रिस्पना नदी के सतह जल की गुणवत्ता का वर्णन, उत्तराखंड, भारत

31 Mar 2020
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रिस्पना नदी के सतह जल की गुणवत्ता का वर्णन
रिस्पना नदी के सतह जल की गुणवत्ता का वर्णन

सारांश

वर्तमान अध्ययन रिस्पना नदी मिल्ली वाटरशेड है जो उत्तराखंड राज्य में स्थित है। रिस्पना नदी देहरादून शहर की एक महत्वपूर्ण नदी है। नदी अक्षांश 30 29 15‘‘ एन और देशांश 78 06 98‘‘ ई के बीच स्थित है। अध्ययन के लिए टोपोसीट् संख्या 53-J3, 53-J4 का इस्तेमाल किया गया है। रिस्पना नदी मसूरी से शुरू होकर देहरादून से गुजरती है। यह तीन धारा क्रम नदी बेसिन है। रिस्पना नदी के बेसिन का कुल जलग्रहण क्षेत्र 58.09 वर्ग किलोमीटरऔर ड्रेनेज की लंबाई 130.19 कि.मी. है जिसकी ऊंचाई डिजिटल एलिवेशन मॉडल के अनुसार 2249 से 565 मीटर है। रिस्पना नदी बेसिन के मुख्य धारा की कुल लंबाई 12.547 कि.मी. है। अध्ययन क्षेत्र से जल का नमूना फरवरी से अप्रैल महीने के दौरान प्री-मानसून अवधि में लिया गया।फिर अध्ययन के दौरान सतह के जल के नमूने को इकट्ठा करने के लिए 12 अलग-अलग नदी के स्थानो को चयन किया गया और चयनित स्थानो को 4 साइट मे विभाजित किया गया। जिसमे कुल 180 जल के नमूने एकत्र किये गये और जल की गुणवत्ता संपीड़न के लिए जल की गुणवत्ता पैरामीटर, भौतिक-रासायनिक, माइक्रोबायोलॉजिकल, प्रमुख तत्व और भारी तत्व का विश्लेषण किया गया। जिसमे बी.आई.एस. मानक 2012 के अनुसार नदी के जल की मानक की तुलना करने के लिए जल की गुणवत्ता के सभी मापदंडों का जांच किया गया। जिसमे बी.आई.एस के दिशानिर्देश अनुसार स्वीकार्य सीमा और अनुमेय सीमा का तुलना कर जल पीने के लिए उपयोग किया जा सकता है या नही बताया गया। फिर 12 अलग-अलग अध्धयन क्षेत्रो से यह पता लगाया गया कि वह किस-किस प्रकार के अपशिष्ट जल से मुख्य नदी के जल को प्रभावित कर रहे है। (12 स्थान) में प्रथम साइट हैं- (लंढौर बाजार, डब्ल्यूएचएस पंप हाउस, डब्ल्यूएचएस लंढौर बाजार और डब्लूएस रिस्पना) घरेलू व शहरी क्षेत्र के अपशिष्ट जल नदी मे प्रवाह किया जाता है। दूसरा साइट हैं - (मोसी फॉल, झारिपानी फॉल, शिखर फॉल और राजपुर कैनाल डायवर्सन) यह पहली साइटों का फॉल (जल निकाय) और नीचे की तरफ है। तृतीय साइट हैं- (रिस्पना नदी के सामने लक्सुरियस फार्म) झुग्गी बस्तियों के अनधिकृत कालोनियों के अपशिष्ट जल नदी मे प्रवाह किया जाता है। चैथा साइट हैं- (रिस्पना टेल, रिस्पना अप-स्ट्रीम एसटीपी और रिस्पना एसटीपी) नदी बेसिन के अंतिम बिंदु हैं और यह घरेलू अपशिष्ट जल, डेयरी और सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट, सॉलिड-लिक्विड वेस्ट नदी में फेंका जा रहा है।

