पानी माफियाओं पर नकेल कसने की तैयारी

12 Jan 2014
0 mins read

संगम विहार और देवली गांव में पानी बेचने का मामला


नई दिल्ली, 08 जनवरी। दिल्ली जल बोर्ड के अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी की अगुआई में गठित टास्क फोर्स ने यह पाया कि दक्षिण दिल्ली के संगम विहार और देवली गांव में अवैध रूप से कई ट्यूबवेल खोदे और लगाए गए थे। यह भी देखा गया है कि ये ट्यूबवेल सार्वजनिक भूमि पर खोदे गए थे और चालू रूप में पाए गए। इन ट्यूबवेलों से पानी निकालकर 700 रुपए प्रतिमाह प्रति परिवार की ऊंची दरों पर आस-पास के इलाकों को जल आपूर्ति की जा रही थी।

इन निष्कर्षों के आधार पर मुख्य कार्यकारी अधिकारी, दिल्ली जल बोर्ड और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने रविवार को संगम विहार इलाके का दौरा किया और अपनी रिपोर्ट से जल बोर्ड अध्यक्ष और मुख्यमंत्री केजरीवाल को अवगत कराया। उन्होंने मौके पर ही ऐसे अवैध बोरवेल जो कि भूमिगत पानी का दोहन कर अपने व्यापारिक हित के लिए चला रहे थे, उन्हें दिल्ली जल बोर्ड के अधिकार में लेने के लिए स्वीकृति दे दी। टास्क फोर्स का गठन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आदेश पर किया गया है।

इस आदेश की एक तत्काल प्रतिक्रिया के रूप में दिल्ली जल बोर्ड के उच्च अधिकारियों ने डीसी, कार्यालय, दक्षिणी जिला के साथ एक बैठक की। बैठक में यह निर्णय लिया गया कि दिल्ली जल बोर्ड द्वारा डीसी, ऑफिस, दक्षिण जिला के कार्यालय के साथ समन्वय करके और पुलिस अधिकारियों की सहायता लेकर एक बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान चलाया जाएगा और साथ ही साथ मौके पर स्थिति के प्रबंधन के लिए एक बड़े पुलिस दल को भी तैनात किया जाएगा। सदस्य (जल आपूर्ति) दिल्ली जल बोर्ड और मुख्य अभियंता ( दक्षिण) की अगुआई में संयुक्त टीम जिनमें दिल्ली जल बोर्ड के अधिकारी, डीसी, कार्यालय, दक्षिण जिला शामिल हैं ने अवैध रूप से लगाए गए बोरवेलों को अधिकार में लेने के लिए सुनियोजित और समन्वित तरीके से एक योजना बनाई और इन बोरवेलों को जैसे हैं, जहां हैं के आधार पर अपने नियंत्रण में ले लिया और विभागीय बिजली के कनेक्शन लगा दिए।

निजी बिजली के कनेक्शन हटा दिए गए हैं और दिल्ली जल बोर्ड ने रातोंरात बीएसईएस, से इन ट्यूबवेलों के संचालन के लिए बिजली के नए कनेक्शन लिए हैं। यह कार्य अगले दो दिन तक चलने की संभावना है। डीसी, कार्यालय से अनुरोध किया गया है कि संगम विहार में सार्वजनिक भूमि पर अवैध रूप से लगाए गए बोरवेलों के मालिकों, जो कि इन बोरवेलों का संचालन कर रहे हैं और अपने व्यापारिक हितों के लिए भूजल का दोहन कर रहे हैं के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई।

नए प्रतिष्ठानों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए रेजीडेंट वेलफेयर एसोसिएशन/निवासियों जो इसके लाभार्थी हैं, की इन स्थानों की निगरानी रखने के लिए कहा गया है ताकि निहित स्वार्थों द्वारा सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के किसी भी संभावित प्रयास को विफल किया जा सके। दिल्ली जल बोर्ड द्वारा इन प्रतिष्ठानों की सुरक्षा के लिए अस्थायी रुपए से सुरक्षा गार्ड भी तैनात किए गए हैं।

Posted by
Get the latest news on water, straight to your inbox
Subscribe Now
Continue reading