तापमान के तेवर

प्रकृति के साथ रचनात्मक संघर्ष करके मानव दुनिया को जीने लायक बनाता है जब हम इसकी सीमा लांघने लगते हैं तो प्रकृति भी नष्ट होने लगती है। कल-कारखाने, सड़कें, यातायात, कंप्यूटर, फ्रिज, रेफ्रिजरेटर आराम के सारे साधन पहले प्रदूषण फैलाते हैं फिर मौसम के चक्र को प्रभावित करने लगते हैं और उसके बाद आशंका होने लगती है जलवायु परिवर्तन के खतरे। जलवायु परिवर्तन पर आधारित यह एपिसोड।

इस फिल्म को यहां भी देखा जा सकता है।

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