सतह जल गुणवत्ता अध्ययन में लवणीय प्रकृति का पाया गया। अध्ययन क्षेत्र औसत पीएच 7.1 और माइक्रोबायोलॉजिकल पैरामीटर जैसे ई-कोलाई अधिकतम 2419.6 MPN/100 मि.ली. उस पानी में औसत मात्रा हैं और न्यूनतम 675=425.7 MPN/100 मि.ली. है और कुल कोलीफॉर्म अधिकतम 2419.6=0.0 MPN/100 मि.ली. है और न्यूनतम 16=11.5 MPN/100 मि.ली. है। उस 2419.6=0.0 MPN/100 मि.ली. पानी में औसत एकाग्रता है। प्रमुख तत्व केटायन और एन आयनों दूसरा साइट, तृतीय साइट और चैथा साइटपर, उच्च सांद्रता मेंपाया गया और कुछ स्थानों पर लोहे की भारी धातु सांद्रता मौजूद है। अधिकतम 3.0=1.7 मिलीग्राम प्रति लीटर है और न्यूनतम 0.1=0.0 मिलीग्राम प्रति लीटर, है। मैंगनीज अधिकतम 0.9=0.2 मिलीग्राम प्रति लीटर और न्यूनतम 0.1=0.0 मि.ली है, सिलिका अधिकतम 11.5=1.5 मिलीग्राम प्रति लीटर और न्यूनतम 3.9=0.3 मिलीग्राम प्रति लीटर पाया गया। लेड अधिकतम 0.02=0.02 मिलीग्राम प्रति लीटर और न्यूनतम 0.01=0.01 मिलीग्राम प्रति लीटर, कैडमियम अधिकतम 0.003=0.001 मिलीग्राम प्रति लीटर और न्यूनतम 0.001=0.001 मि.ली. पाया गया और सभी स्थान में आर्सेनिक की अधिकता हैं, अधिकतम 0.006=0.003 मिलीग्राम प्रति लीटर और न्यूनतम 0.001=0.001 मिलीग्राम प्रति लीटर पाया गया तथा एल्यूमीनियम की अधिकतम एकाग्रता 16.3=0.0 मिलीग्राम प्रति लीटर और न्यूनतम 0.1=0.01 मिलीग्राम प्रति लीटर पाया गया। अध्ययन मे यह पाया गया कि नदी का जल मानव स्वास्थ्य के लिए पीने के उद्देश्य से सही नहीं है।

मूल शब्द: मिल्ली वाटरशेड, सतह जल, बी.आई.एसमानक, एकाग्रता,अपशिष्ट जल, मानव स्वास्थ्य

Abstract

The present study was carried out at Rispana River milli watershed located in Uttarakhand state.Rispana is a one of the important river in Dehradun city. The River is situated between latitude 300 29’ 15” Nand longitude to 780 06’ 98” E used in Toposheets Nos. 53-J3,53-J4 used map which provides information all topographical features. Rispana River flows starting from Mussoorie and passing through Dehradun. It is three stream order river basin.Total catchment area and Drainage length of Rispana river basin is 58.09 km2 and 130.19 km with elevations ranging from 2249 to 565 m. Its Rispana river basin main stream top to bottom total length is 12.547 km. The study area 12different location selectedto collect the surface water sampling and 12 different location are divided 4 River sampling site.Total 180 surface water sampling from 12 different location where collected. Analysis of water quality parameters i.e physical-chemical, microbiological, major element and heavy metales was carried out and compared with BIS standard 2012. According to BIS STANDARD IS 10500: 2012 find the water quality Acceptable limit and Permissible limit. To identify use of water either Drinking purpose or not.12 location sample were also collected from divided 4 River sites. To identification different location waste water source are contaminated to main River, I sites are – (Landour Bazar, WHS Pump House, WHS Landour Bazar and WHS Rispana) Urbanization of the area to discharge of house hold waste water into the River. II sites are – (Mossy Fall,Jharipani Fall,Shikhar Fall and Rajpur Canal Diversion) it’s a fall (water body) and downstream side of first sites. III sites (Rispana River oppLuxuriaes Farm) of Rispana River slums area unauthorized colonies. IV sites- (Rispana Tail, Rispana up-Stream STP and Rispana STP) end point of river basin and it’s a house hold, dairy and sewage treatment plants, solid-liquid waste are dumped in the River.

