रेस्तरां और होटलों का होगा वॉटर ऑडिट

22 May 2010
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नई दिल्ली।। राजधानी में पानी की किल्लत पर काबू करने के लिए दिल्ली जल बोर्ड और कन्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री (सीआईआई) मिलकर होटलों व रेस्तरां का वॉटर ऑडिट करेंगे। वॉटर ऑडिट करने से यह पता चल जाएगा कि इन जगहों पर कहां पानी की बर्बादी हो रही है। अभी तक राजधानी के होटलों और रेस्तराओं में यह पता ही नहीं चल पाता है कि पानी की कितनी खपत हो रही है। कई होटल और रेस्तरां ऐसे हैं जहां हर रोज हजारों लीटर पानी की बर्बादी होती है। शुरू में जल बोर्ड और सीआईआई फ्री ऑडिट करेंगे।

राजधानी में हर रोज नए-नए होटल व रेस्तरां खुलने से पानी की खपत भी बढ़ती जा रही है। नए रेस्तरां और होटलों के लिए पानी कहां से आएगा, यह भी चिंता की बात है। लिहाजा इसके हल के लिए जल बोर्ड ने सीआईआई से हाथ मिलाया है। दिल्ली जल बोर्ड के अधिकारियों के मुताबिक, इस प्रक्रिया से पता चल जाएगा कि रेस्तरां में कहां और कितने पानी की बर्बादी होती है। जल बोर्ड के चीफ इग्जेक्युटिव अफसर रमेश नेगी के मुताबिक, राजधानी में पानी की किल्लत पर पार पाने के लिए अब जरूरी है कि पानी की कम खपत, की जाए।

साथ ही इस्तेमाल किए गए पानी का दोबारा इस्तेमाल किया जाए व रिसाइकल कर पानी को अन्य कामों में इस्तेमाल में लाया जाए। सीआईआई के ग्रीन बिजनस सेंटर के काउंसलर सी. श्रीपाठी के मुताबिक वॉटर ऑडिट के बाद 30-40 फीसदी तक पानी की बचत होती है, जबकि मीटर लगाने से महज 2 फीसदी की। इस प्रक्रिया में पब्लिक प्राइवट पार्टनरशिप के जरिए लोगों को जोड़ने से काफी हद तक समस्या हल हो सकती है।

अधिकारियों के मुताबिक, घरों से निकलने वाले गंदे पानी को तीसरे स्तर तक साफ कर उसे दोबारा इस्तेमाल के लिए भी जल बोर्ड प्लांट लगाने जा रहा है। इस पानी का इस्तेमाल बसों की धुलाई, इमारतों के निर्माण और टॉयलेट में किया जाएगा।

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