पुराने वाहनों पर एनजीटी ले सकता है कड़ा फैसला


दिल्ली में प्रदूषण के बढ़ते स्तर को लेकर चिन्ता जताते हुए नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल के प्रधान खण्डपीठ ने डीजल व पेट्रोल से चलने वाले पुराने वाहनों को लेकर सख्त आदेश जारी करने का संकेत दिया है।

जस्टिस स्वतंत्र कुमार ने सोमवार को डीजल से चलने वाले वर्ष 2005 से पहले पंजीकृत वाहनों और पेट्रोल से चलने वाले 15 साल से पुराने वाहनों का पंजीयन रद्द करने को लेकर दिल्ली सरकार का स्टैंड पूछा और यह भी कहा कि ट्रिब्युनल इन वाहनों का पंजीयन रद्द करने को लेकर आदेश जारी करेगा।

जस्टिस स्वतंत्र कुमार ने दिल्ली सरकार और केन्द्र सरकार की तरफ से पैरवी कर रहे वकीलों से कई तीखे सवाल पूछे।

उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों ही ट्रिब्युनल ने पेट्रोल से चलने वाले 15 वर्षों से पुराने और डीजल से चलने वाले वर्ष 2005 से पहले पंजीकृत वाहनों का पंजीयन रद्द करने को कहा था। सोमवार को सुनवाई के दौरान जब इस आशय का सवाल पूछा गया तो दिल्ली सरकार की तरफ से कहा गया कि मोटर व्हिकल एक्ट में वाहनों का पंजीयन रद्द करने का अधिकार नहीं है। यह केन्द्र सरकार के ब्यूरो क्षेत्रीय ट्रांसपोर्ट ऑफिस का काम है।

वाहनों का पंजीयन और ड्राइवरों को लाइसेंस देने का काम क्षेत्रीय ट्रांसपोर्ट अॉफिस का होता है। जस्टिस स्वतंत्र कुमार ने दिल्ली और केन्द्र सरकार से इस सम्बन्ध में रिपोर्ट माँगी और कहा कि वे इस पर उचित आदेश जारी करेंगे।

मामले की अगली सुनवाई 18 जुलाई को होगी।


गौरतलब है कि फरवरी 2014 में वर्दमान कौशिक नाम के एक व्यक्ति ने दिल्ली में प्रदूषण को लेकर नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल में मामला दर्ज कर दिया था। इस मामले पर सुनवाई करते हुए ट्रिब्युनल ने पुराने वाहनों का पंजीयन रद्द करने को कहा था।

पिछले दिनों कई संस्थाअों की तरफ से सर्वे रिपोर्ट जारी की गई थी जिसमें कहा गया था कि दिल्ली में प्रदूषण की मात्रा काफी बढ़ गई है। प्रदूषण पर नियंत्रण लगाने के लिये दिल्ली सरकार ने सम-विषम फार्मूला शुरू किया था।

Posted by
Get the latest news on water, straight to your inbox
Subscribe Now
Continue reading