The water quality is alkaline in nature, average pH is 7.1. The presence of microbiological parameter like E-coli, the maximum is 2419.6±0.0 MPN/100 ml and minimum is 675±425.7 MPN/100 ml. Total coliform present maximum is 2419.6±0.0 MPN/100 ml and minimum is 16±11.5 MPN/100 ml. An average concentration of microbiological parameter is 2419.6±0.0 MPN/100 ml of water.The major element like cation and anion are in higher concentrations in II, III and IV site. In some locations, maximum heavy metal concentrations of iron is 3.0±1.7 mg/l and minimum is 0.1±0.0 mg/l, manganese maximum is 0.9±0.2 mg/l and minimum is 0.1±0.0 mg/l, silica maximum is11.5±1.5 mg/l and minimum is 3.9±0.3 mg/l, lead maximum is 0.02±0.02 mg/l and minimum is0.01±0.01 mg/l, cadmium maximum is 0.003±0.001 mg/l and minimum is 0.001±0.001 mg/l. In all location, higher concentration of arsenic was found to be maximum 0.006±0.003 mg/l and minimum 0.001±0.001 mg/l. The presence of Aluminum maximum is 16.3±0.0 mg/l and minimum is 0.1±0.01 mg/l.The study is find out River water harmful to drinking purpose of human health. Keyword - Milli watershed, surface water, BIS STANDARD, concentration, heavy metal, waste water, human health.

प्रस्तावना

रिस्पना नदी ने हमेशा मसूरी और देहरादून के विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और यह देहरादून और मसूरी की विरासत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। नदी मसूरी से शुरू होकर देहरादून से होकर गुजरती है। देहरादून जिले में गंगा की प्रमुख सहायक नदियाँ सुसवा नदी हैं, सुसवा नदी की दो मुख्य सहायक नदियाँ रिस्पना और बिंदाल नदी हैं। सुसवा दक्षिण पूर्व दिशा मे बहती है, पूर्वी दून को रिस्पना राव की तरह अपनी अल्पकालिक सहायक नदियों के साथ बहती है। रिस्पना नदी के बेसिन का कुल जलग्रहण क्षेत्र और ड्रेनेज की लंबाई 58.09 कि.मी.2 वह नदी जो छोटी मछलियों का घर हुआ करती थी और बच्चों द्वारा इसके तट पर खेला जाता था, शहर से ठोस और तरल दोनों कचरे का डंप यार्ड बन गया है। नदी में प्रवेश करने वाला अपशिष्ट पदार्थ अधिकतर अनुपचारित होता है जिससे रिस्पना नदी की वर्तमान स्थिति पारिस्थितिकी के लिए बिल्कुल प्रतिकूल स्थिति है। और 130.19 कि.मी. है। जिसकी ऊंचाई 2249 से 565 मीटर है। इसकी रिस्पना नदी बेसिन मुख्य धारा ऊपर से नीचे कुल लंबाई 12.547 कि.मी. है। देहरादून गेज स्टेशन की औसत वार्षिक वर्षा 2169.1 मि.मी. है।

रिस्पना नदी का स्वास्थ्य पिछले कुछ वर्षों में काफी गिरा है। नदी का तट न केवल घरों से निकलने वाले कचरे से भरा है बल्कि धात्विक कचरे की अकल्पनीय मात्रा है।

देहरादून में नदी का तल वाणिज्यिक और निजी वाहनों के लिए पार्किंग स्थल बन गया है। देहरादून में दिन-प्रतिदिन बढ़ती झुग्गियां भी नदी के विनाश में योगदान दे रही हैं। संक्षेप में, अनियोजित शहरीकरण और शिक्षा की कमी और नागरिकों में पर्यावरण की गिरावट के बारे में जागरूकता ने रिस्पना नदी की इस दयनीय स्थिति को जन्म दिया है और अन्य जल निकायों के लिए भी यही सच है।

सामग्री और तरीके

अध्ययन क्षेत्र का स्थान

रिस्पना देहरादून शहर की एक महत्वपूर्ण नदी है। नदी अक्षांश 300 29 15’ N और देशांतर 780 06 98’ E के बीच स्थित है। टोपोसीट नम्बर 53-J3, 53-J4 का उपयोग मानचित्र जो सभी स्थलाकृतिक सुविधाओं की जानकारी प्रदान करता है। रिस्पना नदी मसूरी से शुरू होकर देहरादून से गुजरती है। यह तीन धारा क्रम नदी बेसिन है। चित्र 1 में स्थान के साथ रिस्पना नदी का ड्रेनेज मानचित्र मे दर्शाया गया है। रिस्पना नदी के बेसिन का कुल जलग्रहण क्षेत्र और ड्रेनेज की लंबाई 58.09 कि.मी.2 और 130.19 कि.मी. है। इसकी रिस्पना नदी बेसिन मुख्य धारा के ऊपर से नीचे कुल लंबाई 12.547 कि.मी. है। अध्ययन क्षेत्र सेमसूरी से लेकर देहरादून तक 12 विभिन्न स्थानों से सतह जल का नमूने एकत्र किये गये। पानी की गुणवत्ता के मापदंडों यानी फिजिको-केमिकल, माइक्रोबायोलॉजिकल, प्रमुख तत्व और भारी धातुओं का विश्लेषण किया गया और इसकी तुलना बी.आई.एस. मानक 2012 से की गई।

