फ्लोराइड से मुक्ति पाने के लिए हो रहे प्रयास

dental fluorosis
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विभाग का एक अमला नालछा के ग्राम मियांपुरा में पहुंचा, जहां पर शासकीय व निजी पेयजल स्रोतों के नमूने लिए गए। नमूनों की जांच के बाद चौकानें वाला तथ्य यह सामने आया कि प्राथमिक विद्यालय परिसर में लगे हैंडपंप में फ्लोराइड की मात्रा पाई गई। इस हैंडपंप से बच्चों के साथ-साथ आसपास के रहने वाले ग्रामीण भी पानी पीने का उपयोग करते थे।

धार/नालछा। धार जिले में फ्लोराइड की समस्या को लेकर नई दुनिया द्वारा विशेष रूप से मुहिम चलाई गई थी। इसका असर यह हुआ है कि जिले के जिन विद्यालयों में कीमती फिल्टर भंगार हो रहे थे, उनको सुधारने की शुरूआत हो गई है। इसके तहत कुछ विद्यालयों में फिल्टर को सुधारा भी जा चुका है।

इतना ही नहीं नई दुनिया द्वारा की गई पहल के कारण अब विद्यालय के बच्चों को पानी भरने जैसी दिक्कत का भी सामना नहीं करना पड़ेगा। जिले के 67 विद्यालयों में फिल्टर के टैंक को भरने के लिए फोर्स लिफ्ट पंप लगाने का कार्य भी शुरू कर दिया है।

इधर जिले के नालछा विकासखंड के ग्राम मियांपुरा में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग ने जल के नमूने लिए। जिसमें स्कूल के हैंडपंप में ही फ्लाराइड की मात्रा 1.5 पीपीएम से बहुत अधिक पाई गई है। अब इस विद्यालय के हैंडपंप को बंद किया जाएगा। वहीं विद्यालय में स्वच्छ पानी उपलब्ध कराने के लिए फ्लोराइड मुक्तिकरण प्लांट लगाया जाएगा।

गौरतलब है कि 18 जून को भंगार हो रहे फिल्टर व 9 जुलाई को बच्चों के दांतों में लगा जंग शीर्षक से नई दुनिया में एक समाचार प्रकाशित हुआ था। यह दोनों ही समाचार जिले के फ्लोराइड की समस्या से संबंधित थे। इसके बाद विभाग हरकत में आया तिरला व नालछा विकासखंड की सूध ली।

विभाग का एक अमला नालछा के ग्राम मियांपुरा में पहुंचा, जहां पर शासकीय व निजी पेयजल स्रोतों के नमूने लिए गए। नमूनों की जांच के बाद चौकानें वाला तथ्य यह सामने आया कि प्राथमिक विद्यालय परिसर में लगे हैंडपंप में फ्लोराइड की मात्रा पाई गई।

इस हैंडपंप से बच्चों के साथ-साथ आसपास के रहने वाले ग्रामीण भी पानी पीने का उपयोग करते थे। इसके अलावा ग्राम के शोभाराम के निजी नलकूप में भी फ्लोराइड की मात्रा पाई गई है। फिलहाल विभाग द्वारा शोभाराम को बताया गया कि इसका पानी पीने के बजाय कृषि कार्य के लिए ही उपयोग करे।

इस संबंध में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के सहायक यंत्री संतोष साल्वे ने बताया कि ग्राम मियांपुरा में बच्चों में फ्लोरोसिस की समस्या होने की जानकारी नई दुनिया से मिली थी। इसके बाद वहां पर जांच में जो तथ्य पाए गए जिसके आधार पर हमने हैंडपंप से पानी लेने के लिए मना किया हैं।

इस हैंडपंप पर जल्द ही डी फ्लोराइडेशन यानी फ्लोराइड मुक्तिकरण यंत्र लगाया जाएगा। इस प्रकार ग्राम मियांपुरा जो कि अब तक विभाग की समस्याग्रस्त सूची से बाहर था, वह अब न केवल उस सूची में शामिल हो गया है बल्कि वहां कवायद शुरू हो गई है।
 

फोर्स लिफ्ट पंप पहली बार


इधर विभागीय सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार जिले में कई विद्यालयों में भंगार हो चुके फिल्टर को सुधार लिया गया है। इस बात की पुष्टि पीएचई के यंत्री श्री साल्वे ने की। उन्होंने कहा कि 67 विद्यालयों में बच्चों को पानी भरने या वहां के स्टाफ को पानी भरने की भी जरूरत नहीं होगी।

ऐसे फिल्टरों में पानी पहुंचाने के लिए हैंडपंपों पर फोर्स लिफ्ट पंप लगाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि कुछ कमियां जरूर थी, किंतु अब उसे सुधार लिया गया है। जल्द ही यह कार्य पूरा कर लिया जाएगा।
 

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