सुदूर संवेदी विधि द्वारा ऊपरी कोलाब जलाशय में अवसादन का निर्धारण

पृथ्वी पर जीवन के अस्तित्व को बनाए रखने के लिए समस्त प्राकृतिक सम्पदाओं में से जल सबसे महत्वपूर्ण एवं आवश्यक सम्पदा है। भविष्य में प्रत्येक प्राणी मात्र के लिए उचित मात्रा में जल उपलब्ध हो सके इसलिए इसका उचित भंडारण, संरक्षण एवं प्रबंधन करना अति आवश्यक है। जल के भंडारण के लिए जलाशय एक महत्वपूर्ण संरचना है। इन जलाशयों में समय के साथ-साथ अवसादन का जमाव एक प्रमुख समस्या है। इस समस्या से निपटने एवं जलाश्यों के जल के उचित प्रबंधन के लिए समय-2 पर अवसादन का आंकलन करना अति आवश्यक है। इस आंकलन के लिए पारस्परिक विधियां जैसे जलालेख सर्वेक्षण एवं जल आगमन-निर्गम आदि विधियां महंगी होने के साथ-साथ काफी समय भी लेती है। प्रस्तुत प्रपत्र में सुदूर संवेदी विधि का प्रयोग कर ऊपरी कोलाब जलाशय में अवसादन का निर्धारण किया गया है।

ऊपरी कोलाब जलाशय उड़ीसा राज्य के कोरापुट जिले में गोदावरी बेसिन के कोलाब उप-बेसिन में स्थित है। यह एक बहुउद्देशीय परियोजना है। इसका प्रयोग घरेलू एवं औद्योगिक जल आपूर्ति सिंचाई एवं जल-विद्युत उत्पादन हेतु किया जाता है। इसके द्वारा 320 मेगावाट जल-विद्युत पैदा की जाती है। इस बांध की लम्बाई 630.5 मीटर एवं इसकी उंचाई 54.5 मीटर है। इस बांध की उपयोगी धारिता 935 घन मीटर एवं कुल धारिता 1215 घन मीटर है। पूर्ण जलाशय स्तर पर जल का फैलाव क्षेत्र 114.32 वर्ग किमी है। न्यूनतम जलावतन स्तर 844 मीटर है। एवं पूर्ण जलाशय स्तर 858 मीटर है। न्यूनतम जलावतलन स्तर पर जल क्षेत्र का फैलाव 35 वर्ग किमी है।

इस अध्ययन में भारतीय सुदूर संवेदक -1 सी./1 डी उपग्रह के लिस-3 संवेदक के वर्ष 2004-2005 के पांच विभिन्न विधियों के उपग्रह चित्रों का अंकीय विश्लेषण विधि द्वारा विश्लेषण किया गया। इसके लिए सामान्य अंतर जल सूचकांक (NDWI) विधि के साथ जल सूचकांक (WI) एवं अवरक्त भाग (IR) की सीमाओं का प्रयोग कर अवसादन की दर को 0.52 घनमीटर प्रतिवर्ष आंका गया। जलाशय में 15 वर्षों के अंतराल में कुल 7.73 मिलियन घनमीटर अवसादन एकत्र हुआ जिसके कारण जलाशय की उपयोगी धारिता में प्रति 0.006 प्रतिशत की कमी हुई, जो सामान्य पाई गई।

इस रिसर्च पेपर को पूरा पढ़ने के लिए अटैचमेंट देखें

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