पानी का नमूना लेना

सभी पानी के नमूने को संग्रह के लिए पूर्व-साफ पॉलीथीन और बोरोसिल ग्लास की बोतलों में और जीवाणुरोधी परीक्षा के लिए निष्फल (AUTOCLAVE) पॉलीथीन की बोतलों में, पीएच के भौतिक-रासायनिक विश्लेषण, विद्युत चालकता, टीडीएस, जैव-रासायनिक ऑक्सीजन की मांग (बीओडी) के लिए 500 मिली.लीटर पॉलीइथाइलीन हाई-मीडिया बोतल में एकत्र किए गए थे। इसके अलावा ऑक्सीजन (डीओ) 300 मिली.लीटर बोरोसिल ग्लास की बोतलों में एकत्र किया गया और वायुमंडलीय ऑक्सीजन के किसी भी प्रभाव से बचे के लिए 1 मिली.लीटर मैंगनीज सल्फेट (MnSO4) और 1 मिलीलीटर क्षारीय आयोडाइड एजाइड संरक्षक डाला गया।रासायनिक ऑक्सीजन की मांग (सीओडी) 100 मिलीलीटर पॉलीथीन की बोतलों में, संरक्षक के लिए 0.2 मिली.लीटर सल्फ्यूरिक एसिड (H2SO4) और विषाक्त भारी धातुओं को 60 मिली.लीटर पॉलीथीन की बोतलें मे संरक्षकके लिए 0.3 मिलीलीटर नाइट्रिक एसिड (HNO3) एकत्र किए गएनमूने को रासायनिकप्रभाव से बचे के लिए संरक्षक डाला गया। पानी के एकत्र किये नमूने का उल्लेख स्थान और एकत्र नमूनों को तुरंत बर्फ के डिब्बे 40 ब पर संग्रहीत किया गया और 24 घंटे के भीतर सूक्ष्म जीवविज्ञानी और भौतिक-रासायनिक विश्लेषण के लिए प्रयोगशाला में ले जाया गया।

फरवरी से अप्रैल 2019 के दौरान मासिक आधार पर कुल 180 सतही जल नमूनों को एकत्र किया गया। मसूरी से देहरादून के लिए पानी का नमूना रिस्पना नदी से एकत्र किया गया था 12 अलग-अलग स्थान हैं (लंढौर बाजार, डब्ल्यूएचएस पंप हाउस, डब्ल्यूएचएस लंढौर बाजार, डब्ल्यूएचएस रिस्पना, मोसी फॉल, झारिपानी फॉल, शिखर फॉल, राजपुर नहर, रिस्पना टेल, रिस्पना अप-स्ट्रीम एसटीपी और रिस्पना एसटीपी)। जिनको अलग-अलग 4 साइट मे विभाजित कर नमूने एकत्र किए गए थे। जिसमें I साइटें हैं - (1.लंढौर बाजार, 2.डब्ल्यूएचएस पंप हाउस, 3.डब्ल्यूएचएस लंढौर बाजार और 4.डब्ल्यूएचएस रिस्पना) क्षेत्र का शहरीकरण व घर के अपशिष्ट जल को नदी में प्रवाह करन से। II साइटें हैं - (5.मोसी फॉल, 6.झारिपानी फॉल, 7.शिखर फॉल और 8.राजपुर कैनाल डायवर्सन) यह पहली साइटों का फॉल (जल निकाय) और नीचे की तरफ हैं। III साइटें (9.रिस्पना नदी लक्सुरियाज फार्म) रिस्पना नदी की मलिन बस्तियों व अनधिकृत कॉलोनियाँ हैं। IV साइटें- (10.रिस्पना टेल, 11.रिस्पना अप-स्ट्रीम एसटीपी और 12.रिस्पना एसटीपी) यहनदी बेसिन के अंतिम बिंदु यह जिसमे हाउस होल्ड, डेयरी और सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट, सॉलिड-लिक्विड कचरा नदी में डाला जाता है।

