पौधों का लखपति किसान

ramji patidar
ramji patidar

किसान रामजी पाटीदार नवम्बर-दिसम्बर में पौधों को बाल्टियों से पानी देते रहे हैं। लेकिन एक लाख पौधों को उबड़-खाबड़, उँची-नीची, कंकरीली, पथरीली जमीन पर पानी देना टेड़ी खीर साबित हुआ। कृषक ने पहाड़ी की तलहटी में एक ट्यूबवेल पम्प लगाया और पहाड़ी की छः अलग-अलग चोटियों पर 30-30 हजार लीटर क्षमता के छः वाटर स्टोरेज टैंक बनाये। अब इन टैंकों में एक इंच पाईप से साईफन द्वारा पौधों को प्रति सप्ताह पानी देने में सक्षम हो गये।

25 वर्ष पूर्व हायर सेकेण्डरी परीक्षा उत्तीर्ण कर छोटे किसान परिवार का एक छात्र स्नातक शिक्षा के लिए बस से इन्दौर सफर के दौरान वृक्ष विहिन पहाड़ियों को देखकर कल्पना करता है कि यह पहाड़ियां हरियाली से आच्छादित होना चाहिए। वन विभाग के अधिकारी एवं सरकार क्या कर रही है। क्या मुझे यह अवसर मिलेगा और ऐसी कल्पना करने वाले 19 वर्षीय युवा की जेब में 100 रु. कुल मुश्किल से थे। क्योंकि 300 रु. का सिलिंग फैन खरीदने के लिए अपने माता-पिता एवं बहनों के साथ अपने खेत के गेहूं की फसल स्वयं काटकर पैसे बचाये थे। जरुरी चर्चा यह भी की खेतों में सिंचाई करना, पशु पालन एवं खेती बाड़ी के सम्पूर्ण कार्यों के साथ-साथ बी.ए., एम.ए. (समाजशास्त्र) प्राइवेट शिक्षा पूर्ण की। नेशनल हाईवे-3 मुम्बई-आगरा रोड धामनोद से 7 कि.मी. की दूरी पर ग्राम कुन्दा पूर्ण वनवासी क्षेत्र होकर, उबड़, खाबड़, पथरीली, कंकरीली, वृक्ष विहिन, घास रहित पहाड़ियों की श्रृंखला है जिसमें से बहुत दूर्गम, मिट्टी रहित कंकरीली 150 एकड़ की एक पहाड़ी को अपना कर्म क्षेत्र बनाया।

मार्च 2011 में पहाड़ी पर श्रृंखलाबद्ध अनगिनत वाटर हार्वेस्ट संरचनाएं बनाई, कुछ विशिष्ट जगहों पर डैम बनाये गये, आदिवासी ग्रामिणों से मिलकर उन्हें जागरूक कर सबको मनाया कि इस कार्य की सफलता से सबका भला होगा वे अपने पशु इस इलाके में नहीं लायेंगे। फिर इंतजार था बारीश का। जुलाई अंतिम सप्ताह में बारिश हुई और समस्त इलाके में पहाडि़यो, खेतों से जल बहकर नर्मदा में समाहित हो गया परन्तु 150 एकड़ क्षेत्र की पहाड़ी से पानी नहीं बहा व पानी जल संरचनाओं में उलझ कर जमीन में रिसने लगा, पहाड़ी पर फेके गये घास के बीजों में अंकुरण होने लगा और यही से सफलता का अध्याय प्रारम्भ हुआ व इस कार्य की सर्वत्र प्रसंशा होने लगी। नई दुनिया की टीम ने सर्वे उपरान्त एक सकारात्मक न्यूज प्रकाशित किया जिसमें कहा गया कि इन जल संरचनाओं से जमीन में इस वर्ष बारिश में लगभग 60 करोड़ 80 लाख लीटर पानी हार्वेस्ट होगा, इसके बाद अनेकों पत्रकारों ने पहाड़ी की खबरों को प्रकाशित भी किया।

