उत्तर प्रदेश की नदी नीति प्रारूप पर घोषणा पत्र जारी

मेरठ में पारित हुआ उ. प्र. नदी नीति प्रारूप
मेरठ में पारित हुआ उ. प्र. नदी नीति प्रारूप
16 सितंबर 2012 को मेरठ के गढ़ रोड स्थित राधा गोविंद पब्लिक स्कूल में नीर फाउंडेशन द्वारा नदी नीति का प्रारूप तैयार करने के लिए दो दिवसीय कार्यक्रम आयोजित किया गया। राजेंद्र सिंह ने नदियों के प्रति सरकारों में खत्म होती संवेदनशीलता पर कहा कि केंद्र सरकार हो या फिर राज्य सरकार, किसी को नदी नीति की परवाह ही नहीं है। इन्हें न तो प्रकृति से प्रेम है और न ही जीवनदायिनी नदियों से। आज एक भी ऐसी नदी नहीं है, जिसके जल का आचमन किया जा सके। प्रदेश में राज्य मंत्री (ग्रामीण अभियंत्रण) राजेंद्र सिंह राणा ने कहा कि उप्र में नदी नीति प्रारूप पर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के सामने रखेंगे और नीति को लागू करवाने की दिशा में गंभीरता से कार्य करेंगे। उन्होंने कहा कि सभ्यता का विकास करने में हमने नैतिक मूल्यों में गिरावट की परवाह नहीं की। यही वजह है कि सब जानते हुए हमने नदियों को दूषित होने दिया।

महामंडलेश्वर भैया दासजी महाराज ने कहा कि जीवन को बचाने के लिए जल को बचाना आवश्यक है। सांसद राजेंद्र अग्रवाल ने कहा कि जल के दूषित होने का असर जीवन पर भी पड़ता है। नदी नीति को लागू करने में वे और उनकी पार्टी हर स्तर पर सहयोग करेगी। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष राकेश टिकैत ने कहा कि सरकारों ने गंगा पर ही हर नीति सिर्फ इसलिए बनाई ताकि लोगों की धार्मिक आस्था का इस्तेमाल कर सके। नदियों में इंडस्ट्री का जहर छोड़ा जा रहा और सबने आंखें बंद कर रखी है। कार्यक्रम का संचालन नीर फाउंडेशन के निदेशक रमन त्यागी ने किया। इस दौरान भूगर्भ जल विभाग के सुकेश सहानी, वीसी गोयल, नीति निर्माता भरत झुनझुनवाला, अनिल गौतम, पीके शर्मा, एमएस वाणी समेत अन्य मौजूद रहे।

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