सूरजकुंड में अवैध फार्म हाउस और भूजल दोहन पर एनजीटी ने लगाई फटकार

21 Aug 2016
0 mins read

हरियाणा के मुख्य सचिव, फरीदाबाद के उपायुक्त और पुलिस आयुक्त समेत आठ विभागों को दो हफ्ते में जवाब देने की ताकीद

फरीदाबाद, 20 अगस्त (जनसत्ता) राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने अरावली की पहाड़ियों में स्थित सूरजकुंड में अवैध फार्म हाउस निर्माण और भूजल दोहन पर हरियाणा के मुख्य सचिव, फरीदाबाद के उपायुक्त और पुलिस आयुक्त समेत आठ विभागों को फटकार लगाई है। एनजीटी ने पहले इन पर समयसीमा के भीतर जवाब दाखिल न करने के लिये 50 हजार रुपए का जुर्माना लगाया था, लेकिन बाद में बचाव पक्ष के अनुरोध पर सम्बंधित विभागों को दो हफ्ते में जवाब दाखिल करने का समय दिया गया।

सुप्रीम कोर्ट ने सूरजकुंड इलाके की पहाड़ियों में किसी तरह के निर्माण और भूजल दोहन पर रोक लगा रखी है। वहीं पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में अनंगपुर गाँव की देहशामला जमीन के बँटवारे का मामला लंबित है। इसके बावजूद पुलिस प्रशासन और निगम अधिकारियों की साठगांठ से इस क्षेत्र में न केवल अवैध निर्माण हो रहे हैं बल्कि फार्म हाउस बनाकर बेचे और खरीदे भी जा रहे हैं। पर्यावरण केयर सोसाइटी की ओर से दायर याचिका की सुनवाई करते हुए एनजीटी के मुख्य न्यायाधीश स्वतंत्र कुमार की पीठ ने फरीदाबाद नगर निगम को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा कि निगम दो हफ्तों के भीतर जवाब दाखिल करे वरना जुर्माना भरने के लिये तैयार रहे।

गौरतलब है कि पिछले महीने सुनवाई के दौरान प्रतिवादी पक्ष के एमसीएफ सहित हरियाणा के मुख्य सचिव, फरीदाबाद के उपायुक्त, पुलिस आयुक्त, फरीदाबाद नगर निगम, पुरातत्व विभाग, भूजल प्राधिकरण, खान मंत्रालय और मुख्य आरोपी नीलकंठ व नीलेश प्रॉपर्टी एंड डेवलपर के मालिक देवेंद्र कुमार को जवाब दाखिल करने के लिये दो हफ्ते का समय दिया था, लेकिन एनजीटी की ओर से मांगी गई जानकारी पर केवल भूजल प्राधिकरण और फरीदाबाद के पुलिस आयुक्त ने ही लिखित जवाब दिया। भूजल प्राधिकरण ने अपने जवाब में कहा कि साल 2002 में भी अधिसूचना जारी कर इस क्षेत्र में बोरवेल व ट्यूबवेल लगाने पर प्रतिबंध लगाया गया था। वहीं फरीदाबाद और बल्लभगढ़ नगर निगम क्षेत्र में 14 अक्टूबर 1998 से ही पानी बेचने और आपूर्ति करने पर प्रतिबंध लगा है। अब पर्यावरण केयर सोसायटी से शिकायत मिलने पर फरीदाबाद के उपायुक्त को सभी फार्म हाउसों में लगे बोरवेल व ट्यूबवेल की जाँच करने और आदेश का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने के आदेश दिये गये हैं।

पर्यावरण केयर सोसायटी की अध्यक्ष सीमा शर्मा के मुताबिक, फरीदाबाद के पुलिस आयुक्त ने अपने जवाब में बताया है कि वन विभाग की शिकायत पर देवेंद्र कुमार के खिलाफ साल 2015-16 में कुल छह मुकदमे दर्ज किये गये थे। हालाँकि किसी भी मुकदमे पर पुलिस ने अभी तक कोई पुख्ता कार्रवाई नहीं की है। उन्होंने कहा कि भू-माफिया और प्रशासन की मिलीभगत के कारण ही इतनी बड़ी तादाद में जंगल की कटाई हो रही है और जमीनों पर अवैध कब्जा कर उसका इस्तेमाल अवैध फार्म हाउस बनाने व अन्य व्यावसायिक गतिविधियों में हो रहा है।

Posted by
Get the latest news on water, straight to your inbox
Subscribe Now
Continue reading