पूरे देश में छाया मानसून, बारिश चार फीसद ज्यादा

17 Jul 2016
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चौमासानई दिल्ली, 14 जुलाई। केरल में मानसून का आगमन भले ही थोड़ा देरी से रहा, लेकिन दक्षिण-पश्चिम मानसून अपनी सामान्य तारीख से दो दिन पहले पूरे देश में पहुँच चुका है। 13 जुलाई को मानसून ने प्रगति करते हुए राजस्थान और गुजरात के बचे हुए हिस्सों को भी अपने दायरे में ले लिया, जबकि यहाँ पहुँचने की सामान्य तारीख 15 जुलाई है। इसके साथ ही मानसून लगभग पूरे देश में सक्रिय बना हुआ है और अब तक सामान्य से चार फीसद अधिक बारिश हो चुकी है।

मौसम पूर्वानुमान के अनुसार शुक्रवार को उत्तर पश्चिम भारत, पूर्वी भारत, कुछ जगहों पर भारी बारिश हो सकती है जबकि पश्चिम बंगाल के हिमालयी उपक्षेत्र और पूर्वोत्तर के कुछ राज्यों में कहीं-कहीं काफी तेज बारिश की संभावना है। भारतीय मौसम विभाग (आइएमडी) के अनुसार, दक्षिण पश्चिम मानसून बाकी हिस्सों-उत्तर अरब सागर, कच्छ और पश्चिम राजस्थान में भी पहुँच गया है। इस प्रकार, वह 13 जुलाई तक पूरे देश में पहुँच गया। मौसम विभाग के अनुसार मानसून की अक्षीय रेखा श्रीगंगानगर, दिल्ली, हमीरपुर, डाल्टनगंज और मिदनापुर होते हुए बंगाल की खाड़ी के उत्तर पूर्व में पहुँच रही है। उत्तर प्रदेश के दक्षिणी-मध्य भागों पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है। गुजरात के कच्छ और आस-पास के भागों पर भी एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है।

अपने मौसम बुलेटिन में आइएमडी ने कहा है, अरुणाचल प्रदेश, असम, मेघालय, उप हिमालयी पश्चिम बंगाल, सिक्किम, ओडिशा, उत्तराखण्ड, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली, पंजाब, राजस्थान, गुजरात, कोंकण, गोवा, मध्य महाराष्ट्र, तटीय कर्नाटक, दक्षिण आंतरिक कर्नाटक और केरल में दक्षिण पश्चिम मानसून सामान्य रूप से सक्रिय है। वहीं 13 जुलाई की सुबह से 14 जुलाई की सुबह तक पश्चिम बंगाल और सिक्किम में भारी बारिश दर्ज की गई।

मौसम पूर्वानुमान के अनुसार, 15 जुलाई को पश्चिम बंगाल के हिमालयी उपक्षेत्र, सिक्किम, उत्तराखण्ड, अरुणांचल प्रदेश, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, बिहार, असम और मेघालय में कुछ जगहों पर भारी से अत्याधिक बारिश हो सकती है, जबकि हिमाचल प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली, पूर्वी उत्तर प्रदेश, पूर्वी राजस्थान, उत्तर-पूर्वी मध्य प्रदेश, उत्तरी छत्तीसगढ़, झारखण्ड, पश्चिम बंगाल के गंगा तट के इलाकों, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा और केरल में कहीं-कहीं भारी बारिश हो सकती है। वहीं 16 जुलाई को भी स्थिति कमोबेश यही रहेगी, लेकिन पश्चिम बंगाल के हिमालयी उपक्षेत्र, सिक्किम, असम और मेघालय में कहीं-कहीं मूसलाधार बारिश की संभावना है।

मुंबई मानसूनमौसम विभाग के निदेशक बीपी यादव ने कहा, 15 और 16 जुलाई को राजधानी दिल्ली और एनसीआर में लगभग सभी जगहों पर अच्छी बारिश होगी, वहीं कुछ एक जगहों पर भारी बारिश भी हो सकती है। देश भर में मानसून के अभी तक के प्रदर्शन पर यादव ने कहा, देश में मानसून काफी अच्छा रहा है, औसतन सामान्य या सामान्य से अधिक ही है। हालाँकि गुजरात के कई भागों में बारिश में अभी कमी है और अगले 4-5 दिनों तक छिटपुट बारिश से ज्यादा की संभावना नहीं है। निजी मौसम एजेंसी स्काईमेट के अनुसार 13 जुलाई तक गुजरात में सामान्य से 37 फीसद कम बारिश रही जबकि राज्य के सौराष्ट्र और कच्छ क्षेत्र में 55 फीसद की कमी रही। शुरुआत में गुजरात में मानसून सामान्य से 76 फीसद कम रहा, लेकिन पिछले 24 घंटों में थोड़ी अच्छी बारिश के कारण स्थिति सुधरी है।

मौसम विभाग के आँकड़ों के अनुसार, एक जून से 13 जुलाई तक पूरे देश में सामान्य से चार फीसद अधिक बारिश हुई है। पूरे देश को चार मानसून जोन में बाँटा गया है जिसमें से पूर्वी और उत्तर पूर्वी भाग को छोड़ अन्य तीनों भागों में मानसून अभी तक सामान्य या सामान्य से अधिक रहा है। पूर्वी और उत्तर पूर्वी भाग में 23 फीसद की कमी रही है, जबकि उत्तर पश्चिम भारत सामान्य रहा, वहीं मध्य भारत में सामान्य से 25 फीसद और दक्षिण प्रायद्वीपीय भारत में सामान्य से 10 फीसद अधिक बारिश हो चुकी है।

हालाँकि मौसम विभाग के अनुसार पूर्वोत्तर भारत, खासकर असम और मेघालय में पिछले 24 घंटों में भारी बारिश दर्ज की गई है और अगले तीन-चार दिनों के अंदर पूर्वोत्तर के कई राज्यों में तेज बारिश की संभावना जताई जा रही है। स्काईमेट के अनुसार फिलहाल, असम और मेघालय में मानसून सामान्य से 37 फीसद कम है, अरुणाचल प्रदेश में 14 फीसद कम है, जबकि नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा में 34 फीसद की कमी रही है।

भारतीय मौसम विभाग ने इस साल पूरे देश में औसतन सामान्य से अधिक बारिश का पूर्वानुमान लगाया था, साथ ही यह पूर्वानुमान है कि ला नीना के प्रभाव के कारण बाद के महीनों यानी अगस्त और खासकर सितम्बर में मानसून मजबूत बना रहेगा और सामान्य से अधिक बारिश की संभावना रहेगी।

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