सामान्य से कम रहेगा मानसून, 93 फीसद बारिश की संभावना

27 Jun 2014
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देश की अर्थव्यवस्था के लिए और खासतौर पर खेती के लिए मानसून बहुत महत्वपूर्ण होता है। पृथ्वी विज्ञान सचिव शैलेश नायक ने कहा कि मौसम विभाग ने जब अप्रैल में सामान्य से कम बारिश का पूर्वानुमान जताया था, तभी सरकार ने कदम उठा लिए थे। उन्होंने कहा कि कैबिनेट सचिव ने किसी भी तरह की परिस्थिति से निपटने के लिए अलग-अलग मंत्रालयों के अधिकारियों के साथ बैठकें की हैं। देशवासियों के लिए यह खबर निराशाजनक हो सकती है कि इस साल देश में मानसून की बारिश सामान्य से कम हो सकती है और 93 फीसद के स्तर पर रह सकती है। मौसम विभाग ने बारिश की संभावना को लेकर शुरू में घोषित पूर्वानुमान से अपने आंकड़े में और दो फीसद की कमी की है। इस बीच सोमवार को देश के विभिन्न हिस्सों में पारा अपने तेवर में रहा। छत्तीसगढ़ में लू लगने से एक महिला समेत चार लोगों की मौत हो गई है।

विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह ने यहां संवाददाताओं से कहा-पूरे देश के लिए जून से सितंबर के बीच मानसून की मौसमी बारिश का स्तर सामान्य से कम और 93 फीसद हो सकता है। यह चार फीसद कम या ज्यादा हो सकती है। मौसम विभाग ने अप्रैल में मानसून को लेकर घोषित पूर्वानुमान में बारिश का स्तर 95 फीसद रहने की संभावना जताई थी।

कम बारिश के लिए अल-नीनो प्रभाव को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है जिसके रहने की संभावनाएं 70 फीसद तक है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के महानिदेशक एलएस राठौर ने कहा कि जुलाई के अंत में और अगस्त की शुरुआत में स्थिति चरम पर हो सकती है। मौसम विभाग के मुताबिक यह हालात समुद्र के तापमान में बढ़ोतरी से भी जुड़े हैं।

देश की अर्थव्यवस्था के लिए और खासतौर पर खेती के लिए मानसून बहुत महत्वपूर्ण होता है। पृथ्वी विज्ञान सचिव शैलेश नायक ने कहा कि मौसम विभाग ने जब अप्रैल में सामान्य से कम बारिश का पूर्वानुमान जताया था, तभी सरकार ने कदम उठा लिए थे। उन्होंने कहा कि कैबिनेट सचिव ने किसी भी तरह की परिस्थिति से निपटने के लिए अलग-अलग मंत्रालयों के अधिकारियों के साथ बैठकें की हैं।

मौसम विभाग के अनुसार जुलाई में 93 फीसद बारिश और अगस्त में 96 फीसद बारिश होने की संभावना है। नायक ने बताया कि दिल्ली में मानसून इसकी सामान्य तारीखों पर 29-30 जुलाई तक पहुंच सकता है। उन्होंने कहा कि मानसून ने केरल में पांच दिन देरी से दस्तक दी है लेकिन इसके देरी से दस्तक देने और देश के मध्य और उत्तर तक पहुंचने के बीच कोई संबंध नहीं है।

छत्तीसगढ़ में तेज गर्मी ने अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है। राज्य में लू लगने से एक महिला समेत चार लोगों की मौत हो गई है। पिछले एक हफ्ते से राजधानी रायपुर समेत राज्य में लू की चपेट में हैं। राजधानी रायपुर, बिलासपुर और अन्य हिस्सों में पारा 45 डिग्री के करीब है।

रायपुर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी के.आर सोनवानी ने सोमवार को यहां बताया कि शहर में एक वृद्धा समेत चार लोगों की गर्मी से मौत की खबर है। प्राथमिक जांच में सभी की मौत लू लगने से होने का अंदेशा है। छत्तीसगढ़ राज्य मौसम केंद्र के निदेशक एमएल साहू ने बताया कि इस साल मानसून में देरी होने की आशंका है। इस वजह से राज्य में अगले तीन से चार दिन तक लू हालात बने रहेंगे। मनसून के सक्रिय होने के बाद क्षेत्र में गर्मी में कमी आएगी।

उत्तर प्रदेश में पूर्वी क्षेत्र के कुछ इलाकों में मामूली बारिश के बीच भीषण गर्मी का दौर जारी है। ऐसे में हो रही बिजली की अंधाधुंध कटौती से परेशान लोग सड़कों पर उतर आए हैं। मौसम विभाग के सूत्रों के मुताबिक पिछले 24 घंटे के दौरान प्रदेश के कुछ पूर्वी हिस्सों में हल्की बारिश हुई। महाराजगंज में दो सेंटीमीटर, जबकि बलिया, बांसगांव और खलीलाबाद में एक-एक सेंटीमीटर बारिश रेकार्ड की गई।

इस बारिश से इलाहाबाद और वाराणसी के मंडलों में लोगों को भीषण गर्मी से कुछ राहत मिली लेकिन सूबे के बाकी हिस्से जबरदस्त तपिश और उमस से जकड़े रहे। पिछले 24 घंटे के दौरान कानपुर, मेरठ, आगरा, लखनऊ, बरेली, मुरादाबाद, झांसी और फैजाबाद मंडलों में दिन के तापमान में खासी बढ़ोतरी दर्ज की गई। इस अधिक से बांदा सबसे गर्म स्थल रहा जहां अधिकतम तापमान 47.4 डिग्री सेल्सियस रहा।

अगले 24 घंटे के दौरान भीषण गर्मी से राहत मिलने की कोई उम्मीद नहीं है। राज्य में कुछ स्थानों पर कड़ी धूप होने और लू चलने की संभावना है। लोगों के पसीने छुड़ाने वाली इस गर्मी में बिजली की अघोषित कटौती जले पर नमक का काम कर रही है।

बाराबंकी, लखनऊ, जौनपुर, बलिया, बांदा, मिर्जापुर और सीतापुर समेत विभिन्न जिलों में बिजली की अघोषित कटौती से नाराज लोगों के विरोध प्रदर्शन करने की खबरें मिली है। उधर तिरुवनंतपुरम से मिली खबरों के मुताबिक तीन दिन पहले केरल के तटों पर पहुंचने वाला दक्षिण पश्चिमी मानसून सोमवार को समूचे राज्य को भिगोता हुआ और आगे बढ़ा।

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