केंद्र सरकार को प्रेषित करेगी।

गंगोत्री हाईवे पर चिन्यालीसौड़ से लेकर धरासू बैंड, नालूपानी, डुंडा, बड़ेथी चुंगी में इन दिनों ऑल वेदर परियोजना के तहत सड़क चौड़ीकरण के साथ भूस्खलन को रोकने के लिए ट्रीटमेंट का कार्य किया जा रहा है। सड़क के चौड़ीकरण कार्य के दौरान मलबे को निर्माणाधीन कंपनियों की ओर से डम्पिंग जोन में न डालकर सीधे भागीरथी नदी में डालने और सड़क पर पानी का छिड़काव न होने से दूषित हो रहे पर्यावरण को लेकर एनजीटी को शिकायत मिली थी। जिसका संज्ञान लेते हुए यथास्थिति को देखने के लिए एनजीटी ने एक संयुक्त टीम गठित कर टीम को मौके पर जांच के लिए भेजा।

भागीरथी और अलकनंदा में गिराए जा रहे ऑलवेदर रोड के मलबे डालने की शिकायत पर पहुंची एननजीटी की टीम

यह टीम गत बुधवार शाम को चिन्यालीसौड़ पंहुची। रात्रि विश्राम उत्तराखंड जल विद्युत निगम के गेस्ट हाउस में करने के बाद, टीम के सदस्य गुरूवार सुबह सर्वप्रथम धरासू बैंड पहुंची। जहां एनएचडीएसएल की ओर से किए जा रहे सड़क चौड़ीकरण ट्रीटमेंट के कार्य का बारीकी से निरीक्षण किया। इस दौरान टीम ने भागीरथी नदी में डाले गए मलबे का भी गहनता से निरीक्षण किया। टीम के आगमन को देखते हुए निर्माणाधीन की कंपनी की ओर से सड़क पर भारी मात्रा में पानी का छिड़काव किया गया, जिससे धुल नजर नहीं आ रही थी। धरासू बैंड और नालू पानी के निरीक्षण करने के बाद टीम डुंडा होते हुए चुंगी बडेथी पंहुची। जहां एनएचडीएसएल की पेटी कांट्रेक्टर भारत कंसट्रक्शन कंपनी की ओर से निर्माणाधीन पुल, सड़क चौड़ीकरण और ट्रीटमेंट कार्य का जायजा लिया। जहां निर्माणाधीन कंपनी की ओर से भागीरथी नदी में उड़ेले जा रहे मलबे को देख टीम के सदस्यों ने नाराजगी व्यक्त की और कंपनी को सख्त हिदायत दी। एसडीएम डुंडा आकाश जोशी ने बताया कि टीम की ओर से कार्यदायी संस्था एनएचडीएसएल के कार्यो का बारीकी से निरीक्षण किया गया। जिसके बाद टीम की ओर से रिर्पोट तैयार कर भारत सरकार को भेजी जाएगी।

एनजीटी की जांच टीम में वन एवं पर्यावरण मंत्रालय के एडमिशनल डायरेक्टर डा. एससी कटियार, एडिशनल डायरेक्टर आर देव, डायरेक्टर प्रदूषण कन्ट्रोल बोर्ड भारत सरकार, एनएचआईडीसीएल के प्रोजेक्ट मैनेजर, एसडीएम डुंडा आकाश जोशी सहित अन्य संबंधित अधिकारी एवं कर्मचारी मौजूद थे।

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