परिणाम और चर्चा

सतह के पानी के भौतिक-रासायनिक और जैविक लक्षण का वर्णन

रिस्पना नदी में पानी के तापमान के अनुपात-लौकिक संस्करण हैं, जो सभी भौतिक-जैव रासायनिक प्रतिक्रियाओं में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। प्री-मानसून नदी के पानी का तापमान अधिकतम 210c और न्यूनतम 130c जिसमेरिस्पना नदी काएम्बिएंट तापमान अधिकतम 200c और न्यूनतम 11.50c पाया गया।

सतह के पानी की गुणवत्ता पीएच, टर्बिडिटी, टीडीएस और विद्युत चालकता के भौतिक पैरामीटर जो नदी के अलग-अलग स्थानपर मिला। 12 स्थान से नदी के पानी के नमूने को विश्लेषण कर पानी के नमूने के परिणाम को BIS STANDARD IS 10500:2012 के अनुसार पीने के पानी की गुणवत्ता की तुलना किया गया। अध्ययन में नदी का पानी क्षारीय औसत (7.0-7.4) दर्ज किया गया था। बीआईएस मानक की स्वीकार्य सीमा (6.5-8.5) पीएच सुरक्षित पेयजल की तथा अनुमेय सीमा वैकल्पिक स्रोत के अभाव में (कोई छूट नहीं) है। ब पाया गया।

टर्बिडिटी जल निकायों की भौतिक स्थिति की विशेषता में रिस्पना नदी अलग स्थान की टर्बिडिटी औसत (1.2-224.6) NTU दर्ज की गई थी। बीआईएस मानक स्वीकार्य सीमा (1) NTU सुरक्षित पेयजल की तथा अनुमेय सीमा वैकल्पिक स्रोत सुरक्षित पेयजल के अभाव में (5) NTU माना गया। 12 अलग-अलग नदी स्थान में चार स्थान टर्बिडिटी (साइट-I) लंढौर बाजार (224.6=108.2) NTU डब्ल्यूएचएस रिस्पना (5.3= 2.0) NTU (साइट-III) रिस्पना नदी लक्सुरियाज फार्म (7.3 = 0.3) NTU (साइट-II) रिस्पना अप-स्ट्रीम एसटीपी (19=1.9) NTU जो अनुमेय सीमा को पार कर रहे हैं। नदी के वेग में क्रमिक वृद्धि के कारण कुल ठोस (टीडीएस) औसत (307.8.860.6) मिलीग्राम प्रति लीटर की सीमा में पाया गया जो प्रभावी तलछट और कार्बनिक पदार्थों का पक्षधर था। बीआईएस मानक की तुलना स्वीकार्य सीमा (500) मिलीग्राम प्रति लीटर सुरक्षित पेयजल बीआईएस मानक की सीमा है लेकिन अनुमेय सीमा (2000) मिलीग्राम प्रति लीटर वैकल्पिक स्रोत की अनुपस्थिति में माना गया। नदी के आठ स्थान स्वीकार्य सीमाको पार किया, (साइट-I) लंढौर बाजार (860.6=2203) मिलीग्राम प्रति लीटर, (साइट-II) मॉसी फॉल (601.6=91.9) मिलीग्राम प्रति लीटर, शिखर फॉल (676.7= 119.2) मिलीग्राम प्रति लीटर,राजपुर कैनाल डायवर्सन (604.6=115.2) मिलीग्राम प्रति लीटर, (साइट-III) रिस्पना नदी लक्सुरियाज फार्म (711.3=137.5) मिलीग्राम प्रति लीटर, (साइट-II) रिस्पना टेल (633.6= 131.5) मिलीग्राम प्रति लीटर, रिस्पना अप-स्ट्रीम एसटीपी (734.9=137.9) मिलीग्राम प्रति लीटर, रिस्पना एसटीपी (681.0= 148.5) मिलीग्राम प्रति लीटरपाया गया।

रिस्पना नदी के पानी के 12 स्थान की विद्युत चालकता औसत (481.1344.7) uS/cm पाया गया।

