फूड साइंस एंड टेक्नोलॉजी मेें अपार सम्भावनाएँ

फूड साइंस
फूड साइंस


आज के दौर में आम चुनौतियों से लेकर भविष्य का हल खोजने में कामयाबी की राह दिखाने वाले अप्लाइड साइंस से जुड़े क्षेत्र लोकप्रियता के नए मुकाम हासिल कर रहे हैं। यदि खाद्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी की बात करें तो यह क्षेत्र सीधे तौर पर मानव जीवन से जुड़े होने की वजह से लगातार विस्तृत और इंटरडिसिप्लनरी बनता जा रहा है। खाद्य विज्ञान एवं तकनीकी ऐसा ही उभरता क्षेत्र है, जहाँ आप एक एक्सपर्ट के रूप में कैरियर बनाने के सात-सात उद्यमिता के भी सपने साकार कर सकते हैं और योजनाबद्ध प्रयासों से कामयाब हो सकते हैं। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय कृषि विज्ञान संस्थान के खाद्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी केन्द्र के अध्यक्ष प्रो. अनिल चौहान से सोहन लाल ने इस बारे में जानकारी ली। प्रस्तुत है उसी के अंशः प्रो.चौहान बताते हैं कि वर्ष 2008 में स्थापित इस सेंटर में एमएससी व पीएचडी के कोर्स चलते हैं। साथ ही किसानों के लिये उनके कृषि उत्पाद का किस प्रकार से उपभोेग हो जिससे उनकी उपज का उचित मू्ल्य मिल सके तथा उपभोक्ताओं को सुरक्षित एवं पौष्टिक खाद्य पदार्थ प्राप्त हो सके।

फूड साइंसफूड साइंस (फोटो साभार - विकिपीडिया)केन्द्र में इस कार्य के लिये विभिन्न प्रकार की तकनीक विकसित की गई है। उन्होंने बताया कि केन्द्र द्वारा अमरूद के पाउडर, हरी मिर्च के पाउडर, शुगर फ्री बिस्किट, न्यूट्रीशन वार जैसे खाद्य पदार्थ यहाँ के विद्यार्थियों द्वारा तैयार किये जा रहे हैं।

गत वर्ष नवम्बर माह में दिल्ली में आयोजित वर्ल्ड फूड कांफ्रेस में खिचड़ी को राष्ट्रीय खाद्य घोषित किया गया। इसको साकार करने के लिये बीएचयू केन्द्र द्वारा नोडल के तर्ज पर हरी ब्रोकली, हरा मटर, चावल, बाजरा एवं मूँग की दाल के मिश्रण से खिचड़ी की सामग्री तैयार की गई है। लाइफलाइजर के जरिए मिश्रण के पोषक तत्वों को स्थिर किया गया है। यहाँ के वैज्ञानिकों का दावा है कि मिश्रण को पानी में गर्म करने पर पोषक तत्व नष्ट नहीं होते।

क्या है फूड सांइस और फूड प्रोसेसिंग इंजीनियरिंग

प्रो. चौहान बताते हैं सामान्य अर्थों में फूड सांइस या फूड टेक्नालॉजी ऐसी विधा है जिसमें खाद्य पदार्थों के उत्पादन प्रसंस्करण संरक्षण और विपणन जैसे कार्य शामिल होते हैं फूड साइंस प्रोफेशनल के तौर पर खाद्य पदार्थों के भौतिक, रासायनिक और जैविकीय लक्षणों का अध्ययन करना होता है।

किन क्षेत्रों में है रोजगार की सम्भावनाएँ

प्रो. चौहान का कहना है कि प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों की माँग लगातार बढ़ने के कारण औद्योगिक स्तर पर प्रोफेशनल के लिये सम्भावनाएँ तेजी से बढ़ रही है। देश में खाद्य पदार्थों की खरीददारी, भण्डारण, परिवहन और वितरण की जिम्मेदारी भारतीय खाद्य निगम के जिम्मे है जो बड़ी संख्या में सामान्य स्नातकों से लेकर प्रोफेशनल कोर्स करके आने वाले युवाओं को रोजगार मुहैया कराता है। इसके अलावा खाद्य तेलों, पेय पदार्थों के कारोबार से जुड़ी कम्पनियों और रिटेल मार्केट में आसानी से जॉब पा सकते हैं।

इस क्षेत्र की बढ़ती सम्भावनाओं का अन्दाजा आप इस बात से भी लगा सकते हैं कि एक रिपोर्ट के अनुसार देश में 30 करोड़ से अधिक मध्यमवर्गीय और उच्चवर्गीय लोग पैकेज्ड फूड के उपभोक्ता बन चुके हैं। निकट भविष्य में यह संख्या और अधिक बढ़ जाएगी।

फूड सांइस की कैसे करें पढ़ाई

यदि आपने 12वीं फिजिक्स, केमेस्ट्री, बायोलॉजी या मैथ्स विषयों के सात की है जो आप अंडरग्रेजुएट स्तर पर संचालित होने वाले तीन वर्षीय या चार वर्षीय कोर्स में प्रवेश ले सकते हैं। इसके अलावा आप फूड सांइस व फूड टेक्नोलॉजी मेें स्पेशलाइजेशन कर सकते हैं। उच्च शिक्षा या रिसर्च में कैरियर बनाने के लिये मास्टर्स या फिर पीएचडी करनी होगी।

रोजगार देने वाले प्रमुख क्षेत्र

फार्मा-बायोटेक डेयरी फार्म, एफएमसीजी, रिटेलर, हेल्थकेयर, फूड पैकेजिंग, बेकरी व कंफेक्शनरीज तथा फूड मैन्युफैक्चरिंग व प्रोसेसिंग।

 

 

 

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