उष्ण कटिबंधीय क्षेत्र में मौसम के परिवर्तन का प्रभाव

मौसम का पशु-पक्षियों, पेड़-पौधों एवं मानव के रहन-सहन व उनके क्रियाकलापों का सीधा सम्बंध है। मौसम के आकस्मिक परिवर्तन जीवन को पूरी तरह से प्रभावित करते हैं। एक साथ तेज वर्षा से बाढ़ व जलमग्नता की स्थिति, वर्षा के न होने से सूखे की स्थिति अथवा तापक्रम में एक साथ परिवर्तन की स्थिति सभी में जन जीवन पूरी तरह से प्रभावित होता है। उदाहरणतया गत वर्ष मार्च माह में तापक्रम में आकस्मिक परिवर्तन से बढ़ी गर्मी के कारण गेंहूं की उपज में कमी महसूस की गई। इसी प्रकार तापक्रम में परिवर्तन से मनुष्यों के द्वारा दैनिक उपभोग के लिए पानी की आवश्यकता, कीड़े-मकोड़ों की जनसंख्या में वृद्धि, बीमारियों के कारक-जीवाणुओं व विषाणुओं की जनसंख्या में वृद्धि आदि कई ऐसे उदाहरण हैं जो जलवायु में परिवर्तन के परिणाम स्वरूप जनजीवन पर सीधा प्रभाव डालते हैं।

इस शोध पत्र में एशिया महाद्वीप के उष्ण कटिबंधीय क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले विभिन्न देशों में आकस्मिक मौसम परिवर्तन से होने वाले दुश्परिणामों के विवेचनात्मक अध्ययन को प्रस्तुत करने का प्रयास किया गया है। गत दशकों में किस प्रकार जलवायु में परिवर्तन से अत्यधिक वर्षा के मामलों में वृद्धि हुई है, वर्षा के कुल दिनों में कमी हुई है। किस प्रकार विश्वव्यापी गर्मी (ग्लोबल वार्मिंग) के कारण ग्लैशियर पीछे हटे हैं। तटीय भूक्षरण तथा समुद्र के जल सतह में वृद्धि हुई है, कृषि भूमि की क्षारतीयता बढ़ी, गर्म हवाओं की आवृत्ति एवं काल में वृद्धि हुई है आदि की विवेचना प्रस्तुत की गई है।

इस रिसर्च पेपर को पूरा पढ़ने के लिए अटैचमेंट देखें

Posted by
Get the latest news on water, straight to your inbox
Subscribe Now
Continue reading