सतह के पानी की गुणवत्ता का रासायनिक पैरामीटर विघटित ऑक्सीजन, बायोकेमिकल ऑक्सीजन मांग, रासायनिक ऑक्सीजन की मांग, कुल कठोरता भी नदी के अलग-अलग स्थान पर पाया गया। नदी के पानी के नमूने के 12 स्थान के विश्लेषण मे परिणाम पाया गया। BIS STANDARD IS 10500:2012, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और पर्यावरण प्रदूषण एजेंसी प्रभावी 30 अप्रैल 2018 के अनुसार पीने के पानी की गुणवत्ता की तुलना की गयी। रिस्पना नदी में विघटित ऑक्सीजन की उपस्थिति अलग-अलग स्थान पर औसत (1.9.10.7) मिलीग्राम प्रति लीटर पाया गया। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार न्यूनतम (5) मिलीग्राम प्रति लीटर जंगली जीवन और जलीय जीवन के लिए ऑक्सीजन की उपस्थिति होना चाहिए।

बायोकेमिकल ऑक्सीजन की मांग BOD5TM नदी के अलग-अलग स्थान पर औसत (1.3.222) मिलीग्राम प्रति लीटर पाया गया। भारतीय मानक ब्यूरो के अनुसार (5) मिलीग्राम प्रति लीटर पानी मे बायोकेमिकल ऑक्सीजन उपस्थिति होनाचाहिए। रिस्पना नदी मे रासायनिक ऑक्सीजन की मांग उपस्थिति अलग-अलग स्थान पर औसत (57.3 . 290.8) मिलीग्राम प्रति लीटर पाया गया। रिस्पना नदी मे पानी की कुल कठोरता उपस्थिति अलग-अलग स्थान पर औसत (206.8.500.2) मिलीग्राम प्रति लीटर पाया गया। भारतीय मानक ब्यूरो के अनुसार स्वीकार्य सीमा (200) मिलीग्राम प्रति लीटर सुरक्षित पेयजल के लिए लेकिन अनुमेय सीमा (600) मिलीग्राम प्रति लीटर वैकल्पिक स्रोत की अनुपस्थिति में माना गया।

सतह के पानी की गुणवत्ता का माइक्रो-बायोलॉजिकल पैरामीटर कुल कोलीफॉर्म और ई-कोलाई नदी के अलग-अलग स्थान पर मिला। नदी के पानी के नमूने के 12 स्थान का विश्लेषण के परिणाम को भारतीय मानक ब्यूरो 10500: 2012 के अनुसार पीने के पानी की गुणवत्ता की तुलना किया गया। कुल कोलीफॉर्म भारतीय मानक ब्यूरो सीमा के अनुसार रिस्पना नदी मे औसत (675-2419.6) MPN / 100 मिली.लीटर प्रत्येक स्थान पर मौजूद थे। भारतीय मानक ब्यूरो सीमा के अनुसार किसी भीपीने के पानी मे 100 मिली.लीटर नमूने में कुल कोलीफॉर्म पैरामीटर के लक्षण नही दिखने चहिए। पानी के नमूने का ई-कोलाई औसत (16-2419.6) MPN / 100 मिली.लीटर प्रत्येक स्थान पर मौजूद थे। भारतीय मानक ब्यूरो सीमा के अनुसार किसी भीपीने के पानी 100 मिली.लीटर नमूने में ई-कोलाई पैरामीटर के लक्षण नही दिखने चहिए।

सतह के पानी का प्रमुख तत्व और भारी धातु लक्षण

सतह के पानी की गुणवत्ता में प्रमुख तत्व कैटायन (Na+,K+,Ca+,Mg+) तथा एनआयन (NO3, NO2,F) पानी में मौजूद हैं। जब बीआईएस मानक आईएस 10500: 2012 द्वारा पीने के पानी के दिशा निर्देशों के साथ तुलना किया गया था। पानी में प्रमुख तत्व (कैटायन) की एकाग्रता का औसत रिस्पना नदी के 12 अलग-अलग स्थान पर औसत सोडियम (2.6-46.6) मिलीग्राम प्रति लीटर पाया गया। पोटैशियम (0.9-21.6) मिलीग्राम प्रति लीटर, कैल्शियम (43.8.114.5) मिलीग्राम प्रति लीटर पाया गया। भारतीय मानक ब्यूरो के अनुसारकैल्शियम की स्वीकार्य सीमा (75) मिलीग्राम प्रति लीटर सुरक्षित पेयजल के लिए लेकिन अनुमेय सीमा (200) मिलीग्राम प्रति लीटर वैकल्पिक स्रोत की अनुपस्थिति में माना गया। आठ स्थान स्वीकार्य सीमा को पार करते हैं लेकिन सभी स्थान अनुमेय सीमा को पार नहीं करते हैं। औसत मैग्नीशियम (23.7.56.5) मिलीग्राम प्रति लीटर पाया गया। भारतीय मानक ब्यूरो के अनुसार मैग्नीशियम की स्वीकार्य सीमा (30) मिलीग्राम प्रति लीटर सुरक्षित पेयजल के लिए लेकिन अनुमेय सीमा (100) मिलीग्राम प्रति लीटर वैकल्पिक स्रोत की अनुपस्थिति में माना गया। दस स्थान स्वीकार्य सीमा को पार करते हैं, लेकिन सभी स्थान अनुमेय सीमा को पार नहीं करते हैं।

