सहयोग से सफल होगा स्वच्छ भारत मिशन


केंद्र सरकार द्वारा शुरू किये गये स्वच्छ भारत मिशन से देश के कम से कम 8 करोड़ घरों को फायदा मिलेगा। इस मिशन के तहत उन घरों में शौचालय की सुविधा प्रदान की जायेगी जिन घरों में अभी भी शौचालय नहीं हैं। यही नहीं इस मिशन के तहत घरों से निकलने वाले कचरों का प्रबंधन भी किया जायेगा ताकि कम से कम कचरा डम्पिंग ग्राउंड तक पहुँचे।

केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय के स्वच्छ भारत मिशन के ज्वाइंट सेक्रेटरी प्रवीण प्रकाश ने कहा कि कचरे के प्रबंधन के लिये कई तरह की योजनाएँ शुरू की गई हैं जिनमें कचरे से बिजली उत्पादन भी शामिल है। स्वच्छता पर निकलने वाली अरबन सेनिटेशन पत्रिका की ओर से शुक्रवार को आयोजित कार्यक्रम में प्रवीण प्रकाश ने कहा कि केंद्र सरकार ने ऐसी व्यवस्था की है जिसके तहत कचरे से बिजली उत्पन्न करने वाली कम्पनियों से इलेक्ट्रिसिटी ड्रिस्ट्रिब्यूशन कम्पनीज अॉफ इंडिया (डिसकॉन) बिजली खरीदेगी। यही नहीं कचरे से बिजली उत्पादन करने वाली कम्पनियों से निकलने वाले रिफ्यूज-ड्राइव्ड फ्युल (अारडीएफ) का 5 प्रतिशत हिस्सा प्लांट के 100 किलोमीटर के दायरे में स्थित सीमेंट प्लांट्स को इस्तेमाल करना होगा।

प्रवीण प्रकाश ने आगे कहा, “केंद्र सरकार ने सभी सरकारों से अपील की है कि वे सड़क निर्माण में कचरे वाले प्लास्टिक का इस्तेमाल करें। कचरे का 70 प्रतिशत हिस्सा सड़कों के बेस लेयर में इस्तेमाल किया जा सका है।” उन्होंने कहा कि उत्तरप्रदेश के गाजीपुर में इस दिशा में अच्छा काम हो रहा है और वहाँ कचरों के ढेर गायब हो गये हैं।

कंस्ट्रक्शन-डेमोलिशन वेस्ट की रिसाइक्लिंग के लिये ब्यूरो अॉफ इंडियन स्टैंडर्ड ने कहा है कि मकान बनाने में कम से कम 20 प्रतिशत रिसाइकल्ड कंस्ट्रक्शन-डेमोलिशन वेस्ट का इस्तेमाल किया जा सकता है। अरबन सेनिटेशन पत्रिका की सम्पादक और प्रकाशक शीतल शेट्टी ने कहा कि अब लोगों में स्वच्छता को लेकर जागरूकता बढ़ रही है और न केवल सम्भ्रांत बल्कि निम्न मध्यवर्गीय बल्कि फुटपाथ पर रहने वाले लोग भी साफ-सफाई पर ध्यान दे रहे हैं।

गौरतलब है कि स्वच्छ भारत मिशन 2 अक्टूबर 2019 को पूरा हो रहा है। प्रवीण प्रकाश ने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन को सफल बनाने के लिये लोगों को जागरूक होना होगा और उन्हें अत्याधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करना होगा। साथ ही इसके लिये निजी कम्पनियों को सरकार के साथ आगे आना चाहिए।

केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय के डिप्टी एडवाइजर डॉ. रमाकांत ने कहा, “स्वच्छ भारत मिशन के लिये 62009 करोड़ रुपये खर्च किये जा रहे हैं जिसके अंतर्गत घरों में टॉयलेट निर्माण, कचरा प्रबंधन आदि शामिल है। उन्होंने कहा कि देशभर में इस मिशन के तहत 1 करोड़ शौचालय स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया था जिसे अब घटाकर 66 लाख रखा गया है। इनमें से 20.7 लाख शौचालय बनाये जा चुके हैं।”

कार्यक्रम में उपस्थित वक्ताअों ने लोगों में स्वच्छता को लेकर व्यवहार में बदलाव पर भी जोर दिया। राजन सैमुअल, रोशनी सुभाष आलोक दासगुप्ता समेत अन्य वक्ताअों ने कहा कि स्वच्छता को लेकर लोगों के व्यवहार में बदलाव से बहुत बड़ा फर्क आ सकता है। इस सिलसिले में राजन सैमुअल ने पंजाब का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा, “वहाँ खुले में शौच रोकने के लिये सुबह-सुबह खेतों में निपटान करने के लिये जाने वाले लोगों का वॉलेंटियर पीछा करते थे। इस तरह धीरे-धीरे लोगों का नजरिया बदला। अब तक 57 गाँवों को खुले में शौच मुक्त बनाया जा चुका है।”
 

Posted by
Get the latest news on water, straight to your inbox
Subscribe Now
Continue reading