किसान द्वारा स्वयं के खेत की नर्सरी में नीम, रतन जोत, पीपल, बड़ आदि पौधे भी तैयार किये गये एवं पर्यावरणविद् अनिल माधव दवे जी सचिव नर्मदा समग्र के कर कमलों द्वारा एक लाख पौधों के वृक्षारोपण के अभियान को प्रारम्भ किया। इस अवसर पर क्षेत्र के पत्रकार बन्धु, समाजसेवी एवं अन्य वरिष्ठ नागरिक भी उपस्थित थे। कुछ ने सवाल उठाये कि क्या एक लाख पौधारोपण का कार्य पूर्ण होगा और अगर यह हो भी गया तो क्या इस उजाड़ पथरीली बंजर पहाड़ी पर पौधे कैसे जिन्दा रहेंगे। कुछ ने कहा कि यह केवल हाइलाइट होने भर है। किसान का जवाब था एक लाख पौधे भी रोपित होंगे एवं अगले वर्ष एक लाख जीवित भी रहेंगे।

बारिश अपना कार्य करती रही, किसान अगस्त-सितम्बर तक पौधारोपण करता रहा, डैम भर गये, पहाड़ी में पानी रिसकर झरनों के रूप में फुटकर बहने लगा। आस-पास के कुए भी भर गये। विशेष यह कि झरने केवल इसी पहाड़ी से फुटे। मेंहनत रंग लाई और पहाड़ी पर विशिष्टजनों का आगमन होता रहा और कार्य की लगातार सराहना हो रही है। नई दुनिया ने मुख्य पृष्ठ पर ’’पौधों का लखपती कृषक’’ शीर्षक से बड़ी न्यूज प्रकाशित की। दैनिक भास्कर ने “कुन्दा पहाड़ी का विकास अकेले के दम पर’’ एवं प्रकृति प्रेम व सेवा का मिसाल बनें आदि प्रदेश स्तरीय अंक में स्थान दिया।

नवम्बर-दिसम्बर में पौधों को बाल्टियों से पानी देते रहे हैं। लेकिन एक लाख पौधों को उबड़-खाबड़, उँची-नीची, कंकरीली, पथरीली जमीन पर पानी देना टेड़ी खीर साबित हुआ। कृषक ने पहाड़ी की तलहटी में एक ट्यूबवेल पम्प लगाया और पहाड़ी की छः अलग-अलग चोटियों पर 30-30 हजार लीटर क्षमता के छः वाटर स्टोरेज टैंक बनाये। अब इन टैंकों में एक इंच पाईप से साईफन द्वारा पौधों को प्रति सप्ताह पानी देने में सक्षम हो गये। अप्रैल-मई का सबसे गर्म निमाड़ी लू युक्त मौसम में भी सभी पौधें लहलहा रहे हैं।

उक्त कृषक हैं कृषि भूषण पुरस्कार प्राप्त रामजी पाटीदार निवासी ग्राम पटलावद, तह- धरमपुरी, जिला-धार म.प्र. के होकर अपने खेती-बाड़ी में उच्च हाईटेक कृषिकरण करने, समाज सेवा एवं पर्यावरण प्रेम के कारण विगत 10 वर्ष से विभिन्न सम्मान प्राप्त हुये हैं।
 

किसान रामजी पाटीदार द्वारा किए गए वृक्षारोपण


आदिवासी ग्रामीणों के साथ रामजी पाटीदारआदिवासी ग्रामीणों के साथ रामजी पाटीदार

वीरान पहाड़ी पर पौधे लगाते आदिवासी ग्रामीणवीरान पहाड़ी पर पौधे लगाते आदिवासी ग्रामीण

वीरान पहाड़ियों पर एक लाख पौधे लगाए गएवीरान पहाड़ियों पर एक लाख पौधे लगाए गए

रामजी पाटीदाररामजी पाटीदार

पहाड़ियों पर रामजी पाटीदार द्वारा लगाए गए पौधेपहाड़ियों पर रामजी पाटीदार द्वारा लगाए गए पौधे

पहाड़ी पर लहलहाता नीम का पौधापहाड़ी पर लहलहाता नीम का पौधा

Posted by
Get the latest news on water, straight to your inbox
Subscribe Now
Continue reading