पानी में प्रमुख तत्व (एनआयन) की एकाग्रता का औसत रिस्पना नदी के 12 अलग-अलग स्थान पर औसत नाइट्रेट (0.1-24.7) मिलीग्राम प्रति लीटर पाया गया। भारतीय मानक ब्यूरो के अनुसार स्वीकार्य सीमा (45) मिलीग्राम प्रति लीटर सुरक्षित पेयजल के लिए लेकिन वैकल्पिक स्रोत के अभाव में (कोई छूट नहीं) है। पीने के पानी की गुणवत्ता भारतीय मानक ब्यूरो के अनुसार स्वीकार्य सीमा के नीचे सभी प्रमुख तत्व नमूना सुरक्षित पाया गया। औसत नाइट्राइट की एकाग्रता (0.1-5) मिलीग्राम प्रति लीटर पाया गया। (यूएस ईपीए 2009) पीने के पानी के निर्देश 1 मिलीग्राम प्रति लीटरपानी मे उपस्थित होने से उनके स्वास्थ्य प्रभाव के लक्षण हैं जिनमें सांस की तकलीफ और ब्लू-बेबी सिंड्रोम और छह महीने से कम उम्र के बच्चे शामिल हैं, जो एमसीएल से अधिक नाइट्राइट युक्त पानी पीने से गंभीर रूप से बीमार हो सकता है और यदि अनुपचारित हो तो उसकी मृत्यु हो सकती है। इसका मुख्य स्रोतउर्वरक उपयोग से जल संसाधन अपवाह, सेप्टिक टैंक से लीचिंग, सीवेज और प्राकृतिक जमाव का क्षरण। नदी में चार स्थान पर अधिक एकाग्रता पाया गया। औसत फ्लोराइड की एकाग्रता (0.1-0.5) मिलीग्राम प्रति लीटर पाया गया। भारतीय मानक ब्यूरो के अनुसार स्वीकार्य सीमा (1) मिलीग्राम प्रति लीटर सुरक्षित पेयजल के लिए लेकिन अनुमेय सीमा (1.5) मिलीग्राम प्रति लीटर वैकल्पिक स्रोत की अनुपस्थिति में माना गया। पीने के पानी की गुणवत्ता भारतीय मानक ब्यूरो के अनुसार स्वीकार्य सीमा के नीचे सभी प्रमुख तत्व नमूना सुरक्षित पाया गया।

सतह के पानी की गुणवत्ता में भारी धातु पाई गई (Fe, Mn, Si,Pb, Cd, As, AI) पानी में मौजूद हैं। जब बीआईएस मानक आईएस 10500: 2012 द्वारा पीने के पानी के दिशा निर्देशों के साथ तुलना किया गया था। पानी में भारी धातु की एकाग्रता का औसत रिस्पना नदी के 12 अलग-अलग स्थान पर औसत लोहा (0.1-3) भारतीय मानक ब्यूरो के अनुसार स्वीकार्य सीमा (0.3) मिलीग्राम प्रति लीटर पाया गया।सुरक्षित पेयजल के लिए लेकिन वैकल्पिक स्रोत के अभाव में (कोई छूट नहीं) है। दिशानिर्देश के अनुसार चार स्थान पीने के पानी की गुणवत्ता भारतीय मानक ब्यूरो के अनुसार स्वीकार्य सीमा को पार करते हैं।

औसत मैंगनीज (0.02-0.9) मिलीग्राम प्रति लीटर पाया गया। भारतीय मानक ब्यूरो के अनुसार स्वीकार्य सीमा (0.02) मिलीग्राम प्रति लीटर सुरक्षित पेयजल के लिए लेकिन अनुमेय सीमा ;0ण्9द्ध मिलीग्राम प्रति लीटर वैकल्पिक स्रोत कीअनुपस्थिति में माना गया। दिशानिर्देश के अनुसार बारह स्थान स्वीकार्य सीमा को पार करते हैं और शेष दो स्थान शेष स्थान अनुमेय सीमा को पार करते हैं।

