स्वच्छता का महत्व

23 Sep 2008
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राजेश जैन/ पानीपत/30 सित07/ स्वस्थ जीवन जीने के लिए स्वच्छता का विशेष महत्व है। स्वच्छता अपनाने से व्यक्ति रोग मुक्त रहता है और एक स्वस्थ राष्ट्र निर्माण में अपना महत्वपूर्ण योगदान देता है। अत: हर व्यक्ति को जीवन में स्वच्छता अपनानी चाहिए और अन्य लोगों को भी इसके लिए पेरित करना चाहिए। यह बात जिला ग्रामीण विकास अभिकरण के प्रशिक्षक श्री बी.पी.रावल ने समालखा में नेहरू युवा केन्द्र व ग्रामीण शिक्षा प्रचार समिति एवं युवा विकास केन्द्र बिहोली के सदस्यों को सम्बोधित करते हुए कही।

यह कार्यशाला सम्पूर्ण स्वच्छता अभियान के तहत चलो निर्मल गांव की ओर विषय पर आयोजित की गई। उन्होंने कहा कि लोगों व बच्चों को खुले में शौच नहीं जाना चाहिए क्योकिं इससे अनेक बीमारियां जैसे हैजा, पेचिस, पोलियों, टाइफाईड जैसी घातक बीमारियां फैलती हैं। खाने से पहले हाथों को साबुन से धोने जैसी छोटी-छोटी बातों को ध्यान में रखकर व्यक्ति स्वस्थ रह सकता है। उन्होंने आदर्श शौचालय बनाने पर जोर देते हुए कहा कि इस प्रकार का शौचालय मात्र 1600 रूपये की लागत में बनाया जा सकता है और इसके लिए 3 फुट गढ्ढा गोदकर उसमें जालीदार ईटों से चिनाई की जाती है। उन्होंने बताया कि इस शौचालय के निर्माण के लिए लोगों को आगे आना चाहिए। उन्होंने कहा कि स्वच्छता के मामले में नेहरू युवा केन्द्र के स्वयं सेवी युवक एवं युवतियां महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकती हैं। उन्होंने कहा कि वे इस कार्यशाला से जो कुछ भी सीख कर जाएं उसका अन्य लोगों में भी प्रचार करें ताकि स्वच्छता अभियान को पूर्ण रूप से सफल बनाया जा सके। इस कार्यशाला में स्वच्छता पर आधारित फिल्म भी दिखाई गई।

इस अवसर पर नेहरू युवा केन्द्र के लेखाकार श्री राम सरूप, क्षेत्रीय समन्वयक श्री बदन सिंह ने भी स्वच्छता बारे अपने विचार व्यक्त किए। इस कार्यशाला में श्री विष्णुदत्त सचिव ग्रामीण शिक्षा प्रचार समिति, सुरेन्द्र हल्दाना, गढी भरल के मुस्लिम, मनाना की शशी व भरण सिंह तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे।

साभार- http://haryananews.net

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