औसत सिलिका (3.9.11.5) मिलीग्राम प्रति लीटर पाया गया।

औसत लेड (0.0.0.02) मिलीग्राम प्रति लीटर पाया गया। भारतीय मानक ब्यूरो के अनुसार स्वीकार्य सीमा (0.01) मिलीग्राम प्रति लीटर सुरक्षित पेयजल के लिए लेकिन वैकल्पिक स्रोत के अभाव में (कोई छूट नहीं) है। सभी पानी के नमूने सुरक्षित हैं और पीने के पानी की गुणवत्ता के प्रमुख एकाग्रता से मुक्त हैंएक स्थान को छोड़कर।

औसत कैडमियम (0.001-0.003) मिलीग्राम प्रति लीटर पाया गया।भारतीय मानक ब्यूरो के अनुसार स्वीकार्य सीमा (0.003) मिलीग्राम प्रति लीटर सुरक्षित पेयजल के लिए लेकिन वैकल्पिक स्रोत के अभाव में (कोई छूट नहीं) है।सभी पानी के नमूने सुरक्षित हैं और पीने के पानी की गुणवत्ता के प्रमुख एकाग्रता से मुक्त हैं दो स्थान को छोड़कर । औसत आर्सेनिक (0.001.0.006) मिलीग्राम प्रति लीटर पाया गया।भारतीय मानक ब्यूरो के अनुसार स्वीकार्य सीमा (0.01) मिलीग्राम प्रति लीटर सुरक्षित पेयजल के लिए लेकिन वैकल्पिक स्रोत के अभाव में (कोई छूट नहीं) है।चार सीमा स्थान स्वीकार्य सीमा को पार करते है।

औसत एल्युमिनियम (0.1-1) मिलीग्राम प्रति लीटर पाया गया। भारतीय मानक ब्यूरो के अनुसार स्वीकार्य सीमा (0.03) मिलीग्राम प्रति लीटर सुरक्षित पेयजल के लिए लेकिन अनुमेय सीमा (0.2) मिलीग्राम प्रति लीटर वैकल्पिक स्रोत की अनुपस्थिति में माना गया। गाइडेंस बारह सीमा स्थान स्वीकार्य सीमा को पार करते हैं और शेष एक स्थान अनुमेय सीमा को पार करते हैं।

निष्कर्ष

अध्ययन के आधार पर निष्कर्ष निकाला जा सकता है 1 रिस्पना नदी का स्वास्थ्य पिछले वर्षों में घरों से कचरा ढेर करने और नदी के किनारों में धातु अपशिष्ट के जमाव के कारण प्रभावित हुआ है। सतह जल गुणवत्ता अध्ययन मे लवणीय प्रकृति का पाया गया। 2 माइक्रोबायोलॉजिकल पैरामीटर की औसत एकाग्रता 2419.6=0.0 MPN/100 मिलीग्राम प्रति लीटर पाया गया। 3 प्रमुख तत्व केटायन और एन आयनों उच्च सांद्रता पाया गया। 4 रिस्पना नदी में क्षेत्र के शीर्ष जल-स्रोत का ताजा पानी दूषित नहीं पाया गया है, लेकिन शहरीकरण के कारण विभिन्न पोषक तत्वों की उपस्थिति के कारण नदी में भारी प्रदूषण देखा गया है। घरेलू अपशिष्ट जल,झुग्गी बस्तियों व अनधिकृत कॉलोनियों के अपशिष्ट जल, डेयरी और सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट, नदी के किनारों में ठोस-तरल अपशिष्ट को (डंपिंग) फेकने, जिसके परिणामस्वरूप नदीके पानी की गुणवत्ता में महत्वपूर्ण गिरावट आई है। 5 वर्तमान अनुसंधान में यहा बात रेखांकित हुआ है, कि शीघ्रातिशीघ्र रिस्पना नदी को विभिन्न स्त्रोतों से होने वाले प्रदूषण से बचाया जाना आवश्यक है, जिससे इस क्षेत्र की कृषि, वन, पशु, जलीय जीव एवं मानव जीवन को दीर्घकालीन रूप से अच्छी नियति में रखा जा सके। आभार यह परियोजना नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हाइड्रोलॉजी (एनआईएच), रुड़की द्वारा आर्थिक रूप से समर्थन था।

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